
बरेली में भरोसे का कत्ल! दोस्त ने ही रची 7.5 लाख की ठगी की साजिश, ट्रैक्टर और पैसे दोनों गंवाए
मुख्य बिंदु:-
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फैक्ट्री में ट्रैक्टर किराए पर लगवाने का झांसा देकर दोस्त ने ही युवक से ठगी की।
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फर्जी दस्तावेजों पर 5 लाख का लोन कराया, 2.5 लाख नकद भी हड़पे।
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स्थानीय पुलिस पर समझौते का दबाव बनाने का आरोप, डीआईजी के हस्तक्षेप के बाद FIR दर्ज।
बरेली के बिथरी चैनपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक युवक के साथ उसके ही परिचित ने 7.5 लाख रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दिया। पीड़ित को पहले ट्रैक्टर खरीदने के लिए मनाया गया, फिर बैंक से लोन कराकर उसके ट्रैक्टर को ही गायब कर दिया गया और किसी और को बेच दिया। जब पीड़ित ने पुलिस से गुहार लगाई, तो वहां भी कार्रवाई के बजाय समझौते का दबाव बनाया गया। अंत में, डीआईजी के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई है।बरेली में भरोसे का कत्ल!
कैसे बिछाया गया धोखाधड़ी का जाल?
बिथरी चैनपुर के गोपालपुर नगरिया गांव के रहने वाले अनूप ने बताया कि उनके एक परिचित अनिल सिंह ने उन्हें एक सुनहरा मौका दिखाया। अनिल ने कहा कि वह एक फार्म ट्रैक ट्रैक्टर खरीद लें और उसे अनिल की फैक्ट्री में किराए पर लगा दें, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी होगी। दोस्त पर भरोसा कर अनूप इस प्रस्ताव के लिए तैयार हो गए और 18 अगस्त, 2022 को पीलीभीत रोड स्थित गुरु नानक इंटरप्राइजेज पर ट्रैक्टर का सौदा तय कर लिया।बरेली में भरोसे का कत्ल!
लोन और फर्जीवाड़े का खेल
ट्रैक्टर की कुल कीमत 7.50 लाख रुपये तय हुई। अनूप ने अपनी जमापूंजी से 2.50 लाख रुपये नकद दिए, जबकि बाकी 5 लाख रुपये के लिए बैंक से लोन की प्रक्रिया शुरू की गई। पीड़ित का आरोप है कि इसी दौरान ट्रैक्टर एजेंसी के मालिक सतेन्द्र पाल सिंह और अनिल ने मिलकर फर्जी इनवॉइस, इंजन नंबर और चेचिस नंबर वाले दस्तावेज तैयार किए। उन कागजों पर अनूप से हस्ताक्षर कराकर लोन की रकम सीधे फर्म के खाते में ट्रांसफर करा ली गई। 22 अगस्त को बैंक कर्मचारी पुष्टि के लिए अनूप के घर भी आए और उनकी माँ का अंगूठा बतौर जमानती लगवाया, जिससे उन्हें यकीन हो गया कि सब कुछ सही है।बरेली में भरोसे का कत्ल!
“ट्रैक्टर में कमी है”… और फिर हो गया गायब
लोन पास होने के बाद अनूप ने ट्रैक्टर अनिल की फैक्ट्री में लगा दिया। लेकिन कहानी ने मोड़ तब लिया जब 25 अगस्त को एजेंसी मालिक सतेन्द्र पाल अपने कुछ साथियों के साथ फैक्ट्री पहुंचा। उसने बहाना बनाया कि ट्रैक्टर में कुछ तकनीकी खराबी है और उसे ठीक करने के लिए एजेंसी ले जाना होगा। अनूप ने भरोसा करके ट्रैक्टर वापस दे दिया। कई दिन बीत जाने के बाद भी जब ट्रैक्टर वापस नहीं मिला तो अनूप को शक हुआ।बरेली में भरोसे का कत्ल!
जब सच सामने आया तो मिली धमकियां
3 सितंबर को जब अनूप खुद एजेंसी पहुंचे और ट्रैक्टर के बारे में पूछा तो सतेन्द्र पाल और उसके साथियों ने साफ इनकार कर दिया। उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा, “तेरा पैसा हम खा गए और ट्रैक्टर भी 23 अगस्त को ही बबलू नाम के व्यक्ति को बेच दिया है। अब तुझसे जो हो सके, कर ले।” यह सुनकर अनूप के पैरों तले जमीन खिसक गई।बरेली में भरोसे का कत्ल!
थाने में समझौते का दबाव, DIG के आदेश पर एक्शन
धोखाधड़ी का शिकार होने के बाद अनूप न्याय के लिए स्थानीय थाने पहुंचे, लेकिन वहां उनकी एफआईआर लिखने के बजाय पुलिस ने आरोपियों से समझौता करने का दबाव बनाया। उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनका लोन खत्म करा दिया जाएगा और नकद रकम भी लौटा दी जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि इन लोगों ने कई और लोगों के साथ भी इसी तरह की ठगी की है और अब अपनी फर्म बंद करके फरार होने की फिराक में हैं।बरेली में भरोसे का कत्ल!
अंत में थक-हारकर पीड़ित ने बरेली के डीआईजी अजय साहनी से मुलाकात की और पूरी आपबीती सुनाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी ने तत्काल मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया, जिसके बाद बिथरी चैनपुर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।बरेली में भरोसे का कत्ल!









