बॉम्बे हाईकोर्ट में मराठा आरक्षण पर सुनवाई से जज ने खींचे हाथ: कुनबी प्रमाण पत्र वितरण का रास्ता साफ!
मराठा आरक्षण: हाईकोर्ट के फैसले से कुनबी प्रमाणपत्र वितरण प्रक्रिया को मिली गति, ओबीसी कोटे के तहत मिलेगा लाभ

मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट में मराठा आरक्षण पर सुनवाई से जज ने खींचे हाथ: कुनबी प्रमाण पत्र वितरण का रास्ता साफ! बॉम्बे हाईकोर्ट में सोमवार को मराठा आरक्षण से जुड़े एक अहम मामले पर सुनवाई टल गई, जिससे मराठा समाज के पात्र व्यक्तियों को कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को और गति मिलने की उम्मीद है। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठा समाज को कुनबी प्रमाणपत्र देने के निर्णय के खिलाफ दायर याचिकाओं से संबंधित है। कुनबी प्रमाणपत्र मिलने के बाद मराठा समाज को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कोटे के तहत आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
जज ने सुनवाई से खुद को किया अलग
मिली जानकारी के अनुसार, यह याचिकाएं सोमवार को जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस संदेश पाटील की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए प्रस्तुत की गई थीं। हालांकि, जस्टिस पाटील ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए इन याचिकाओं पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इन मामलों पर सुनवाई नहीं कर सकते। इसके बाद, खंडपीठ ने याचिकाओं की सुनवाई से हटने का निर्णय लिया। अब इन याचिकाओं को बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंखड की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए रखा जाएगा। अदालत के इस रुख ने फिलहाल राज्य सरकार के मराठा आरक्षण संबंधी निर्णय को एक प्रकार की राहत प्रदान की है।
सरकार का अहम निर्णय और ओबीसी संगठनों की चुनौती
दरअसल, 2 सितंबर को महाराष्ट्र सरकार ने एक सरकारी प्रस्ताव (GR) जारी किया था, जिसने मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठा समाज के लिए कुनबी प्रमाणपत्र प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त किया। कुनबी एक कृषि प्रधान समुदाय है जिसे ओबीसी श्रेणी में शामिल किया गया है। इस प्रमाणपत्र के माध्यम से मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।बॉम्बे हाईकोर्ट में मराठा आरक्षण पर सुनवाई से जज ने खींचे हाथ: कुनबी प्रमाण पत्र वितरण का रास्ता साफ!
हालांकि, राज्य सरकार के इस निर्णय को कुछ ओबीसी संगठनों ने चुनौती दी थी। इन संगठनों ने सरकार के फैसले को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द करने की मांग के साथ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनका तर्क है कि इससे ओबीसी श्रेणी में अन्य समुदायों के लिए उपलब्ध आरक्षण प्रभावित होगा।बॉम्बे हाईकोर्ट में मराठा आरक्षण पर सुनवाई से जज ने खींचे हाथ: कुनबी प्रमाण पत्र वितरण का रास्ता साफ!
हैदराबाद गैजेट: मराठा आरक्षण की ऐतिहासिक नींव
मराठा आरक्षण की इस लड़ाई में ‘हैदराबाद गैजेट’ का विशेष महत्व है। साल 1918 में तत्कालीन हैदराबाद निज़ाम शासन ने यह गैजेट जारी किया था। इस ऐतिहासिक दस्तावेज में मराठा समाज को ‘हिंदू मराठा’ नाम से शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान किया गया था। उस समय सत्ता और नौकरियों में मराठों की कथित उपेक्षा के चलते यह कदम उठाया गया था। आज भी इस ऐतिहासिक आदेश को मराठा समाज की आरक्षण की लड़ाई की नींव माना जाता है।बॉम्बे हाईकोर्ट में मराठा आरक्षण पर सुनवाई से जज ने खींचे हाथ: कुनबी प्रमाण पत्र वितरण का रास्ता साफ!
मनोज जरांगे पाटील का आंदोलन और सरकार पर दबाव
पिछले महीने, मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटील ने मुंबई के आजाद मैदान में एक बड़ा आंदोलन छेड़ा था। उन्होंने पाँच दिनों तक अनशन किया, जिसके दौरान राज्य भर से हजारों मराठा उनके समर्थन में मुंबई पहुँचे। इस भारी दबाव के चलते, तत्कालीन फडणवीस सरकार को कई महत्वपूर्ण फैसले लेने पड़े। इन्हीं फैसलों में मराठा आरक्षण लागू करने के लिए हैदराबाद गैजेट को आधार बनाने की घोषणा भी शामिल थी, जिससे मराठाओं को कुनबी श्रेणी के तहत ओबीसी आरक्षण का फायदा मिल सके।बॉम्बे हाईकोर्ट में मराठा आरक्षण पर सुनवाई से जज ने खींचे हाथ: कुनबी प्रमाण पत्र वितरण का रास्ता साफ!
बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई टलने के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्य न्यायाधीश की पीठ इस संवेदनशील और महत्वपूर्ण मामले पर क्या रुख अपनाती है। इस बीच, सरकार द्वारा कुनबी प्रमाणपत्र वितरण की प्रक्रिया जारी रहने की संभावना है, जो मराठा समाज के लिए आरक्षण के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।बॉम्बे हाईकोर्ट में मराठा आरक्षण पर सुनवाई से जज ने खींचे हाथ: कुनबी प्रमाण पत्र वितरण का रास्ता साफ!









