कांकेर

रेत माफिया का आतंक! महानदी की छाती चीरकर खोद डाली पुल की नींव, ढहने की कगार पर, 15 गांवों का संपर्क टूटा

रेत माफिया का आतंक! महानदी की छाती चीरकर खोद डाली पुल की नींव, ढहने की कगार पर, 15 गांवों का संपर्क टूटा

रेत माफिया का आतंक! महानदी की छाती चीरकर खोद डाली पुल की नींव, छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में रेत माफिया की गुंडागर्दी और प्रशासन की कथित मिलीभगत का एक भयावह परिणाम सामने आया है। चारामा क्षेत्र में महानदी पर बने एक महत्वपूर्ण पुल की नींव को अवैध रेत खनन ने इस कदर खोखला कर दिया है कि वह अब ढहने की कगार पर है। ओवरलोड वाहनों की आवाजाही ने ताबूत में आखिरी कील का काम किया, जिसके बाद प्रशासन ने पुल पर आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी है, जिससे दर्जनों गांवों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

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पुल धंसा, आवाजाही बंद, 15 से ज्यादा गांवों का संपर्क टूटा

हाराडुला में महानदी पर बने इस पुल का बीच का हिस्सा खतरनाक तरीके से धंस गया है। सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसी भी बड़े हादसे को रोकने के लिए पुल से आवाजाही पूरी तरह बंद करवा दी। इस पुल के बंद होने से इसका सीधा असर इस क्षेत्र के 15 से ज्यादा गांवों पर पड़ेगा। अब इन ग्रामीणों को कांकेर जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए 20 किलोमीटर से भी ज्यादा का लंबा चक्कर लगाना होगा।रेत माफिया का आतंक! महानदी की छाती चीरकर खोद डाली पुल की नींव

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कैसे खोखला हुआ पुल? 10 फीट गहरी खुदाई और ओवरलोड ट्रकों ने तोड़ी कमर

ग्रामीणों ने इस पूरी तबाही के लिए सीधे तौर पर रेत तस्करों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि तस्करों ने नदी में 10-10 फीट तक गहरी खुदाई कर रेत निकाल ली, जिससे पुल के खंभों की नींव पूरी तरह से कमजोर हो गई। इसके ऊपर, रोजाना रेत से भरे सैकड़ों ओवरलोड हाइवा और भारी वाहनों के गुजरने से जर्जर पुल पर इतना भार पड़ा कि वह बीच से टूट गया और अब कभी भी ढह सकता है।रेत माफिया का आतंक! महानदी की छाती चीरकर खोद डाली पुल की नींव

ग्रामीणों का आरोप: शिकायत करते रहे, प्रशासन माफिया से मिला रहा था हाथ

यह कोई अचानक हुई घटना नहीं है। ग्रामीणों का आरोप है कि वे लंबे समय से नदी के दोनों किनारों पर हो रहे इस अवैध खनन की शिकायतें कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने कभी कोई ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन पर रेत तस्करों से सीधी मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा, “अब पुल टूटने से हमारी मुसीबतें बढ़ गई हैं। किसी अधिकारी को तो इस रास्ते से आना-जाना नहीं है, इसलिए उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन नदी के दोनों ओर बसे हम ग्रामीणों के लिए यह एक बड़ी आपदा है।”रेत माफिया का आतंक! महानदी की छाती चीरकर खोद डाली पुल की नींव

बच्चों की बढ़ी 14 KM की दूरी, मुश्किल हुई पढ़ाई

इस पुल के बंद होने का सबसे बुरा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा है। नदी के दूसरी ओर के गांवों से हाराडुला हाई स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चों को पहले जहां सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी, वहीं अब उन्हें 15 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाकर स्कूल पहुंचना होगा, जिससे उनकी मुश्किलें कई गुना बढ़ गई हैं।रेत माफिया का आतंक! महानदी की छाती चीरकर खोद डाली पुल की नींव

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