नक्सलवाद के गढ़ में विकास की नई सुबह: 25 साल बाद जगरगुंडा में खुला बैंक, 14 हजार ग्रामीणों की जिंदगी बदली

सुकमा: 25 साल बाद जगरगुंडा में खुला बैंक, 14 हजार ग्रामीणों की जिंदगी बदली, छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा के जगरगुंडा में 25 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद बैंकिंग सुविधाओं की वापसी ने एक नई क्रांति को जन्म दिया है। कभी विकास की मुख्यधारा से कटे इस इलाके में अब 16 गांवों के 14 हजार से अधिक ग्रामीणों को घर के पास ही बैंकिंग का लाभ मिल रहा है, जिससे उनके समय, मेहनत और पैसे, तीनों की बचत हो रही है।
बीते 18 मई को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा उद्घाटित इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा ने कुछ ही महीनों में 500 से अधिक खाते खोलकर ग्रामीणों के जीवन में एक ऐतिहासिक बदलाव की नींव रख दी है।25 साल बाद जगरगुंडा में खुला बैंक, 14 हजार ग्रामीणों की जिंदगी बदली
खत्म हुआ मीलों का सफर, ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी
पहले जगरगुंडा और आसपास के ग्रामीणों को बैंकिंग के छोटे से काम के लिए भी 70-80 किलोमीटर दूर कोंटा, सुकमा या दोरनापाल जाना पड़ता था। इसमें उनका पूरा दिन और अतिरिक्त पैसा खर्च हो जाता था। सिलगेर निवासी 26 वर्षीय दुला खुशी जाहिर करते हुए बताते हैं, “पहले खाता खोलने या पैसे निकालने में ही पूरा दिन बर्बाद हो जाता था। अब जगरगुंडा में बैंक खुलने से सारी सुविधाएं घर के पास मिल गई हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ लेना भी आसान हो गया है।”25 साल बाद जगरगुंडा में खुला बैंक, 14 हजार ग्रामीणों की जिंदगी बदली
इसी तरह, अपना खाता खुलवाने पहुंचे जगरगुंडा निवासी पांडू ने कहा, “अब महतारी वंदन योजना, पेंशन और पीएम आवास जैसी योजनाओं की राशि सीधे हमारे खाते में आएगी। घर के पास बैंक होना हमारे लिए बहुत बड़ी सौगात है।”25 साल बाद जगरगुंडा में खुला बैंक, 14 हजार ग्रामीणों की जिंदगी बदली
आधुनिक सुविधाओं से लैस है बैंक, जल्द शुरू होगा ATM
यह बैंक शाखा न केवल बुनियादी लेनदेन की सुविधा दे रही है, बल्कि आधुनिक तकनीक से भी लैस है। शाखा में एक एटीएम मशीन भी स्थापित कर दी गई है, जिसे जल्द ही चालू कर दिया जाएगा। एटीएम शुरू होने के बाद ग्रामीणों के लिए नकदी निकालना और भी सुगम हो जाएगा। लोगों का उत्साह इतना है कि वे आसपास के गांवों में भी जाकर दूसरों को खाता खुलवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।25 साल बाद जगरगुंडा में खुला बैंक, 14 हजार ग्रामीणों की जिंदगी बदली
‘मील का पत्थर’ साबित हो रहा बैंक: कलेक्टर
सुकमा कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने इस पहल को क्षेत्र के विकास के लिए ‘मील का पत्थर’ बताया है। उन्होंने कहा, “जगरगुंडा में बैंक शाखा का खुलना स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देगा और वित्तीय समावेशन के साथ पारदर्शिता को बढ़ावा देगा। अब मनरेगा, तेंदूपत्ता बोनस और पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ सीधे और समय पर लोगों तक पहुंचेगा।”25 साल बाद जगरगुंडा में खुला बैंक, 14 हजार ग्रामीणों की जिंदगी बदली
यह कदम न केवल ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है, बल्कि व्यापार, स्वरोजगार और स्थानीय बाजार को भी एक नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है, जो इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक बदलाव की एक मजबूत नींव तैयार कर रहा है।25 साल बाद जगरगुंडा में खुला बैंक, 14 हजार ग्रामीणों की जिंदगी बदली









