सरगुजा l सरगुजा जिले के रेवापुर गांव में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां के निवासी हबील सिंह को ‘स्नेक मैन’ के नाम से जाना जाता है। हबील सिंह को कई बार जहरीले सांपों ने काटा, लेकिन उन पर कभी भी जहर का कोई असर नहीं हुआ। यह घटना गांववालों और डॉक्टरों के लिए पहेली बन गई है, क्योंकि हबील पूरी तरह से स्वस्थ हैं।छत्तीसगढ़ के ‘स्नेक मैन’ हबील सिंह
बचपन से ही सांप पकड़ने का शौक
रेवापुर गांव के 25 किलोमीटर दूर स्थित इस छोटे से गांव में हबील सिंह का नाम सांपों से जुड़े किस्सों के लिए मशहूर है। 15 साल की उम्र से ही हबील को सांप पकड़ने का शौक था। इस दौरान उन्हें कई बार जहरीले सांप काट चुके हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी जहर का असर महसूस नहीं किया।छत्तीसगढ़ के ‘स्नेक मैन’ हबील सिंह
डॉक्टरों की जांच में हबील पूरी तरह स्वस्थ
हबील सिंह की इस अनोखी स्थिति को समझने के लिए डॉक्टरों ने उनकी जांच की। रिपोर्ट के अनुसार, हबील का ब्लड ग्रुप A पॉजिटिव है और उनके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा 11 फीसदी है। डॉक्टरों के अनुसार, हबील पूरी तरह से स्वस्थ हैं। लेकिन यह सवाल अब भी बना हुआ है कि उनके शरीर पर सांपों के जहर का कोई असर क्यों नहीं होता।छत्तीसगढ़ के ‘स्नेक मैन’ हबील सिंह
रिसर्च का विषय बनी हबील की स्थिति
डॉक्टरों के अनुसार, कभी-कभी सांप काटने पर ड्राई बाइट हो सकता है, जिसमें सांप जहर नहीं छोड़ता। लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या यह बार-बार हो सकता है। डॉक्टरों का मानना है कि हबील की स्थिति वास्तव में रिसर्च का विषय है और इस पर गहराई से अध्ययन करने की जरूरत है।छत्तीसगढ़ के ‘स्नेक मैन’ हबील सिंह
सांपों के बारे में जानिए कुछ खास बातें
- भारत में सांपों की 300 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं।
- छत्तीसगढ़ में 70 प्रकार के सांप जहरीले होते हैं।
- सरगुजा में कॉमन करैत प्रजाति का सांप सबसे अधिक मिलता है।
- कॉमन करैत सांप को ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है, क्योंकि यह कोबरा से पांच गुना ज्यादा जहरीला होता है।
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