बस्तर में यूरिया का अकाल: 266 रुपये की खाद 1000 में भी नहीं मिल रही, किसान परेशान!

जगदलपुर। बस्तर में यूरिया का अकाल: 266 रुपये की खाद 1000 में भी नहीं मिल रही, किसान परेशान! छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में इन दिनों यूरिया खाद की भारी किल्लत देखी जा रही है, जिससे किसान अत्यधिक परेशान हैं। 266 रुपये प्रति बोरी वाली यूरिया निजी दुकानों में 1000 रुपये में भी उपलब्ध नहीं है। फसल की बढ़वार के लिए यूरिया का उपयोग करने का यह महत्वपूर्ण समय है, और किसान मौसम खुलने के साथ ही खाद के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। मजबूरी में किसान मुंहमांगी कीमत देकर यूरिया खरीदने को मजबूर हैं।
फसल बढ़वार के लिए यूरिया की बढ़ी मांग, लेकिन बाजार में टोटा
किसान धान, मक्का और अन्य फसलों की बोनी व रोपाई के समय डीएपी व अन्य रासायनिक खाद का उपयोग करते हैं, लेकिन फसल की बढ़वार से लेकर बाली निकलने तक मुख्य रूप से यूरिया का ही इस्तेमाल होता है। वर्तमान में फसल बढ़वार के चरण में है, इसलिए यूरिया की मांग चरम पर है, लेकिन बाजार में इसकी भारी कमी है।बस्तर में यूरिया का अकाल: 266 रुपये की खाद 1000 में भी नहीं मिल रही, किसान परेशान!
बस्तर नगर पंचायत स्थित राव कृषि केंद्र के संचालक शुभम राव ने बताया कि पिछले 2 महीने से यूरिया आ नहीं रहा है। उन्होंने डिमांड भेजी है, लेकिन सरकार द्वारा खाद उपलब्ध न कराने के कारण ऐसी स्थिति बनी है।बस्तर में यूरिया का अकाल: 266 रुपये की खाद 1000 में भी नहीं मिल रही, किसान परेशान!
नैनो यूरिया नहीं, दानेदार यूरिया की है मांग
कृषि केंद्र संचालक राव ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को नैनो यूरिया का उपयोग करने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन किसान दानेदार यूरिया की ही मांग कर रहे हैं। हालांकि, दानेदार यूरिया खुले बाजार से भी गायब है। ग्राम किंजोली के किसान पुरुषोत्तम सुदर, बकावण्ड के मोतीराम, लुदु, ग्राम कोरटा के रामचन्द्र, नरहरि और ग्राम डाबगुड़ा के नरसिंग ने बताया कि एक माह से अधिक समय से बाजार में यूरिया खाद नहीं मिलने से उनकी फसलों की बढ़वार में समस्या आ रही है। बारिश थमने और धूप निकलने के बाद यूरिया खाद की आवश्यकता होती है, लेकिन पिछले दो माह से दुकानों से खाद नहीं मिल रहा है।बस्तर में यूरिया का अकाल: 266 रुपये की खाद 1000 में भी नहीं मिल रही, किसान परेशान!
यूरिया के दाम का टूटा रिकॉर्ड: 1000 रुपये प्रति बोरी
दो साल पहले भी यूरिया की भारी किल्लत हुई थी, तब निजी दुकानों में प्रति बोरी यूरिया अधिकतम 700 से 900 रुपये तक में बिका था। किसान उस समय भी मजबूरी में महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर थे, क्योंकि फसल में समय पर यूरिया डालना आवश्यक होता है। इस सीजन में यह रिकॉर्ड भी टूट गया है, और बाजार में यूरिया 1000 रुपये तक में बिक रहा है। किसान शिकायत भी नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें फसल बचाने की चिंता है।बस्तर में यूरिया का अकाल: 266 रुपये की खाद 1000 में भी नहीं मिल रही, किसान परेशान!
सहकारी समितियों में पर्याप्त यूरिया: कृषि उप संचालक का दावा
हालांकि, इस किल्लत के बीच, उप संचालक, कृषि राजीव श्रीवास्तव का कहना है कि “जिले के सभी पंजीकृत किसानों को आदिम जाति सहकारी समितियों के माध्यम से मांग के अनुसार यूरिया उपलब्ध कराया जा रहा है।” उन्होंने यह भी बताया कि “खाद की कमी दूर करने के लिए नैनो खाद की व्यवस्था की गई है।” श्रीवास्तव के अनुसार, “जिले में अब तक सातों ब्लॉक में एक भी पंजीकृत किसान ने यूरिया खाद उपलब्ध न होने की शिकायत नहीं की है।” यह दावा जमीनी हकीकत से काफी अलग दिख रहा है, जहां किसान महंगे दामों पर यूरिया खरीदने को मजबूर हैं।बस्तर में यूरिया का अकाल: 266 रुपये की खाद 1000 में भी नहीं मिल रही, किसान परेशान!









