छत्तीसगढ़: जंगली सुअर का शिकार, अर्जुनी वन में मांस और हथियारों संग 4 शिकारी रंगे हाथों गिरफ्तार

छत्तीसगढ़: जंगली सुअर का शिकार, अर्जुनी वन में मांस और हथियारों संग 4 शिकारी रंगे हाथों गिरफ्तार
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मुख्य बातें:
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बलौदाबाजार वन मंडल के अर्जुनी परिक्षेत्र में वन्यजीव शिकार का पर्दाफाश।
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चार आरोपी गिरफ्तार, जंगली सुअर का मांस, कुल्हाड़ी, छुरी और तराजू बरामद।
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मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की टीम ने की कार्रवाई।
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आरोपी पहले भी वन्यजीव अपराधों में रहे हैं संलिप्त।
बलौदाबाजार/अर्जुनी: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार वन मंडल अंतर्गत अर्जुनी वन परिक्षेत्र में वन विभाग की टीम ने वन्यजीवों के अवैध शिकार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने जंगली सुअर का शिकार करने और उसके मांस का बंटवारा करने की तैयारी कर रहे चार आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से जंगली सुअर का मांस, शिकार में प्रयुक्त दो कुल्हाड़ियां, एक छुरी, एक तराजू और अन्य संबंधित सामग्री जब्त की गई है।जंगली सुअर का शिकार,
मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की सफल कार्रवाई
मिली जानकारी के अनुसार, अर्जुनी वन परिक्षेत्र के बीट गार्ड पूनम चंद फेकर को एक विश्वसनीय मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई थी कि एक व्यक्ति मोटरसाइकिल पर सवार होकर जंगली सुअर के शिकार के संबंध में बातचीत कर रहा है। इस सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए वन विभाग की टीम ने संदिग्ध व्यक्ति को रोककर कड़ाई से पूछताछ की।जंगली सुअर का शिकार,
पूछताछ में आरोपी शांतिलाल केंवट ने जंगली सुअर का शिकार करने और उसके मांस का आपस में बंटवारा करने की योजना का खुलासा किया। उसकी निशानदेही पर वन विभाग की टीम ने अन्य तीन साथियों को भी धर दबोचा। मौके से खून से सनी दो नाग कुल्हाड़ियां, एक तेज धार वाली छुरी और एक लकड़ी का गुटका भी बरामद किया गया, जिसका इस्तेमाल संभवतः मांस काटने के लिए किया जाना था।जंगली सुअर का शिकार,
आरोपियों की पहचान और आपराधिक पृष्ठभूमि
गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी साल्हेवारा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बिलारी के निवासी हैं। इनकी पहचान मदनलाल (पिता धनीराम), श्यामलाल (पिता दुकालू), सुशील (पिता दशरथ) और शांतिलाल केंवट (पिता रहसों) के रूप में हुई है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, ये आरोपी पहले भी इस प्रकार के वन्यजीव अपराधों में लिप्त रहे हैं, लेकिन इस बार विभाग की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के चलते वे पकड़े गए।जंगली सुअर का शिकार,
कानूनी कार्रवाई और क्षेत्र में वन्यजीव अपराध
वन विभाग ने चारों आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 एवं वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम 2002 की धारा 9, 39, 50, 51 और 52 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। सभी आरोपियों को जल्द ही माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण कार्रवाई को अंजाम देने वाली टीम में राधेलाल चंद्राकर, भागीरथी सोनवानी, प्रवीण आदिले, भानुप्रताप आढ़े और भारतलाल साहू की सराहनीय भूमिका रही।जंगली सुअर का शिकार,
गौरतलब है कि अर्जुनी वन परिक्षेत्र और आसपास के इलाकों में पिछले कुछ समय से वन्यजीवों की संदिग्ध मौतें और अवैध शिकार की घटनाएं लगातार प्रकाश में आ रही हैं। कुछ माह पूर्व इसी परिक्षेत्र में एक बाइसन (गौर) के शिकार का मामला भी सुर्खियों में रहा था। उस प्रकरण में तत्कालीन बीट गार्ड और डिप्टी रेंजर पर आरोप लगे थे कि उन्होंने उच्चाधिकारियों को सूचित किए बिना और शव का पोस्टमार्टम कराए बगैर ही उसे गुपचुप तरीके से जला दिया था। ताजा कार्रवाई क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर विभाग की बढ़ती गंभीरता को दर्शाती है।जंगली सुअर का शिकार,









