💰 अक्षय तृतीया 2025: मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इन खास स्थानों पर जलाएं दीपक, बरसेगा अपार धन
🌟 अक्षय तृतीया 2025: जानिए इस दिन दीया जलाने के पवित्र स्थान और उनका महत्व
अक्षय तृतीया 2025:अक्षय तृतीया को सनातन धर्म में सौभाग्य, समृद्धि और स्थायी सुख का प्रतीक माना गया है। इस वर्ष यह पावन पर्व 30 अप्रैल 2025, बुधवार को मनाया जाएगा। अक्षय का अर्थ होता है — “जो कभी क्षय न हो” यानी यह तिथि कभी खत्म न होने वाले फलदायक कर्मों के लिए उत्तम मानी जाती है। इस दिन सोने-चांदी की खरीद के साथ-साथ दीपदान का भी विशेष महत्व होता है।
आइए जानते हैं — अक्षय तृतीया पर घर में किन खास स्थानों पर दीपक जलाने से मां लक्ष्मी और देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
🧭 1. उत्तर दिशा में दीपक जलाएं – मिलेगा धन और वैभव
अक्षय तृतीया 2025: उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर और मां लक्ष्मी की दिशा कहा गया है। इस दिशा में दीपक जलाने से:
- घर में आर्थिक समृद्धि आती है
- परिवार में सुख-शांति का वास होता है
- व्यापार और करियर में उन्नति के योग बनते हैं
🍶 2. किचन में पानी रखने की जगह पर दीपक – पितरों की कृपा के लिए
अक्षय तृतीया 2025: रसोई में जहां पानी रखा जाता है, उसे पितृ स्थान माना गया है। वहां दीपक जलाने से:
- पूर्वजों की कृपा बनी रहती है
- घर में मानसिक शांति और सुरक्षा का भाव आता है
🌊 3. कुएं, तालाब या जल स्रोतों पर दीपक – देवताओं की कृपा पाने हेतु
अक्षय तृतीया 2025: यदि आपके घर के पास कोई कुआं, तालाब या नदी है, तो वहां दीपक जलाना बेहद पुण्यकारी माना जाता है। इससे:
- देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है
- जीवन में बाधाएं दूर होती हैं
🚪 4. मुख्य द्वार पर दीपक – मां लक्ष्मी के आगमन के लिए करें स्वागत
अक्षय तृतीया 2025: शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दोनों ओर घी के दीपक जलाएं। इससे:
- मां लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं
- घर में धन और अन्न की वृद्धि होती है
📅 5. अक्षय तृतीया तिथि और शुभ मुहूर्त 2025
- तिथि आरंभ: 29 अप्रैल 2025, शाम 5:31 बजे
- तिथि समाप्ति: 30 अप्रैल 2025, दोपहर 2:12 बजे
- पूजन मुहूर्त: सुबह 5:41 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक
- सोना खरीदने का शुभ समय: सुबह 5:41 बजे से दोपहर 2:12 बजे तक
🛍️ 6. क्या खरीदें इस अक्षय तृतीया पर, अगर सोना न ले सकें?
अक्षय तृतीया 2025: यदि आप सोना या चांदी नहीं खरीद पा रहे हैं, तो इन वस्तुओं को खरीदें:
- मिट्टी या पीतल के बर्तन
- पीली सरसों
- हल्दी और चने की दाल
यह सभी वस्तुएं भी शुभता और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती हैं।