
दुर्ग संगीत महाविद्यालय में क्रांति! अब नई शिक्षा नीति से होगी पढ़ाई, बिना परीक्षा के सीधे बनें कलाकार
Durg Music College NEP Update: कला और संगीत में करियर बनाने का सपना देख रहे युवाओं के लिए एक बड़ी खबर है। दुर्ग का प्रतिष्ठित संगीत महाविद्यालय अब पूरी तरह से बदल रहा है। इस साल से यहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) लागू हो रही है, जिससे पढ़ाई का तरीका आधुनिक और छात्रों के लिए अधिक फायदेमंद हो जाएगा।दुर्ग संगीत महाविद्यालय में क्रांति!
क्या हैं नए और बड़े बदलाव?
अब तक यहां साल में एक बार परीक्षा होती थी, लेकिन नए सत्र से बड़े बदलाव किए गए हैं:
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सेमेस्टर सिस्टम लागू: अब वार्षिक परीक्षा की जगह साल में दो बार सेमेस्टर परीक्षाएं होंगी।
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क्रेडिट सिस्टम से पढ़ाई: छात्रों को उनके कोर्स के लिए क्रेडिट मिलेंगे, जिससे उनकी प्रगति का मूल्यांकन बेहतर तरीके से हो सकेगा।
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आधुनिक सिलेबस: विश्व प्रसिद्ध खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया नया और अपडेटेड सिलेबस पढ़ाया जाएगा।
खैरागढ़ का स्तर, अब आपके शहर दुर्ग में
यह महाविद्यालय विश्व प्रसिद्ध इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से संबद्ध है, जहां संगीत की शिक्षा लेने के लिए दुनियाभर से छात्र आते हैं। अब दुर्ग के छात्रों को उच्च स्तरीय संगीत की तालीम के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है। वे अपने घर पर रहकर ही एक पेशेवर कलाकार बनने का अपना सपना पूरा कर सकते हैं।दुर्ग संगीत महाविद्यालय में क्रांति!
सुनहरा मौका: बिना एंट्रेंस एग्जाम के सीधा एडमिशन!
इस बदलाव की सबसे बड़ी खुशखबरी यह है कि जहां खैरागढ़ विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए कठिन प्रवेश परीक्षा देनी होती है, वहीं दुर्ग संगीत महाविद्यालय की 40 सीटों पर सीधे दाखिला मिल रहा है। यह उन छात्रों के लिए एक शानदार अवसर है जो संगीत में गहरी रुचि रखते हैं।दुर्ग संगीत महाविद्यालय में क्रांति!
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कोर्स का नाम: बैचलर ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स (BPA)
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विषय: शास्त्रीय गायन (हिंदुस्तानी), भरतनाट्यम, और लोक संगीत।
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एडमिशन की अंतिम तिथि: 31 जुलाई तक प्रवेश जारी रहेंगे।
कैसे लें एडमिशन और क्या है कोर्स की जानकारी?
जो छात्र प्रवेश लेना चाहते हैं, वे सीधे साइंस कॉलेज कैंपस में स्थित संगीत महाविद्यालय में संपर्क कर सकते हैं।दुर्ग संगीत महाविद्यालय में क्रांति!
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संपर्क का समय: सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच।
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कोर्स की खासियत: छात्रों को भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुसार शास्त्रीय संगीत और नृत्य की गहन शिक्षा दी जाएगी। साथ ही, उन्हें देश के त्योहारों और उनकी सांस्कृतिक विरासत से भी जोड़ा जाएगा।
इस नए सिस्टम से न केवल पढ़ाई अधिक रोचक होगी, बल्कि छात्रों को अपने हुनर को निखारने का बेहतर मंच भी मिलेगा।दुर्ग संगीत महाविद्यालय में क्रांति!









