कांग्रेस नेता डॉ. चरणदास महंत ने फिर दिया विवादित बयान, प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को लेकर कही ये बड़ी बात

NCG NEWS DESK Gaurela-Pendra- Marwahi:-
करीब महीनेभर पहले ही कांग्रेस नेता डॉ. चरणदास महंत ने हाथ जोड़कर कहा था कि अब वे प्रधानमंत्री मोदी और उनके भक्तों के बारे में कुछ नहीं कहेंगे। अब फिर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को लेकर कुछ ऐसा कह दिया है जिसकी वजह से विवाद खड़ा हो सकता है।
गौरेला-पेंड्रा- मरवाही पहुंचे डॉ. महंत ने आज मीडिया से चर्चा करते हुए फिर पीएम मोदी को लेकर आपत्तिजनक बयान दे दिया। कोरबा संसदीय सीट से प्रत्याशी ज्योत्सना महंत के प्रचार के सिलसिले में यहां पहुंचे डॉ. महंत ने मोदी और शाह को 10वीं पास कह दिया। डॉ. महंत ने कहा कि मोदी और शाह 10वीं पास हैं वो हमें संविधान क्या सिखाएंगे। डॉ. महंत ने यह बयान संविधान बदलन वाली बात पर कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हमारे लिए चट्टे बट्टे शब्द का प्रयोग करते हैं वह अच्छा नहीं लगता है। प्रधानमंत्री मोदी के 400 पार वाले नारे पर डॉ. महंत ने कहा कि मोदी का दिमाग खराब हो गया है। 400 क्या इस बार वे 200 पार नहीं करने वाले हैं।
इससे पहले डॉ. महंत ने पहले कथिततौर पर लाठी मारने की बात कही थी फिर उन्होंने प्रधानमंत्री को डिफाल्टर कह दिया। लाठी मारने वाला बयान उन्होंने कुछ दिनों पहले राजनांदगांव में नामांकन रैली में कही थी। वहीं, फिर उन्होंने पीएम मोदी को लेकर एक बयान दिया। एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए डॉ. महंत ने कहा कि मोदी की गारंटी तो 10 साल से फेल हो रही है। न 2 करोड़ लोगों को रोजगार मिला न 15 लाख रुपये मिले। हम तो बार-बार अपने विधानसभा में बोले हैं लोगों के सामने बोले हैं। डॉ. महंत ने आगे कहा कि जिसकी गारंटी फेल हो चुकी है छत्तीगसढ़ के लोग समझते हैं वो डिफाल्टर आदमी है। डिफाल्टर आदमी के बारे में हम बात नहीं करते हैं। उसकी गारंटी हमारे लिए कोई मायने नहीं रखती।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाठी वाले बयान देने के मामले में नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। उक्त बयान को हेट स्पीच मानते हुए चुनाव आयोग ने नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ अपराध दर्ज करवाने के निर्देश छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को दिए थे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के निर्देश पर जिला प्रशासन के अधिकारी द्वारा महंत के खिलाफ राजनांदगांव कोतवाली थाने में अपराध दर्ज करवाया है।
चरणदास महंत ने लाठी मार कर नरेंद्र मोदी का सर फोड़ देने का बयान दिया था। इसके खिलाफ भाजपा ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर आज कोतवाली थाने में तहसीलदार मनीष कुमार वर्मा के द्वारा एसडीएम व सहायक रिटर्निंग ऑफिसर अतुल विश्वकर्मा के द्वारा प्रेषित ज्ञापन के आधार पर अपराध दर्ज करवाया गया है। पत्र में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ रायपुर को भारत निर्वाचन आयोग के पत्र के साथ प्राप्त ओम पाठक सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सचिव केंद्रीय अनुशासन समिति भारतीय जनता पार्टी द्वारा भारत निर्वाचन आयोग को प्रेषित शिकायत की जांच कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी राजनांदगांव के निर्देश पर सहायक रिटर्निग अधिकारी विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 75 राजनांदगांव द्वारा जांच उपरांत प्रथम दृष्टया नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत के द्वारा सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाठी से सर फोड़ने एवं उनको क्षति पहुंचाने की धमकी देना पाया जाना उल्लेखित किया है। प्रस्तुत ज्ञापन एवं संलग्न जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रथम दृष्टया अपराध धारा 506 भारतीय दंड विधान का घटित होना पाए जाने पर महंत के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है।
