नौसेना को मिला ‘मेड इन इंडिया’ कवच! पनडुब्बी शिकारी INS अर्नाला में लगा भिलाई का फौलादी स्टील

नौसेना को मिला ‘मेड इन इंडिया’ कवच! पनडुब्बी शिकारी INS अर्नाला में लगा भिलाई का फौलादी स्टील
Made in India Defence: भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक और बड़ा कदम बढ़ाया गया है। देश की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के भिलाई स्टील प्लांट (BSP) ने भारतीय नौसेना के नए ‘साइलेंट किलर’ जहाज आईएनएस अर्नाला (INS Arnala) के निर्माण के लिए विशेष ग्रेड का स्टील सप्लाई किया है।नौसेना को मिला ‘मेड इन इंडिया’ कवच!
क्या है INS अर्नाला की खासियत?
आईएनएस अर्नाला भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित पनडुब्बी-रोधी युद्धपोत (Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft) है। इसका मुख्य काम समुद्र के भीतर छिपी दुश्मन की पनडुब्बियों को खोजकर उन्हें नष्ट करना है। 18 जून को इसे भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया, जिससे हमारी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और भी मजबूत हो गई है।नौसेना को मिला ‘मेड इन इंडिया’ कवच!
‘आत्मनिर्भर भारत’ की फौलादी मिसाल
इस अत्याधुनिक युद्धपोत का कवच पूरी तरह से ‘मेड इन इंडिया’ है। SAIL ने इस प्रोजेक्ट के लिए आवश्यक 100% विशेष स्टील की आपूर्ति की है। यह स्टील उच्च-शक्ति और बेहद मजबूत होता है, जो युद्धपोत को किसी भी हमले से बचाने और कठिन समुद्री परिस्थितियों में टिके रहने में मदद करता है। यह उपलब्धि रक्षा क्षेत्र में आयात पर हमारी निर्भरता को कम करने और प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को साकार करने का एक शानदार उदाहरण है।नौसेना को मिला ‘मेड इन इंडिया’ कवच!
सिर्फ एक नहीं, पूरी सीरीज हो रही तैयार
SAIL की यह भूमिका सिर्फ आईएनएस अर्नाला तक ही सीमित नहीं है। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा बनाए जा रहे इस श्रेणी के अन्य सात और युद्धपोतों के लिए भी SAIL ही स्टील की पूरी आपूर्ति कर रहा है। यह रक्षा उत्पादन और स्वदेशी औद्योगीकरण के बीच एक मजबूत गठजोड़ को दर्शाता है।नौसेना को मिला ‘मेड इन इंडिया’ कवच!
यह सहयोग साबित करता है कि भारत अब रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भर नहीं है, बल्कि अपनी जरूरतों को खुद पूरा करने में सक्षम हो रहा है।नौसेना को मिला ‘मेड इन इंडिया’ कवच!









