झारखंड शराब घोटाला: रायपुर EOW ने IAS विनय चौबे के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी

Raipur. रायपुर। झारखंड में बड़े शराब घोटाले को लेकर जांच तेज हो गई है। रायपुर की आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने झारखंड सरकार से वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और उत्पाद विभाग के अधिकारी गजेंद्र सिंह के खिलाफ धारा 17(क) के तहत जांच की अनुमति मांगी है। झारखंड शराब घोटाला: रायपुर EOW ने IAS विनय चौबे के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी
क्या है पूरा मामला?
रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के निवासी विकास सिंह की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ और झारखंड के अधिकारियों की मिलीभगत से शराब घोटाले को अंजाम दिया गया, जिससे राज्य सरकार को अरबों रुपये का नुकसान हुआ।
विकास सिंह के अनुसार, दोनों राज्यों के अधिकारियों ने मिलकर झारखंड की आबकारी नीति में बदलाव करवाया, जिसका फायदा एक बड़े शराब सिंडिकेट को मिला। साथ ही, आरोप लगाया गया कि शराब कारोबार में मैनपावर सप्लाई को लेकर भी बड़ा घोटाला किया गया। झारखंड शराब घोटाला: रायपुर EOW ने IAS विनय चौबे के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
- अप्रैल 2023 में IAS विनय चौबे और के. सत्यार्थी ने ईडी (ED) के रायपुर कार्यालय में बयान दर्ज कराया था।
- जांच में सामने आया कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के कार्यकाल में अधिकारियों और व्यापारियों के गठजोड़ से यह घोटाला हुआ।
- 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों में अवैध रूप से डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर शराब बेची गई, जिससे करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान हुआ।
- झारखंड में भी छत्तीसगढ़ मॉडल पर शराब नीति लागू की गई थी, और इसी नीति के तहत एक ही कंपनी को झारखंड में होलोग्राम आपूर्ति का ठेका दिया गया था।
- छत्तीसगढ़ में जब इस कंपनी की भूमिका उजागर हुई, तो झारखंड सरकार ने इसे ब्लैकलिस्ट कर दिया। झारखंड शराब घोटाला: रायपुर EOW ने IAS विनय चौबे के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी
छत्तीसगढ़ से कैसे जुड़ा मामला?
छत्तीसगढ़ मॉडल को मई 2022 से झारखंड में लागू किया गया था। इस दौरान—
- छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी एपी त्रिपाठी को झारखंड में सलाहकार नियुक्त किया गया था।
- प्रिज्म होलोग्राम एंड फिल्म सिक्योरिटी लिमिटेड को शराब की बोतलों पर होलोग्राम छापने का ठेका दिया गया था।
- मेसर्स सुमित फैसिलिटीज लिमिटेड को मैनपावर सप्लाई की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
ईओडब्ल्यू (EOW) की एफआईआर के मुताबिक, दिसंबर 2022 में रायपुर में कारोबारी अनवर ढेबर के ठिकाने पर एक बैठक हुई थी, जिसमें—
- एपी त्रिपाठी
- अनिल टुटेजा
- अरविंद सिंह
- झारखंड के उत्पाद अधिकारी
मौजूद थे। आरोप है कि नीति में बदलाव कर सुमित कंपनी को फायदा पहुंचाया गया, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। झारखंड शराब घोटाला: रायपुर EOW ने IAS विनय चौबे के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी
आगे क्या होगा?
EOW ने झारखंड सरकार से IAS विनय चौबे और अन्य अधिकारियों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी है। अगर सरकार से मंजूरी मिलती है, तो इन अधिकारियों पर विधिवत कार्रवाई शुरू हो सकती है। झारखंड शराब घोटाला: रायपुर EOW ने IAS विनय चौबे के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी









