शादी में मिले तोहफों पर टैक्स का पेच? जानिए क्या कहते हैं आयकर के नियम
नवविवाहित जोड़े रहें सावधान! महंगे उपहारों का रिकॉर्ड रखना क्यों है ज़रूरी

नई दिल्ली: शादी में मिले तोहफों पर टैक्स का पेच? जानिए क्या कहते हैं आयकर के नियम. शादियों का मौसम पूरे शबाब पर है और इस दौरान उपहारों का लेन-देन भी खूब होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शादी में मिले तोहफे भी आयकर के दायरे में आ सकते हैं? कन्फेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की रिपोर्ट के अनुसार, 1 नवंबर से 14 दिसंबर 2025 तक देश भर के 75 शहरों में करीब 46 लाख शादियां होने का अनुमान है, जिनकी कुल वैल्यू 6.5 लाख करोड़ रुपये होगी। ऐसे में यह जानना बेहद ज़रूरी है कि उपहारों पर लगने वाले टैक्स के क्या नियम हैं।
किन तोहफों पर नहीं लगता टैक्स?
खुशखबरी यह है कि आयकर कानूनों के तहत, शादी के अवसर पर मिले कुछ तोहफों पर टैक्स नहीं लगता है। इसमें माता-पिता, भाई-बहन, जीवनसाथी, ससुराल वालों और वंशजों से मिलने वाले उपहार शामिल हैं। इसका मतलब है कि नवविवाहित जोड़ों को अपने परिवार के इन करीबी सदस्यों से शादी के अवसर पर मिलने वाले किसी भी उपहार पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। ये उपहार किसी भी रूप में हो सकते हैं, जैसे कि घर, संपत्ति, नकद, आभूषण, शेयर आदि, और इनकी वैल्यू कितनी भी हो सकती है। उदाहरण के लिए, यदि माता-पिता शादी के तोहफे के रूप में 10 लाख रुपये बैंक खाते में जमा करते हैं, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।शादी में मिले तोहफों पर टैक्स
रिकॉर्ड रखना क्यों है ज़रूरी?
हालांकि, हर छोटे-बड़े उपहार का हिसाब रखना मुश्किल हो सकता है, फिर भी नवविवाहित जोड़ों को अपनी शादी में मिले महंगे उपहारों, जैसे कि मकान या कार जैसी चीज़ों का रिकॉर्ड रखना चाहिए। इसकी वजह यह है कि आयकर विभाग बैंक खाते में बड़ी जमा राशि की जांच कर सकता है। ऐसे में, उपहारों का उचित दस्तावेज़ीकरण बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसमें उपहार देने वालों के नाम और उनके साथ आपके संबंध का रिकॉर्ड भी शामिल होना चाहिए, ताकि भविष्य में लेन-देन की वैधता स्थापित की जा सके।शादी में मिले तोहफों पर टैक्स
संक्षेप में, करीबी रिश्तेदारों से मिले शादी के तोहफे आमतौर पर टैक्स-फ्री होते हैं, लेकिन पारदर्शिता और भविष्य की किसी भी जांच से बचने के लिए महंगे उपहारों का रिकॉर्ड रखना एक समझदारी भरा कदम है।शादी में मिले तोहफों पर टैक्स









