गांजा तस्करी के दो दोषियों को 10-10 साल की सश्रम कैद, कोर्ट का सख्त संदेश
📌 मुख्य बिंदु:
- दो गांजा तस्करों को 10 साल की सश्रम कैद।
- 25 किलो गांजा सहित गिरफ्तारी।
- 1-1 लाख रुपये का जुर्माना और भुगतान न करने पर 1 साल की अतिरिक्त कैद।
- एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई।
- अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक नूतन साहू ने की पैरवी।
महासमुंद कोर्ट का बड़ा फैसला
छत्तीसगढ़ के महासमुंद में गांजा तस्करी के दो दोषियों को कोर्ट ने 10-10 वर्षों की सश्रम कैद की सजा सुनाकर कड़ा संदेश दिया है। एनडीपीएस एक्ट के विशेष न्यायाधीश संघपुष्पा भतपहरी की अदालत ने यह फैसला सुनाया। दोषियों में एक उत्तर पश्चिम दिल्ली (नरेला) निवासी प्रिंस कुमार दुबे, और दूसरा हरिद्वार (कलियर) निवासी मोसिन उर्फ मोहसिन शामिल हैं।गांजा तस्करी के दो दोषियों को 10-10 साल की सश्रम कैद
दोषियों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी
अदालत ने दोनों आरोपियों को एनडीपीएस एक्ट की धारा 20(ख)(ii)(ग) के तहत दोषी पाते हुए 1-1 लाख रुपए के जुर्माने से भी दंडित किया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जुर्माना न भरने पर 1-1 वर्ष की अतिरिक्त सश्रम कैद भुगतनी होगी।गांजा तस्करी के दो दोषियों को 10-10 साल की सश्रम कैद
मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने मारा था छापा
मामला खल्लारी थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि रेलवे स्टेशन के पास एनएच-353 पर दो व्यक्ति गांजा लेकर जा रहे हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से भूरे रंग के बैग में रखा गया 25 किलो गांजा जब्त किया।गांजा तस्करी के दो दोषियों को 10-10 साल की सश्रम कैद
7 पैकेटों में मिला था गांजा
गांजा कुल 7 पैकेटों में पैक था, जिसे आरोपी एक बड़े बैग में रखकर ले जा रहे थे। पुलिस की तफ्तीश के बाद मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक नूतन साहू ने सशक्त पैरवी की और कोर्ट ने दोषियों को कड़ी सजा सुनाई
गांजा तस्करों के लिए नजीर बना फैसला
यह फैसला नशा तस्करी में लिप्त लोगों के लिए एक चेतावनी है कि कानून की पकड़ से कोई नहीं बच सकता। यह केस यह दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ पुलिस और न्याय व्यवस्था नशे के खिलाफ पूरी तरह से सख्त रुख अपनाए हुए है।गांजा तस्करी के दो दोषियों को 10-10 साल की सश्रम कैद