नक्सलियों का सनसनीखेज दावा: “6 साथियों की गद्दारी से मारा गया बसवराजू”, पर्चे में और भी खुलासे

नक्सलियों का सनसनीखेज दावा: “6 साथियों की गद्दारी से मारा गया बसवराजू”, पर्चे में और भी खुलासे
WhatsApp Group Join NowFacebook Page Follow NowYouTube Channel Subscribe NowTelegram Group Follow NowInstagram Follow NowDailyhunt Join NowGoogle News Follow Us!
छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए शीर्ष नक्सली नेता बसवराजू की मौत के छह दिन बाद नक्सलियों ने एक सनसनीखेज पर्चा जारी किया है। सोमवार को दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता ‘विकल्प’ द्वारा जारी इस पर्चे में दावा किया गया है कि बसवराजू की मौत संगठन के ही छह लोगों की गद्दारी का परिणाम थी।6 साथियों की गद्दारी से मारा गया बसवराजू
पर्चे में गद्दारी और साजिश का आरोप

नक्सली प्रवक्ता विकल्प ने पर्चे में स्पष्ट रूप से लिखा है कि, “हमारे ही छह लोगों की गद्दारी की वजह से बसव राजू को मारा गया।” पर्चे के अनुसार, यह कथित साजिश पिछले छह महीनों से चल रही थी। रणनीति के तहत पहले माड़ (अबूझमाड़) में सक्रिय नक्सलियों को कमजोर किया गया और उन्हें तोड़ा गया।6 साथियों की गद्दारी से मारा गया बसवराजू
आत्मसमर्पण और ऑपरेशन का कनेक्शन
पर्चे में आगे कहा गया है कि जब इन छह साथियों ने आत्मसमर्पण किया, तो उन्हीं से मिली जानकारी और इनपुट के आधार पर सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन लॉन्च किया। इसी ऑपरेशन के परिणामस्वरूप बसवराजू समेत कुल 28 नक्सली मारे गए। विकल्प ने यह भी बताया कि बसवराजू की मौत से पहले भी दो बार माड़ इलाके में उसकी तलाश में ऑपरेशन चलाए गए थे।6 साथियों की गद्दारी से मारा गया बसवराजू
मारे गए नक्सलियों की संख्या पर भी सवाल
नक्सली संगठन ने मुठभेड़ में मारे गए अपने साथियों की संख्या पर भी नया दावा किया है। पर्चे के अनुसार, मुठभेड़ में 27 नहीं, बल्कि कुल 28 नक्सली मारे गए थे। एक नक्सली, जिसका नाम नीलेश बताया गया है, उसका शव बचे हुए नक्सली अपने साथ ले जाने में सफल रहे। पर्चे में यह भी बताया गया कि मुठभेड़ के समय कुल 35 नक्सली मौजूद थे, जिनमें से 7 नक्सली सुरक्षित बच निकलने में कामयाब हुए। नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि सुरक्षाबलों द्वारा जारी की गई मारे गए नक्सलियों की सूची गलत है।6 साथियों की गद्दारी से मारा गया बसवराजू
बसवराजू की सुरक्षा और शांति वार्ता का जिक्र
प्रवक्ता विकल्प ने पर्चे में यह भी उल्लेख किया है कि बसवराजू ने ही शांति वार्ता और संघर्ष विराम (सीजफायर) का सुझाव दिया था। उसकी सुरक्षा को लेकर कहा गया कि आमतौर पर बसवराजू के साथ 60 गार्ड रहते थे, लेकिन बदले हुए हालात और कुछ साथियों के आत्मसमर्पण के कारण मुठभेड़ के समय केवल 35 गार्ड ही मौजूद थे। इन्हीं आत्मसमर्पण करने वाले लोगों को बसवराजू की मौत का जिम्मेदार ठहराया गया है। विकल्प ने लिखा, “हमें अंदेशा हो गया था कि फोर्स एनकाउंटर कर सकती है लेकिन बसव राजू माड़ से बाहर निकलने को तैयार नहीं हुए।”
यह पर्चा नक्सली संगठन के अंदरूनी मतभेदों, संभावित टूट और सुरक्षाबलों की बढ़ती पकड़ की ओर इशारा करता है। इस दावे ने नक्सलवाद की समस्या और उससे निपटने की रणनीतियों पर एक नई बहस छेड़ दी है।6 साथियों की गद्दारी से मारा गया बसवराजू









