गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। पुराना मंगल बाजार निवासी अंशु राम सिन्हा (ससुर) और उनकी बहू वीणा सिन्हा ने 48 दिनों तक जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष किया, लेकिन 7 फरवरी को दोनों का निधन हो गया। आज दोनों की अर्थी एक साथ उठी, जिसे देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। गरियाबंद में दर्दनाक हादसा: ससुर और बहू की एक साथ उठी अर्थी, 48 दिनों तक लड़े जिंदगी और मौत की जंग
कैसे हुआ हादसा?
23 दिसंबर की सुबह ठंड से बचने के लिए ससुर अंशु राम सिन्हा आग जला रहे थे। उन्होंने बहू वीणा सिन्हा से केरोसिन डालने को कहा। जैसे ही वीणा ने केरोसिन डाला, अचानक तेज ब्लास्ट हुआ, जिससे दोनों गंभीर रूप से झुलस गए। गरियाबंद में दर्दनाक हादसा: ससुर और बहू की एक साथ उठी अर्थी, 48 दिनों तक लड़े जिंदगी और मौत की जंग
48 दिनों तक चला संघर्ष, फिर मौत ने छीन ली जिंदगी
🔹 दोनों को 70% जलने की स्थिति में राजधानी रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
🔹 48 दिनों तक चले इलाज के बाद पहले वीणा सिन्हा का निधन हुआ।
🔹 एक घंटे बाद ससुर अंशु राम सिन्हा ने भी दम तोड़ दिया।
🔹 अस्पताल से दोनों के पार्थिव शरीर को गरियाबंद स्थित निवास लाया गया, जहां परिवार और स्थानीय लोगों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार हुआ। गरियाबंद में दर्दनाक हादसा: ससुर और बहू की एक साथ उठी अर्थी, 48 दिनों तक लड़े जिंदगी और मौत की जंग
अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
ससुर और बहू की अर्थी एक साथ उठने का मंजर देखकर लोगों की आंखें छलक आईं। गरियाबंद मुक्तिधाम में विधि-विधान से दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। गरियाबंद में दर्दनाक हादसा: ससुर और बहू की एक साथ उठी अर्थी, 48 दिनों तक लड़े जिंदगी और मौत की जंग