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![शिक्षा सत्र का डेढ़ माह बीता, अब तक स्कूलों में नहीं पहुंचीं किताबें, पुरानी पुस्तकों के सहारे भविष्य की पढ़ाई गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: छत्तीसगढ़ में नया शैक्षणिक सत्र 2025-26 शुरू हुए डेढ़ महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले के सरकारी स्कूलों में छात्रों के बस्ते अब भी खाली हैं।[1] पाठ्य पुस्तक निगम की लापरवाही के चलते अधिकांश कक्षाओं की किताबें अब तक स्कूलों तक नहीं पहुंच पाई हैं।[1][2] इस स्थिति के कारण छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है और वे पुरानी किताबों से काम चलाने को मजबूर हैं।[1] त्रैमासिक परीक्षा सिर पर, कैसे पूरा होगा कोर्स? स्कूलों में किताबों की यह कमी शिक्षकों और अभिभावकों दोनों के लिए चिंता का बड़ा कारण बन गई है। लगभग डेढ़ महीने बाद त्रैमासिक परीक्षाएं होनी हैं, ऐसे में बिना नई किताबों के पाठ्यक्रम को समय पर पूरा करना एक बड़ी चुनौती है।[1] जिले के प्राइमरी से लेकर मिडिल स्कूलों तक में यही स्थिति है। उदाहरण के लिए, कक्षा 6वीं के छात्रों को सिर्फ गणित की किताब मिली है, जबकि 8वीं के छात्रों को भी कुछ ही विषयों की पुस्तकें प्राप्त हुई हैं।[1] नए पाठ्यक्रम के कारण पुरानी किताबों से पढ़ाई करना भी पूरी तरह संभव नहीं हो पा रहा है।[1] क्यों हुई किताबों के वितरण में देरी? इस साल किताबों के वितरण में देरी के कई कारण सामने आ रहे हैं: तकनीकी खामियां: इस वर्ष भ्रष्टाचार रोकने के लिए किताबों पर बारकोड लगाए गए हैं।[3][4] लेकिन पाठ्य पुस्तक निगम के पोर्टल का सर्वर बार-बार डाउन होने से स्कूलों में किताबों की स्कैनिंग और डेटा अपलोडिंग का काम अटक गया है, जिससे वितरण रुका हुआ है।[5][6] पुराने डेटा पर छपाई: किताबों की छपाई पुराने यू-डायस (UDISE) डेटा और पिछले साल के स्टॉक के आधार पर की गई। इसमें नए दाखिलों और छात्रों की बढ़ी हुई संख्या का अनुमान नहीं लगाया गया, जिससे कई स्कूलों में मांग के अनुरूप किताबें नहीं पहुंचीं।[1][2] वितरण में अव्यवस्था: पाठ्य पुस्तक निगम से स्कूलों तक किताबें पहुंचाने की प्रक्रिया में भी अव्यवस्था देखने को मिली है।[2][5] प्रशासन के दावों के बावजूद स्थिति जस की तस हालांकि, पाठ्य पुस्तक निगम और शिक्षा विभाग के अधिकारी जल्द ही किताबें पहुंचाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।[2][5] स्कूल प्रबंधन द्वारा जिला कार्यालय को किताबों की मांग के लिए पत्र लिखे जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।[1] इस लापरवाही का खामियाजा सीधे तौर पर प्राइमरी और मिडिल स्कूल के मासूम बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। अभिभावकों और शिक्षकों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द किताबों की व्यवस्था की जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई और भविष्य अधर में न लटके।[1]](https://nidarchhattisgarh.com/wp-content/uploads/2025/08/16a.jpg)





