27 साल बाद खोया हुआ सदस्य मिला
नई दिल्ली: महाकुंभ मेला हमेशा अपनी रहनुमाई और अद्भुत घटनाओं के लिए प्रसिद्ध रहा है। इसी मेले में एक ऐसी दिलचस्प और चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां झारखंड के एक परिवार ने 27 साल बाद अपने खोए हुए सदस्य को खोज निकाला। परिवार का दावा है कि गंगासागर यादव, जो 1998 में लापता हो गए थे, अब अघोरी साधु के रूप में सामने आए हैं। महाकुंभ में 27 साल बाद मिला लापता शख्स, पत्नी की आंखों के सामने आया सच!
गंगासागर यादव का लापता होना
गंगासागर यादव 1998 में पटना जाने के बाद अचानक लापता हो गए थे और इसके बाद उनका कोई सुराग नहीं मिला। उनकी पत्नी धनवा देवी ने अकेले अपने दो बेटों, कमलेश और विमलेश, को पाला। महाकुंभ में 27 साल बाद मिला लापता शख्स, पत्नी की आंखों के सामने आया सच!
27 साल बाद कुंभ मेले में हुआ संयोग
हाल ही में परिवार के एक रिश्तेदार ने कुंभ मेले में एक साधु को देखा, जो गंगासागर जैसा दिखता था। उन्होंने साधु की तस्वीर खींचकर परिवार को भेजी। तस्वीर देखकर परिवार ने धनवा देवी और उनके बेटों के साथ कुंभ मेले का रुख किया। महाकुंभ में 27 साल बाद मिला लापता शख्स, पत्नी की आंखों के सामने आया सच!
साधु ने पहचान को नकारा
परिवार का दावा है कि उन्होंने बाबा राजकुमार के रूप में अपने गंगासागर यादव को पहचाना, लेकिन साधु ने अपनी पहचान से इनकार करते हुए खुद को वाराणसी का साधु बताया। महाकुंभ में 27 साल बाद मिला लापता शख्स, पत्नी की आंखों के सामने आया सच!
पहचान चिह्नों से परिवार का दावा
परिवार ने कुछ विशेष पहचान चिह्नों को आधार बनाकर दावा किया कि यह वही गंगासागर हैं। उन्होंने साधु के लंबे दांत, माथे पर चोट के निशान, और घुटने पर पुराना घाव दिखाया। परिवार ने कुंभ मेला पुलिस से मदद मांगी है और डीएनए टेस्ट की मांग की है, ताकि इस व्यक्ति की असली पहचान साबित की जा सके। महाकुंभ में 27 साल बाद मिला लापता शख्स, पत्नी की आंखों के सामने आया सच!
परिवार की उम्मीद और सत्य की तलाश
गंगासागर के परिवार ने कहा है कि अगर डीएनए टेस्ट में उनका दावा सही साबित हुआ तो यह उनके लिए एक बड़ी राहत होगी, लेकिन अगर गलत साबित हुआ, तो वे बाबा राजकुमार से माफी मांग लेंगे। महाकुंभ में 27 साल बाद मिला लापता शख्स, पत्नी की आंखों के सामने आया सच!