कुत्ते वफादार तो होते ही हैं लेकिन “बेशर्म” भी माने जाते है लेकिन उसके पीछे का सच सब ख़ामोश होकर देखते ही रहते हैं

कांकेर : कुत्ते वफादार तो होते ही हैं लेकिन ” बेशर्म ” भी माने जाते है किंतु – परंतु उसके पीछे का सच सब ख़ामोश होकर देखते ही रहते हैं बीच Market हो या फिर कोई Parking स्थल कुत्तों की महफ़िल सज ही जाती है और अगर आप महिलाओं के साथ हो तो ” लज्जा ” भी लग जाती है पर कर भी क्या कर सकते हैं ?
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इस वक्त Kanker शहर में लगभग 500 से अधिक कुत्तों का सामुहिक गैंग है जो सामुहिक गैंग के रूप में अलग अलग स्थानों में घुमते हैं और क्रियाकलापों में व्यस्त रहते हैं और जिस प्रकार से कुछ दिनों पहले गढ़िया पहाड़ में Black बंदरों के बीच खूनी संघर्ष हुआ जो Social media में वायरल के साथ और कुछ अखबारों में प्रकाशित भी हुआ l कुत्तों ” DOG ” की संख्या में वृद्धि लगातार हो रही है और हमले भी हुए हैं काफी लोग लोग घायल हुए हैं !
Kanker शहर के पर्यावरणविद् ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि …”जानवरों का आतंक शहर में निरंतर बढ़तें जा रही है भालू व तेंदुए तो है ही पर झुंड में कुत्तों का सामुहिक रूप से विचरण करना इस मौसम में काफी खतरनाक है ” !









