वन अधिकार पट्टाधारी किसानों को बड़ी राहत: बिना पंजीयन भी बेच सकेंगे धान
खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए एग्रीस्टेक पोर्टल पर जारी हैं पंजीयन प्रक्रिया, शासन ने दी विशेष छूट

महासमुंद। वन अधिकार पट्टाधारी किसानों को बड़ी राहत: बिना पंजीयन भी बेच सकेंगे धान, छत्तीसगढ़ शासन ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए किसानों को बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने वन अधिकार पट्टाधारी किसानों, भूमिहीन कृषकों (अधिया या रेगा), डुबान क्षेत्र और ग्राम कोटवार प्रकार के किसानों को एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीयन से छूट देने का निर्णय लिया है। अब ये किसान बिना पंजीयन के भी अपना धान बेच सकेंगे।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। शासन ने स्पष्ट किया है कि इस छूट का उद्देश्य वन एवं ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को धान विक्रय प्रक्रिया में आसानी प्रदान करना है।वन अधिकार पट्टाधारी किसानों को बड़ी राहत
एग्रीस्टेक पोर्टल पर चल रही पंजीयन प्रक्रिया
राज्य सरकार ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु किसानों का पंजीयन कृषि विभाग और किसान कल्याण एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के समन्वय से एग्रीस्टेक पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है।वन अधिकार पट्टाधारी किसानों को बड़ी राहत
सभी पात्र किसानों को अपने भू-अधिकार पत्र, बैंक खाता विवरण और आधार संख्या के साथ निर्धारित समयावधि में ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। यह प्रक्रिया कृषि विभाग की डिजिटल प्रणाली के तहत पूरी तरह पारदर्शी तरीके से की जा रही है।वन अधिकार पट्टाधारी किसानों को बड़ी राहत
किन किसानों को मिलेगी छूट
राज्य शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, निम्न वर्ग के किसानों के लिए पंजीयन अनिवार्य नहीं होगा—
-
वन अधिकार पट्टा धारक किसान
-
भूमिहीन कृषक (अधिया या रेगा)
-
डुबान क्षेत्र के किसान
-
ग्राम कोटवार श्रेणी के किसान
इन किसानों को एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीयन से छूट दी गई है, जिससे वे सीधे अपने संबंधित प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) में धान विक्रय कर सकेंगे।
शासन का उद्देश्य – सुविधा और पारदर्शिता
छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य किसानों को सरल, पारदर्शी और परेशानी मुक्त प्रणाली प्रदान करना है। एग्रीस्टेक पोर्टल के माध्यम से राज्य के अधिकांश किसानों का डेटा डिजिटलीकृत किया जा रहा है, ताकि भविष्य में उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे मिल सके।वन अधिकार पट्टाधारी किसानों को बड़ी राहत
वहीं, जिन किसानों को पंजीयन से छूट दी गई है, उनके लिए स्थानीय समितियों के माध्यम से विक्रय प्रक्रिया को सुचारू और निष्पक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं।वन अधिकार पट्टाधारी किसानों को बड़ी राहत
किसानों के लिए अहम सलाह
-
पात्र किसान निर्धारित समयावधि में पंजीकरण जरूर कराएं।
-
आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक और भू-अधिकार पत्र तैयार रखें।
-
किसी भी प्रकार की सहायता के लिए नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय या सहकारी समिति से संपर्क करें।
छत्तीसगढ़ शासन का यह कदम वन अधिकार पट्टाधारी और भूमिहीन किसानों के लिए बड़ी राहत साबित होगा। अब वे बिना किसी अतिरिक्त औपचारिकता के अपना धान बेच सकेंगे, जिससे उन्हें आर्थिक सुरक्षा और सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा।वन अधिकार पट्टाधारी किसानों को बड़ी राहत









