पत्रकारों को जेल भेजने वाला रेत माफिया फिर सक्रिय, आंध्र-तेलंगाना जा रही बस्तर की रेत
अधिकारियों की मिलीभगत के आरोप, जुर्माने की आड़ में अवैध कारोबार को बनाया जा रहा 'वैध', स्थानीय लोग रेत की कमी से त्रस्त।

सुकमा: पत्रकारों को जेल भेजने वाला रेत माफिया फिर सक्रिय, आंध्र-तेलंगाना जा रही बस्तर की रेत, छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सबसे संवेदनशील इलाकों में से एक सुकमा जिले के कोन्टा में रेत माफिया एक बार फिर बेखौफ हो गया है। पिछले साल जिन चार पत्रकारों को रेत तस्करी की रिपोर्टिंग करने पर फर्जी गांजा केस में जेल भेज दिया गया था, उसी अवैध कारोबार ने अब फिर से तूल पकड़ लिया है। दिनदहाड़े दर्जनों ट्रक रेत भरकर सीमा पार कर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना पहुँचाए जा रहे हैं, जबकि स्थानीय जनता निर्माण कार्यों के लिए रेत की कमी से जूझ रही है।
पत्रकारों पर कार्रवाई के बाद भी नहीं थमा अवैध खेल
पिछले वर्ष जब कोन्टा से बड़े पैमाने पर रेत की तस्करी की जा रही थी, तो बस्तर के चार पत्रकारों ने इस मामले को उजागर करने की कोशिश की। लेकिन रेत कारोबारियों और स्थानीय रसूखदारों का नेटवर्क इतना मजबूत था कि पत्रकारों को आंध्र प्रदेश की पुलिस द्वारा फर्जी मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इस घटना ने पूरे देश के मीडिया जगत को झकझोर दिया था, जिसके बाद प्रशासन ने कोन्टा से रेत के बाहरी परिवहन पर पूरी तरह रोक लगा दी थी।पत्रकारों को जेल भेजने वाला रेत माफिया फिर सक्रिय
अवैध को ‘वैध‘ बनाने का नया फॉर्मूला
प्रशासनिक रोक के बावजूद रेत माफिया ने कारोबार जारी रखने का नया तरीका निकाल लिया है। अब जुर्माने और लेवी की रसीद की आड़ में अवैध रेत को ‘वैध’ बताकर ट्रकों में लोड किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस खेल में प्रभावशाली ठेकेदारों और कुछ विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत है, जिसके चलते यह करोड़ों का अवैध धंधा बिना किसी रोक-टोक के चल रहा है।पत्रकारों को जेल भेजने वाला रेत माफिया फिर सक्रिय
स्थानीय जनता परेशान, निर्माण कार्य ठप
एक तरफ जहाँ कोन्टा की रेत दूसरे राज्यों में भेजी जा रही है, वहीं सुकमा जिले में रेत की भारी किल्लत हो गई है। गाँव हो या शहर, हर जगह निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। आम लोगों को अपना घर बनाने के लिए भी रेत नहीं मिल पा रही है। जो थोड़ी-बहुत रेत बाजार में उपलब्ध है, वह कई गुना ऊँचे दामों पर बेची जा रही है। इससे साफ है कि स्थानीय लोगों की ज़रूरतों को दरकिनार कर कारोबारी मोटा मुनाफा कमाने में लगे हैं।पत्रकारों को जेल भेजने वाला रेत माफिया फिर सक्रिय
प्रशासन हरकत में, बड़ी कार्रवाई की तैयारी
मामले की जानकारी मिलने के बाद सुकमा जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। बताया जा रहा है कि इस पूरी कालाबाजारी की उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है। प्रशासन का कहना है कि जिले की आवश्यकता पूरी होने के बाद ही रेत को बाहर भेजने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन इस तरह की अवैध तस्करी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।पत्रकारों को जेल भेजने वाला रेत माफिया फिर सक्रिय
जनता और प्रमुख मांगें
स्थानीय लोगों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनकी प्रमुख मांगें हैं:
- सबसे पहले जिले की रेत की जरूरत को पूरा किया जाए।
- रेत कारोबारियों और इसमें शामिल विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत की निष्पक्ष जांच हो।
- पत्रकारों को फर्जी केस में फंसाने की घटना की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों को सजा दी जाए।
- कोन्टा में रेत खदानों के संचालन के लिए एक पारदर्शी प्रणाली बनाई जाए।
अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन सच में रेत माफिया पर नकेल कस पाएगा या फिर यह अवैध कारोबार यूं ही चलता रहेगा?पत्रकारों को जेल भेजने वाला रेत माफिया फिर सक्रिय









