निर्वाचन आयोग ने मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया तेज की

Raipur. रायपुर। भारत के निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने के लिए अहम कदम उठाया है। नई दिल्ली स्थित निर्वाचन सदन में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, UIDAI के सीईओ और निर्वाचन आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हुए। निर्वाचन आयोग ने मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया तेज की
मतदाता पहचान पत्र और आधार लिंकिंग का कानूनी आधार
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिकों को प्राप्त है। आधार कार्ड नागरिक की पहचान स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसी को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने यह तय किया कि—
- जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के तहत मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया की जाएगी।
- इस प्रक्रिया को सर्वोच्च न्यायालय के WP (Civil) संख्या 177/2023 में दिए गए निर्णय के अनुरूप किया जाएगा।
- इस दिशा में UIDAI और निर्वाचन आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच जल्द ही तकनीकी परामर्श शुरू होगा। निर्वाचन आयोग ने मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया तेज की
आधार से लिंकिंग से क्या होगा फायदा?
✅ डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र की पहचान होगी।
✅ फर्जी मतदाताओं को हटाया जा सकेगा।
✅ मतदान प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुरक्षित होगी।
✅ मतदाताओं को अपने वोटर आईडी अपडेट करने में आसानी होगी।
आगे की योजना
निर्वाचन आयोग इस परियोजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए UIDAI के साथ तकनीकी समन्वय करेगा। जल्द ही इस पर एक विस्तृत दिशानिर्देश जारी किया जाएगा, जिससे मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया सुगम और सुरक्षित बनाई जा सके। निर्वाचन आयोग ने मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया तेज की
 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				









