कांकेर में बारिश ने खोली ‘विकास’ की पोल: जलमग्न सड़कें और कार्यालय, जनता बेहाल!
कांग्रेस के कार्यकाल में बनी करोड़ों की नाली बनी मुसीबत, BJP नेता तक पहुंची शिकायत; कलेक्ट्रेट भी हुआ 'डबरी' समान

कांकेर: कांकेर में बारिश ने खोली ‘विकास’ की पोल: जलमग्न सड़कें और कार्यालय, जनता बेहाल! मानसून की पहली जोरदार बारिश ने कांकेर शहर में ‘विकास’ के दावों की पोल खोल कर रख दी है। जनपद कार्यालय से लेकर बरदेभाटा जैसे रिहायशी इलाकों तक, हर जगह पानी भर गया है, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। स्थिति इतनी खराब है कि इसे ‘बुरा हाल’ कहना भी कम होगा।
बरदेभाटा में करोड़ों की नाली बनी सिरदर्द
बरदेभाटा, जहां की तस्वीरें सामने आई हैं, कांग्रेस के पिछले कार्यकाल में करोड़ों रुपये की लागत से नाली का निर्माण किया गया था। लेकिन विडंबना देखिए, आज वही नाली घरों में पानी भरने का कारण बन गई है। एक पीड़ित व्यक्ति, जिसके घर में बारिश और नाली का पानी भर रहा है, पिछले कई महीनों से मदद के लिए दर-दर भटक रहा है, लेकिन उसकी समस्या का समाधान आज तक नहीं हो पाया है। इस अनदेखी से निराश होकर अब उसने ‘धरना और प्रदर्शन’ की चेतावनी दी है।कांकेर में बारिश ने खोली ‘विकास’ की पोल
कलेक्ट्रेट भी जलमग्न, न्यू बस स्टैंड के सामने भी अव्यवस्था
शहर की सबसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक इमारत, कलेक्ट्रेट, भी बारिश के पानी से लबालब हो गई है, मानो किसी ‘डबरी’ में तब्दील हो गई हो। बताया जा रहा है कि जब से कलेक्ट्रेट बना है, तब से ही यहां पानी भरने की समस्या बनी हुई है। कलेक्ट्रेट में पानी भरने के वीडियो हजारों बार सोशल मीडिया पर साझा किए जा चुके हैं, फिर भी स्थिति जस की तस है।कांकेर में बारिश ने खोली ‘विकास’ की पोल
वहीं, न्यू बस स्टैंड के सामने गुमटियों की स्थिति में कुछ सुधार नज़र आ रहा है, लेकिन समग्र रूप से ‘राजनैतिक शून्यता’ के कारण पूरी व्यवस्था ‘ठप्प’ पड़ी हुई है।कांकेर में बारिश ने खोली ‘विकास’ की पोल
व्यापारियों ने BJP नेता तक पहुंचाई शिकायत
कुछ व्यापारियों ने बारिश और नाली की समस्या को लेकर भाजपा नेता तक शिकायत दर्ज कराई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्ताधारी दल इस गंभीर समस्या पर क्या कदम उठाता है।कांकेर में बारिश ने खोली ‘विकास’ की पोल
जनता का गुस्सा जायज, लेकिन राजनीतिक पार्टियां मौन
अनुराग उपाध्याय जैसे सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार खुलकर इस मुद्दे पर लिख रहे हैं, क्योंकि जो सामने दिख रहा है उसे नजरअंदाज करना संभव नहीं है। उनका यह कहना सही है कि “आपका गुस्सा जायज है, क्रोध को पीना शुरू करों”। लेकिन यह भी सवाल उठता है कि शहर की इस बदहाली पर अन्य राजनीतिक दल मौन क्यों हैं? क्या उन्हें जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है?कांकेर में बारिश ने खोली ‘विकास’ की पोल
“ताज ठुकरा कर पाई है रीढ़ की हड्डी हमने, हमसे उम्मीद मत कीजिए की चापलूसी करेंगे हम .!!” – अनुराग उपाध्याय, कांकेर
यह पंक्ति दर्शाती है कि कांकेर के कुछ लोग अब इस स्थिति से तंग आ चुके हैं और वे निष्पक्ष रूप से अपनी बात रखना चाहते हैं, बिना किसी राजनैतिक दबाव के। शहर में इस जलभराव और अव्यवस्था का शीघ्र समाधान आवश्यक है ताकि नागरिकों को राहत मिल सके।कांकेर में बारिश ने खोली ‘विकास’ की पोल









