आरटीआई : भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का मजबूत हथियार, 15 वर्षों में हुए बड़े खुलासे

हैदराबाद: भारत में सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम 2005 को लागू किया गया था, जिससे नागरिकों को सरकारी कार्यप्रणाली की पारदर्शिता सुनिश्चित करने का अधिकार मिला। यह अधिनियम नागरिकों को सरकारी फैसलों, नीतियों और भ्रष्टाचार से संबंधित जानकारी प्राप्त करने की शक्ति प्रदान करता है। आरटीआई : भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का मजबूत हथियार, 15 वर्षों में हुए बड़े खुलासे
आरटीआई के तहत की जा सकने वाली प्रमुख मांगें
✅ निर्माण कार्यों की सामग्री की जांच – सड़कों, नालियों, भवनों आदि के निर्माण में इस्तेमाल सामग्री के सैंपल की मांग।
✅ सरकारी कार्यों की पारदर्शिता – किसी भी सामाजिक विकास कार्य की प्रगति या पूर्ण कार्य की स्थिति का निरीक्षण।
✅ सरकारी दस्तावेजों का निरीक्षण – सरकारी रिकॉर्ड, नक्शे और पंजीकृत दस्तावेजों की मांग।
✅ शिकायतों की स्थिति की जानकारी – हाल ही में दर्ज शिकायतों पर हुई कार्रवाई की जानकारी लेना। आरटीआई : भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का मजबूत हथियार, 15 वर्षों में हुए बड़े खुलासे
आरटीआई से उजागर हुए बड़े घोटाले
1️⃣ आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला
वर्ष: 2008
खुलासा: एक्टिविस्ट योगाचार्य आनंदजी और सिमरप्रीत सिंह द्वारा दायर RTI ने महाराष्ट्र के आदर्श हाउसिंग घोटाले को उजागर किया, जिससे तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को इस्तीफा देना पड़ा।
2️⃣ 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला
वर्ष: 2010
खुलासा: RTI कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल द्वारा दायर आवेदन से खुलासा हुआ कि तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा ने कंपनियों को कम कीमत में लाइसेंस बेचे, जिससे 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
3️⃣ राष्ट्रमंडल खेल घोटाला
वर्ष: 2010
खुलासा: RTI से पता चला कि 744 करोड़ रुपये, जो दलितों के सामाजिक कल्याण के लिए थे, उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में लगा दिया गया।
4️⃣ भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी घोटाला
वर्ष: 2005
खुलासा: एनजीओ रिसर्जेंट इंडिया के हितेंद्र जैन ने खुलासा किया कि कारगिल युद्ध राहत के लिए आरक्षित धन का आईएएस अधिकारियों द्वारा दुरुपयोग किया गया था।
5️⃣ असम सार्वजनिक वितरण घोटाला
वर्ष: 2007
खुलासा: RTI से पता चला कि गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के लोगों के लिए खाद्यान्न वितरण में भारी अनियमितता हुई थी। इसके बाद भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की गई।
भ्रष्टाचार के खिलाफ RTI को कैसे बनाएं अधिक प्रभावी?
✅ पीआईओ (Public Information Officer) को विशेष प्रशिक्षण – उन्हें स्वतंत्र निर्णय लेने और पारदर्शिता बनाए रखने का प्रशिक्षण दिया जाए।
✅ सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में बदलाव – RTI आयोगों में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या उनके नामित व्यक्ति को नियुक्ति समिति में शामिल किया जाए।
✅ RTI आवेदकों की गोपनीयता सुनिश्चित करना – RTI आवेदनकर्ताओं की जानकारी लीक होने से बचाने के लिए कड़े नियम लागू किए जाएं।
✅ अदालतों में RTI मामलों के लिए अलग पीठ – लंबित अपीलों को जल्द निपटाने के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अलग से पीठ बनाई जाए।
✅ सरकारी रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण – सभी सरकारी विभागों के दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएं ताकि RTI के जरिए जानकारी प्राप्त करना आसान हो। आरटीआई : भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का मजबूत हथियार, 15 वर्षों में हुए बड़े खुलासे









