दीपका कोयला खदान से बढ़ता प्रदूषण: ग्रामीणों की सेहत पर मंडरा रहा खतरा

कोयला डस्ट से सिरकी खुर्द के ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी
कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (SECL) की दीपका कोयला खदान से निकलने वाली कोल डस्ट सिरकी खुर्द के ग्रामीणों के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है। बढ़ते प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों को देखते हुए ग्रामीणों ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी को नौ सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। ग्रामीणों ने SECL प्रबंधन से कोल डस्ट प्रदूषण को नियंत्रित करने और स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। दीपका कोयला खदान से बढ़ता प्रदूषण: ग्रामीणों की सेहत पर मंडरा रहा खतरा
प्रदूषण से बढ़ रही स्वास्थ्य समस्याएं
ग्रामीणों का कहना है कि खदान से निकलने वाली कोल डस्ट और कोयला परिवहन के दौरान उड़ने वाली धूल से सांस की बीमारियां, अस्थमा और आंखों में जलन जैसी समस्याएं बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों की मानें तो वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है। दीपका कोयला खदान से बढ़ता प्रदूषण: ग्रामीणों की सेहत पर मंडरा रहा खतरा
सर्वे रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े
हाल ही में हुए एक पर्यावरण सर्वेक्षण में यह सामने आया कि दीपका क्षेत्र में PM 2.5 का स्तर 374 और PM 10 का स्तर 411 तक पहुंच चुका है। यह स्थिति बेहद खतरनाक मानी जाती है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि SECL के अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण उपायों को नजरअंदाज कर रहे हैं, जिससे गांव की आबोहवा जहरीली होती जा रही है। दीपका कोयला खदान से बढ़ता प्रदूषण: ग्रामीणों की सेहत पर मंडरा रहा खतरा
ग्रामीणों की मांग: मुआवजा, पुनर्वास और पारदर्शिता
ग्रामीणों ने SECL प्रबंधन से प्रदूषण रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने, प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने और पुनर्वास प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने की मांग की है। क्षेत्रीय निवासी और समिति अध्यक्ष प्रकाश कोर्राम ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। दीपका कोयला खदान से बढ़ता प्रदूषण: ग्रामीणों की सेहत पर मंडरा रहा खतरा









