छत्तीसगढ़: नए मंत्रियों को मंत्रालय में कक्ष आवंटित, पर 13वें मंत्री के लिए कम पड़ गई जगह
खुशवंत साहेब को M1, गजेंद्र यादव को M3 और राजेश अग्रवाल को M4 ब्लॉक आवंटित; 13 मंत्रियों के लिए सिर्फ 12 कमरों की व्यवस्था से प्रशासन के सामने चुनौती।

रायपुर, नए मंत्रियों को मंत्रालय में कक्ष आवंटित, पर 13वें मंत्री के लिए कम पड़ गई जगह, छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल के नवनियुक्त मंत्रियों को मंत्रालय (महानदी भवन) में उनके कक्ष आवंटित कर दिए गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है। लेकिन इस आवंटन के साथ ही मंत्रालय के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है, क्योंकि प्रदेश में अब मंत्रियों की संख्या 13 हो गई है, जबकि मंत्रालय में मंत्री स्तर के केवल 12 कमरे ही उपलब्ध हैं।
किसे मिला कौन सा कक्ष?
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, नवनियुक्त मंत्रियों के कक्षों का आवंटन इस प्रकार है:
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मंत्री गुरु खुशवंत साहेब: एम-1 ब्लॉक में कक्ष क्रमांक 1 से 5 तक।
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मंत्री गजेंद्र यादव: एम-3 ब्लॉक में कक्ष क्रमांक 8 से 12 तक।
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मंत्री राजेश अग्रवाल: एम-4 ब्लॉक में कक्ष क्रमांक 23 से 26 तक।
13 मंत्री, 12 कमरे: प्रशासन की बढ़ी मुश्किल
मंत्रालय भवन की संरचना के अनुसार, यहां मंत्री स्तर के कुल 12 ही चैंबर बनाए गए थे। पांच मंजिला इस भवन के पांचवें फ्लोर पर मुख्यमंत्री और उनका सचिवालय है, जबकि नीचे के चार फ्लोर पर 12 मंत्रियों और उनके स्टाफ के बैठने की व्यवस्था है, जिसमें हर फ्लोर पर तीन मंत्री बैठते हैं। अब तीन नए मंत्रियों के शपथ लेने से मंत्रियों की कुल संख्या 13 हो गई है, जिससे एक कमरे की कमी हो गई है। नए मंत्रियों को मंत्रालय में कक्ष आवंटित, पर 13वें मंत्री के लिए कम पड़ गई जगह
‘जुगाड़’ से की जा रही व्यवस्था
इस समस्या से निपटने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा है। GAD के अधिकारियों के अनुसार, दो छोटे कमरों को मिलाकर एक मंत्री के लिए कक्ष तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, यह वैकल्पिक कक्ष मंत्री पूल के अन्य 12 कमरों जितना बड़ा और सुसज्जित नहीं बन पा रहा है। GAD के अधिकारियों ने इस पर उच्च स्तर से मार्गदर्शन मांगा है कि यह छोटा कमरा किस मंत्री को आवंटित किया जाए। नए मंत्रियों को मंत्रालय में कक्ष आवंटित, पर 13वें मंत्री के लिए कम पड़ गई जगह
मंत्रियों के साथ सचिवों के लिए भी कमरों का संकट
यह समस्या सिर्फ मंत्रियों तक ही सीमित नहीं है। मंत्रालय में सचिवों के लिए भी कमरों की भारी कमी है। जब नया मंत्रालय बना था, तब सचिवों की संख्या एक दर्जन के करीब थी, जो अब बढ़कर 50 से अधिक हो गई है। इस कारण कई सचिवों को संसदीय सचिवों के लिए बने कमरों में बैठाना पड़ रहा है। अधिकारियों का मानना है कि यदि शुरुआत में कमरों का आकार थोड़ा छोटा रखा जाता तो अधिक कमरे बनाए जा सकते थे। अब इस संकट को देखते हुए सरकार मंत्रालय भवन के विस्तार (Expansion) पर विचार कर रही है। नए मंत्रियों को मंत्रालय में कक्ष आवंटित, पर 13वें मंत्री के लिए कम पड़ गई जगह









