
भिलाई/सुपेला। डी. फार्मेसी की फर्जी मार्कशीट घोटाला: 4.80 लाख रुपए लेकर ठगी, रिलायबल एजुकेशन सेंटर संचालक पर मामला दर्ज. डिप्लोमा इन फार्मेसी (डी. फार्मेसी) की फर्जी मार्कशीट दिलाने के नाम पर एक बड़ा शैक्षणिक घोटाला सामने आया है। भिलाई के स्मृति नगर निवासी नितेश कुमार राजपूत (37 वर्ष) ने रिलायबल एजुकेशन सेंटर के संचालक फ्रांसिस कुमार पर 4.80 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। शिकायत के बाद सुपेला पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420, 467, 468 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, नितेश कुमार के बड़े भाई राकेश सिंह राजपूत डी. फार्मेसी का कोर्स करना चाहते थे। इसी दौरान फ्रांसिस कुमार ने खुद को रिलायबल एजुकेशन सेंटर का संचालक बताते हुए दावा किया कि उसकी संस्था के माध्यम से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से दूरस्थ शिक्षा द्वारा यह कोर्स कराया जाएगा।डी. फार्मेसी की फर्जी मार्कशीट घोटाला
नितेश कुमार ने भरोसा करते हुए 15 जून 2018 को पहली किस्त के रूप में 1.20 लाख रुपये प्रवेश शुल्क के तौर पर दिए। इसके बाद फ्रांसिस ने क्लास और स्टडी सेंटर शुरू करने का आश्वासन दिया, लेकिन कभी भी कोई क्लास नहीं लगी। बाद में उसने द्वितीय वर्ष की फीस और परीक्षा शुल्क के नाम पर अतिरिक्त 2.40 लाख रुपये लिए। इस तरह कुल 4.80 लाख रुपये आरोपी को दिए गए।डी. फार्मेसी की फर्जी मार्कशीट घोटाला
वर्ष 2020 में फ्रांसिस ने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (कानपुर) और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (झांसी) से जारी होने का दावा करते हुए मार्कशीट प्रदान की। नितेश ने जब विश्वविद्यालयों से इसकी सत्यता जांची, तो यह स्पष्ट हुआ कि दोनों मार्कशीट पूरी तरह फर्जी थीं।डी. फार्मेसी की फर्जी मार्कशीट घोटाला
धोखाधड़ी के उजागर होने के बाद आरोपी ने पीड़ित को आश्वासन दिया कि वह पैसे लौटा देगा। मार्च 2021 में उसने 30,000 रुपये नकद और जुलाई 2021 में 4 लाख रुपये का चेक दिया, लेकिन बैंक में चेक बाउंस हो गया।डी. फार्मेसी की फर्जी मार्कशीट घोटाला
इसके बाद नितेश कुमार ने सुपेला पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए फ्रांसिस कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया है।डी. फार्मेसी की फर्जी मार्कशीट घोटाला
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी एजुकेशन सेंटर द्वारा डिग्री या प्रवेश का वादा करने पर पहले उस संस्थान की मान्यता और विश्वविद्यालय की वैधता की पुष्टि करें। फर्जी डिग्री और नकली प्रमाणपत्र से न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि कानूनी कार्रवाई का जोखिम भी बढ़ जाता है।डी. फार्मेसी की फर्जी मार्कशीट घोटाला
सुपेला पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत एकत्रित किए जा रहे हैं। जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।डी. फार्मेसी की फर्जी मार्कशीट घोटाला









