भारत ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास: ISRO-NASA का NISAR सैटेलाइट लॉन्च, अब पृथ्वी के हर कोने पर रहेगी पैनी नजर

भारत ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास: ISRO-NASA का NISAR सैटेलाइट लॉन्च, अब पृथ्वी के हर कोने पर रहेगी पैनी नजर
मुख्य बातें:
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भारत और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसियों, इसरो और नासा ने मिलकर रचा इतिहास।
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श्रीहरिकोटा से GSLV-F16 रॉकेट के जरिए ‘निसार’ अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण।
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1.5 अरब डॉलर की लागत वाला यह मिशन पृथ्वी की हर गतिविधि पर रखेगा नजर।
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प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी, कृषि और जलवायु परिवर्तन के अध्ययन में मिलेगी अभूतपूर्व मदद।
श्रीहरिकोटा। भारत ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास: ISRO-NASA का NISAR सैटेलाइट लॉन्च, भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक छलांग लगाई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के संयुक्त मिशन ‘निसार’ (NISAR) को बुधवार शाम 5:40 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है। यह दुनिया का अब तक का सबसे महंगा अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट है, जो हमारी पृथ्वी की निगरानी एक नए और क्रांतिकारी तरीके से करेगा।
GSLV रॉकेट ने भरी उड़ान
GSLV-F16/NISAR
Liftoff
And we have liftoff! GSLV-F16 has successfully launched with NISAR onboard.Livestreaming Link: https://t.co/flWew2LhgQ
For more information:https://t.co/XkS3v3M32u #NISAR #GSLVF16 #ISRO #NASA
— ISRO (@isro) July 30, 2025
2,392 किलोग्राम वजनी और 51.7 मीटर लंबे इस विशाल सैटेलाइट को भारत के सबसे भरोसेमंद लॉन्च व्हीकल GSLV-F16 रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया। रॉकेट ने ‘निसार’ (नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार) को पृथ्वी की सूर्य-समकालिक कक्षा में स्थापित किया, जहां से यह अगले कई वर्षों तक धरती का चक्कर लगाते हुए महत्वपूर्ण डेटा भेजेगा।भारत ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास: ISRO-NASA का NISAR सैटेलाइट लॉन्च
कैसे काम करेगा निसार?
निसार की खासियत इसका अत्याधुनिक रडार सिस्टम है। यह हर 12 दिन में पूरी पृथ्वी की सतह का एक चक्कर पूरा करेगा और बेहद हाई-रिजॉल्यूशन तस्वीरें खींचेगा।भारत ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास: ISRO-NASA का NISAR सैटेलाइट लॉन्च
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एडवांस रडार टेक्नोलॉजी: यह दोहरी आवृत्ति (L-बैंड और S-बैंड) रडार इमेजिंग तकनीक का उपयोग करने वाला पहला उपग्रह है। यह बादलों और घने जंगलों के पार भी देख सकता है और दिन-रात काम करने में सक्षम है।
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पृथ्वी की धड़कन पर नजर: यह ज्वालामुखी विस्फोट, भूकंप, भूस्खलन, ग्लेशियरों के पिघलने और समुद्र के जल स्तर में बदलाव जैसी हर छोटी-बड़ी प्राकृतिक गतिविधि पर पैनी नजर रखेगा।
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आपदा प्रबंधन में क्रांति: इससे मिलने वाले सटीक डेटा से प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी करना और समय रहते बचाव कार्य शुरू करना संभव होगा, जिससे लाखों जानें बचाई जा सकेंगी।
पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों को मिलेगा फायदा
हालांकि इसरो पहले भी रिसोर्ससैट और रीसैट जैसे पृथ्वी अवलोकन उपग्रह लॉन्च कर चुका है, लेकिन उनका दायरा मुख्य रूप से भारतीय क्षेत्र तक ही सीमित था। निसार मिशन का लक्ष्य पूरी पृथ्वी पर फोकस करना है, जिससे मिलने वाले डेटा का लाभ दुनिया भर के वैज्ञानिकों को मिलेगा। यह जलवायु परिवर्तन, कृषि प्रबंधन और पारिस्थितिकी तंत्र को समझने में एक गेम-चेंजर साबित होगा।भारत ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास: ISRO-NASA का NISAR सैटेलाइट लॉन्च
‘अब हम अग्रणी भूमिका में हैं’ – इसरो अध्यक्ष
इस सफल प्रक्षेपण पर इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने इसे उपग्रह प्रौद्योगिकी में भारत की अग्रणी भूमिका की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, “1975 में आर्यभट्ट के प्रक्षेपण से हुई साधारण शुरुआत से, जब हम दूसरे देशों पर निर्भर थे, आज हम धीरे-धीरे एक अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। आज दो महान देशों ने मिलकर एक महत्वपूर्ण उपग्रह बनाया है और मुझे गर्व है कि इसे हमारे यान द्वारा भारतीय धरती से प्रक्षेपित किया गया।”भारत ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास: ISRO-NASA का NISAR सैटेलाइट लॉन्च









