डौंडीलोहारा बिजली विभाग में भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का आरोप: अधिकारी मनीराम पर लगे गंभीर आरोप!
कर्मचारियों का शोषण और जनता को मिल रही असुविधा, उच्च स्तरीय जांच की मांग

बालोद : डौंडीलोहारा बिजली विभाग में भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का आरोप: अधिकारी मनीराम पर लगे गंभीर आरोप! छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के डौंडीलोहारा बिजली विभाग में कार्यरत कर्मचारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारी मनीराम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि मनीराम के अधीन विभाग अब सेवा केंद्र के बजाय भ्रष्टाचार और डर का गढ़ बन गया है। उन पर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के उत्पीड़न और शोषण का आरोप है, जिससे विभागीय माहौल अत्यधिक दूषित हो गया है और जनता को भी बिजली संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
उत्पीड़न और रिश्वतखोरी के आरोप:
सूत्रों के अनुसार, कई लाइनमैन और सहायक कर्मचारियों ने शिकायत की है कि मनीराम काम के नाम पर उनसे पैसों की मांग करते हैं। जो कर्मचारी उनकी मांगों को पूरा करने में असमर्थ होते हैं, उन्हें तुरंत स्थानांतरण की धमकी या वास्तविक स्थानांतरण का सामना करना पड़ता है। इस दबाव और शोषण के कारण कई ईमानदार कर्मचारी विभाग छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं।डौंडीलोहारा बिजली विभाग में भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का आरोप
ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप:
मनीराम पर यह भी आरोप है कि वे ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने और विभिन्न परियोजनाओं के बिल फाइल करने में अपने कर्मचारियों का इस्तेमाल करते हैं। जो कर्मचारी इसका विरोध करते हैं, उन्हें डरा-धमका कर चुप करा दिया जाता है। इस कथित मिलीभगत के कारण विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं और जनता की शिकायतों का उचित समाधान नहीं हो पा रहा है।डौंडीलोहारा बिजली विभाग में भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का आरोप
सामाजिक कार्यकर्ता की प्रतिक्रिया:
इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता मोहन निषाद ने गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मनीराम जैसे अधिकारी न केवल जनता का पैसा लूट रहे हैं, बल्कि अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की मेहनत और सम्मान को भी कुचल रहे हैं। यह भ्रष्टाचार का एक व्यवस्थित तंत्र है। जब तक ऐसे लोग पद पर रहेंगे, विभाग में सुधार की कोई उम्मीद नहीं।”डौंडीलोहारा बिजली विभाग में भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का आरोप
जनता और कर्मचारियों की मांग:
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि मनीराम के “शासन” में ईमानदार कर्मचारियों को लगातार हाशिए पर रखा गया है। अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच कथित मिलीभगत ने घोटालों और ठेकेदारी को सामान्य बना दिया है। ग्रामीणों और कर्मचारियों का कहना है कि इस विभागीय भ्रष्टाचार और उत्पीड़न ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। बिजली की अनियमित आपूर्ति, खराब ट्रांसफॉर्मर, टूटे तार और निरंतर दुर्घटनाएं अब आम घटना बन चुकी हैं।डौंडीलोहारा बिजली विभाग में भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का आरोप
अब जनता और कर्मचारी दोनों ही मनीराम के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि प्रशासनिक चुप्पी और संरक्षण के कारण भ्रष्टाचार लगातार बढ़ता जा रहा है। लोग कह रहे हैं, “अब केवल शिकायत से काम नहीं चलेगा, जिम्मेदार अधिकारी को सजा मिलनी चाहिए।”डौंडीलोहारा बिजली विभाग में भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का आरोप
डौंडीलोहारा में यह मामला अब केवल एक विभागीय समस्या नहीं, बल्कि एक सामाजिक संकट बन चुका है। जनता और कर्मचारियों का संदेश स्पष्ट है — मनीराम के तंत्र को उजागर किया जाए और इस मामले में जवाबदेही तय की जाए।डौंडीलोहारा बिजली विभाग में भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का आरोप









