बच्चों को खिलाया कुत्ते का जूठा मिड-डे मील, हाईकोर्ट का सख्त आदेश- ‘सिर्फ निलंबन काफी नहीं, बच्चों को दो मुआवजा’

बलौदा बाजार। बच्चों को खिलाया कुत्ते का जूठा मिड-डे मील, हाईकोर्ट का सख्त आदेश- ‘सिर्फ निलंबन काफी नहीं, बच्चों को दो मुआवजा’, छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले के एक सरकारी स्कूल में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। लच्छनपुर गांव के स्कूल में बच्चों को कुत्ते का जूठा मिड-डे मील परोसे जाने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए सभी प्रभावित बच्चों को मुआवजा देने का ऐतिहासिक आदेश जारी किया है।
इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरू की डिवीजन बेंच ने सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को अपर्याप्त मानते हुए यह अहम फैसला सुनाया। बच्चों को खिलाया कुत्ते का जूठा मिड-डे मील
क्या थी मानवता को शर्मसार करने वाली घटना?
यह दिल दहला देने वाली घटना 29 जुलाई को पलारी ब्लॉक के ग्राम लच्छनपुर के सरकारी स्कूल में घटी थी। यहां बच्चों के लिए बने मध्यान्ह भोजन (मिड-डे मील) को स्कूल परिसर में घूम रहे आवारा कुत्तों ने जूठा कर दिया था। जब कुछ छात्रों ने यह देखा और इसकी शिकायत की, तो स्कूल के स्टाफ ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया और वही दूषित भोजन बच्चों को परोस दिया। बाद में जब बच्चों ने घर जाकर अपने माता-पिता को यह बात बताई, तो पूरे गांव में हड़कंप मच गया। बच्चों को खिलाया कुत्ते का जूठा मिड-डे मील
बच्चों की शिकायत को किया नजरअंदाज, 78 छात्रों को लगी एंटी-रेबीज वैक्सीन


मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल समिति की बैठक बुलाई गई। स्वास्थ्य संबंधी खतरे को भांपते हुए, भोजन खाने वाले 78 मासूम बच्चों को एहतियात के तौर पर एंटी-रेबीज वैक्सीन की डोज लगवानी पड़ी। इस घटना के मीडिया में आने के बाद पूरे प्रदेश में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे थे। बच्चों को खिलाया कुत्ते का जूठा मिड-डे मील
सरकार की कार्रवाई: हेडमास्टर समेत तीन निलंबित, स्व-सहायता समूह पर भी गिरी गाज
मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किया था। इसके जवाब में सरकार ने कोर्ट में एक शपथपत्र दायर कर बताया कि:
-
स्कूल के हेडमास्टर और दो अन्य शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
-
मिड-डे मील बनाने वाले महिला स्व-सहायता समूह का अनुबंध रद्द कर दिया गया है।
-
भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अधिकारियों को सख्त निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: ‘बच्चों के सम्मान और स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं’
सरकारी कार्रवाई पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल निलंबन जैसी प्रशासनिक कार्रवाई ही काफी नहीं है। कोर्ट ने इस घटना को बच्चों के स्वास्थ्य और सम्मान के साथ गंभीर खिलवाड़ माना। बेंच ने छत्तीसगढ़ शासन को आदेश दिया है कि इस घटना से प्रभावित हुए सभी बच्चों को मुआवजा दिया जाए। मुआवजे की राशि कितनी होगी, यह अब राज्य सरकार तय करेगी। बच्चों को खिलाया कुत्ते का जूठा मिड-डे मील









