पढ़ाई का बोझ और डिप्रेशन ने ली एक और डॉक्टर की जान, रायपुर की MD छात्रा ने कोरबा में लगाई फांसी

पढ़ाई का बोझ और डिप्रेशन ने ली एक और डॉक्टर की जान, रायपुर की MD छात्रा ने कोरबा में लगाई फांसी
मुख्य बिंदु:
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कोरबा में 29 वर्षीय महिला डॉक्टर ने फांसी लगाकर की आत्महत्या।
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छात्रा रायपुर मेडिकल कॉलेज से कैंसर विभाग में कर रही थी MD की पढ़ाई।
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प्रारंभिक जांच में पढ़ाई के अत्यधिक दबाव के कारण डिप्रेशन को माना जा रहा वजह।
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यह घटना मेडिकल छात्रों पर बढ़ते मानसिक दबाव और मेंटल हेल्थ की जरूरत को उजागर करती है।
कोरबा/रायपुर: छत्तीसगढ़ ने एक और होनहार युवा डॉक्टर को खो दिया। रायपुर मेडिकल कॉलेज से कैंसर जैसे गंभीर विषय में विशेषज्ञता (MD) हासिल कर रही 29 वर्षीय डॉ. छाया गौतम ने अपने कोरबा स्थित घर में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। यह दुखद घटना गुरुवार सुबह कुसमुंडा थाना क्षेत्र के विकास नगर में घटी। प्रारंभिक जांच में इस आत्मघाती कदम के पीछे पढ़ाई का अत्यधिक दबाव और उससे उपजा गंभीर डिप्रेशन बताया जा रहा है।पढ़ाई का बोझ और डिप्रेशन ने ली एक और डॉक्टर की जान
क्या है पूरा मामला?
कुसमुंडा के विकास नगर निवासी शशिभूषण गौतम की 29 वर्षीय बेटी डॉ. छाया गौतम एक प्रतिभाशाली छात्रा थीं। वह रायपुर में कैंसर विभाग (Oncology) में एमडी की पढ़ाई कर रही थीं और 15 दिन पहले ही छुट्टियों में अपने घर कोरबा आई थीं।पढ़ाई का बोझ और डिप्रेशन ने ली एक और डॉक्टर की जान
पुलिस के अनुसार, गुरुवार की सुबह छाया के माता-पिता इलाज के लिए कहीं बाहर गए हुए थे। सुबह करीब 9 बजे जब वे वापस घर लौटे, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने अपनी बेटी को फांसी के फंदे पर झूलते हुए पाया। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।पढ़ाई का बोझ और डिप्रेशन ने ली एक और डॉक्टर की जान
पढ़ाई का दबाव बना मौत का कारण?
पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि डॉ. छाया अपनी पढ़ाई को लेकर बेहद गंभीर थीं और अक्सर सुबह से लेकर देर रात तक पढ़ाई करती थीं।पढ़ाई का बोझ और डिप्रेशन ने ली एक और डॉक्टर की जान
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अत्यधिक तनाव: कैंसर जैसे विशेषज्ञता वाले विषय में MD की पढ़ाई बेहद तनावपूर्ण होती है।
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डिप्रेशन का इलाज: पिछले कुछ महीनों से वह काम और पढ़ाई के बोझ को लेकर गंभीर डिप्रेशन में थीं और उनका इलाज भी चल रहा था।
परिजनों और दोस्तों का मानना है कि पढ़ाई के इसी असहनीय दबाव ने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर कर दिया होगा। हालांकि, पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।पढ़ाई का बोझ और डिप्रेशन ने ली एक और डॉक्टर की जान
पुलिस जांच में जुटी
घटना की सूचना मिलते ही कुसमुंडा पुलिस मौके पर पहुंची। जांच अधिकारी, सब इंस्पेक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि, “प्रथम दृष्टया मामला डिप्रेशन से जुड़ा लग रहा है। हमने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। परिजनों से पूछताछ और अन्य पहलुओं की जांच के बाद ही मौत का सटीक कारण स्पष्ट हो पाएगा।”पढ़ाई का बोझ और डिप्रेशन ने ली एक और डॉक्टर की जान
यह हृदय विदारक घटना एक बार फिर मेडिकल शिक्षा प्रणाली में छात्रों पर पड़ने वाले मानसिक दबाव और उनके लिए बेहतर मेंटल हेल्थ सपोर्ट सिस्टम की तत्काल आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।पढ़ाई का बोझ और डिप्रेशन ने ली एक और डॉक्टर की जान









