छत्तीसगढ़ में गांजा तस्करी का ‘फैमिली पैक’: स्कूटी पर मासूम बच्चे, बैग में गांजा… पुलिस को भी हो रहा धोखा!

छत्तीसगढ़ में गांजा तस्करी का ‘फैमिली पैक’: स्कूटी पर मासूम बच्चे, बैग में गांजा… पुलिस को भी हो रहा धोखा!
मुख्य बिंदु:
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छत्तीसगढ़ में गांजा माफिया ने बदला तस्करी का तरीका, अब पुरुषों की जगह महिलाओं और बच्चों का कर रहे इस्तेमाल।
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स्कूटी पर एक आम परिवार की तरह निकलती हैं महिलाएं, बैग में रखती हैं गांजे की खेप।
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पुलिस को चकमा देने के लिए चेहरे पर स्कार्फ और साथ में नाबालिग बच्चे होते हैं, ताकि किसी को शक न हो।
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ओडिशा बॉर्डर से जांजगीर-चांपा, बिलासपुर और रायपुर तक फैला है यह नया तस्करी नेटवर्क।
CG Crime News:छत्तीसगढ़ में गांजा तस्करी का ‘फैमिली पैक, छत्तीसगढ़ में नशे के सौदागरों ने पुलिस की आँखों में धूल झोंकने का एक नया और चौंकाने वाला तरीका ईजाद कर लिया है। अब लग्जरी कारों में क्विंटल भर गांजा नहीं, बल्कि स्कूटी पर गृहिणियों और मासूम बच्चों की आड़ में किलो-किलो गांजे की तस्करी हो रही है। यह ‘फैमिली पैक’ मॉडल इतना शातिर है कि पहली नजर में पुलिस भी धोखा खा जाती है।
कैसे काम करता है यह ‘फैमिली मॉडल’?
गांजा तस्करों का यह नया modus operandi बेहद चालाकी भरा है।
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चेहरे पर महिला, पीछे पुरुष: तस्करी का मास्टरमाइंड पुरुष ही होता है, लेकिन वह खुद सामने नहीं आता। वह अपने घर की महिलाओं, जैसे पत्नी या अन्य रिश्तेदारों को इस काम में आगे करता है।
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मासूमियत का ढोंग: महिला अपनी नाबालिग बेटी या किसी बच्चे को स्कूटी पर साथ लेकर निकलती है। चेहरे पर स्कार्फ बंधा होता है, जिससे पहचान छिपी रहे और यह एक आम घरेलू महिला लगे जो किसी काम से बाहर जा रही है।
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बैग में छिपा ‘जहर’: स्कूटी के सामने या डिक्की में रखे बैग में स्कूल की किताबों या घर के सामान के नीचे गांजे की खेप छिपाई जाती है।
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पुलिस को धोखा: सड़क पर चेकिंग के दौरान पुलिसकर्मी आमतौर पर बच्चे के साथ जा रही महिला को रोकने से बचते हैं, जिससे ये तस्कर आसानी से अपने ठिकाने तक पहुंच जाते हैं।
क्यों बदल रहा है तस्करी का तरीका?
पहले गांजा तस्कर बड़ी गाड़ियों और ट्रकों का इस्तेमाल करते थे, लेकिन पुलिस की बढ़ती सख्ती और लगातार हो रही गिरफ्तारियों ने उन्हें तरीका बदलने पर मजबूर कर दिया। बड़ी गाड़ियों पर पुलिस की नजर आसानी से पड़ जाती है, जबकि स्कूटी पर एक महिला और बच्चे के साथ गांजा ले जाना एक ‘लो-प्रोफाइल’ तरीका है, जिसमें पकड़े जाने का खतरा कम होता है।छत्तीसगढ़ में गांजा तस्करी का ‘फैमिली पैक
ओडिशा बॉर्डर से छत्तीसगढ़ तक: तस्करी का हॉटस्पॉट
इस तस्करी नेटवर्क की जड़ें ओडिशा से जुड़ी हैं।
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एंट्री पॉइंट: तस्कर ओडिशा बॉर्डर से सारंगढ़ और रायगढ़ जिले की सीमाओं को पार करते हैं।
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मुख्य केंद्र: जांजगीर-चांपा जिले का बिर्रा इलाका इन तस्करों के लिए एक अहम ट्रांजिट पॉइंट बन गया है।
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सप्लाई चेन: बिर्रा बॉर्डर पार करने के बाद यह गांजा जांजगीर-चांपा के स्थानीय इलाकों के अलावा बिलासपुर और रायपुर जैसे बड़े शहरों तक पहुंचाया जाता है।
पुलिस की कार्रवाई और चुनौती
हालांकि यह तरीका नया और चुनौतीपूर्ण है, लेकिन पुलिस भी अब सतर्क हो गई है। हाल ही में बिर्रा पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर एक महिला को स्कूटी पर गांजा तस्करी करते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। उसके कब्जे से साढ़े चार किलो गांजा जब्त किया गया। यह गिरफ्तारी इस बात का सबूत है कि पुलिस इस नए ट्रेंड पर नजर बनाए हुए है, लेकिन यह भी सच है कि कई तस्कर इस ‘फैमिली कवर’ का फायदा उठाकर अपने मकसद में कामयाब हो जाते हैं।छत्तीसगढ़ में गांजा तस्करी का ‘फैमिली पैक









