
सावधान! हेडफोन और DJ का शोर आपको बना सकता है बहरा, दे सकता है हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज, आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में शोर सिर्फ कानों की परेशानी नहीं, बल्कि एक ‘साइलेंट किलर’ बन चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की यह चेतावनी बिल्कुल सटीक है, क्योंकि ध्वनि प्रदूषण धीरे-धीरे हमारे दिल, दिमाग और मानसिक स्वास्थ्य पर जानलेवा असर डाल रहा है। इसके प्रभाव इतने धीमे होते हैं कि जब तक हमें पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
हर साल 15% लोग खो रहे सुनने की शक्ति
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, तेज आवाज के लगातार संपर्क में रहने से हर साल 10 से 15 प्रतिशत लोग अपनी सुनने की क्षमता खो रहे हैं। यह समस्या अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं है, बल्कि युवाओं और बच्चों को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। इसके मुख्य कारण हैं:
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मोबाइल पर घंटों तक तेज आवाज में हेडफोन या ईयरफोन का इस्तेमाल।
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शादियों, पार्टियों और जुलूसों में बजने वाले तेज DJ और लाउडस्पीकर।
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ट्रैफिक और फैक्ट्रियों से आने वाला लगातार शोर।
यह शोर हमारे कानों की संवेदनशील कोशिकाओं को हमेशा के लिए नष्ट कर देता है, जिससे सुनने की क्षमता स्थायी रूप से चली जाती है।सावधान! हेडफोन और DJ का शोर आपको बना सकता है बहरा
DJ के शोर ने ली जान: बलरामपुर का चौंकाने वाला मामला
पिछले साल बलरामपुर में DJ की तेज धुन के कारण 40 वर्षीय व्यक्ति की ब्रेन हेमरेज से हुई मौत ने सबको झकझोर दिया था। डॉक्टरों का कहना है कि यह कोई इकलौता मामला नहीं है। अब अस्पतालों में तेज शोर के कारण हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज के मरीज भी पहुंचने लगे हैं।सावधान! हेडफोन और DJ का शोर आपको बना सकता है बहरा
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केस 1: एक 27 वर्षीय युवक शादी में घंटों DJ पर नाचता रहा। जब उसे कम सुनाई देने लगा तो जांच में पता चला कि उसके एक कान की सुनने की क्षमता खत्म हो गई है और अब उसे हियरिंग डिवाइस लगानी पड़ेगी।
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केस 2: एक 61 वर्षीय हाइपरटेंशन के मरीज DJ की तेज धुन के बीच चक्कर खाकर गिर पड़े। अस्पताल में पता चला कि तेज शोर से उनकी धड़कन खतरनाक स्तर तक बढ़ गई थी।
अस्पतालों में बढ़ रही शोर से बीमार मरीजों की भीड़
राजधानी के अस्पतालों में रोजाना 15 से 20 मरीज शोर और तनाव से जुड़े लक्षणों, जैसे ब्लड प्रेशर का घटना-बढ़ना, लेकर पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का मानना है कि इसके पीछे ध्वनि प्रदूषण एक बड़ा कारण है।सावधान! हेडफोन और DJ का शोर आपको बना सकता है बहरा
सिर्फ बहरापन नहीं, दिल और दिमाग का भी है दुश्मन
लगातार तेज शोर के संपर्क में रहने से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं:
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हार्ट अटैक का खतरा: तेज शोर से शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन बढ़ते हैं, जो दिल पर दबाव डालते हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाते हैं।
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हाई ब्लड प्रेशर: 65 डेसिबल से अधिक का शोर लंबे समय तक सुनने से ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
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मानसिक समस्याएं: नींद न आना, चिड़चिड़ापन, तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं।
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बच्चों पर असर: बच्चों की पढ़ाई में एकाग्रता की कमी आती है और उनके मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ता है।
शोर पर हाईकोर्ट सख्त: 5 लाख तक जुर्माना, सरकार को अल्टीमेटम
लगातार बढ़ते ध्वनि प्रदूषण पर हाईकोर्ट ने भी कड़ा रुख अपनाया है। सरकार को कोलाहल नियंत्रण अधिनियम को सख्ती से लागू करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है। नए नियमों के तहत अब 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।सावधान! हेडफोन और DJ का शोर आपको बना सकता है बहरा
कितनी आवाज है सुरक्षित? जानें डेसिबल का गणित
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70 डेसिबल से कम: सुरक्षित
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85 डेसिबल से ज्यादा: कानों को नुकसान शुरू
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120 डेसिबल: व्यक्ति को बहरा बना सकता है
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140 डेसिबल: कानों में तेज दर्द
खतरनाक है DJ की लेजर लाइट: नेत्र रोग विशेषज्ञों के अनुसार, DJ में इस्तेमाल होने वाली तेज लेजर लाइट बच्चों की आंखों के लिए बेहद खतरनाक है और उन्हें अंधा तक बना सकती है।सावधान! हेडफोन और DJ का शोर आपको बना सकता है बहरा
कैसे करें बचाव? अपनाएं ये जरूरी नियम
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60-60 का नियम: हेडफोन का इस्तेमाल 60% से कम वॉल्यूम पर करें और एक बार में 60 मिनट से ज्यादा न सुनें।
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दूरी बनाएं: DJ और लाउडस्पीकर से खुद को और बच्चों को दूर रखें।
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ईयरप्लग का प्रयोग: शोरगुल वाली जगहों पर काम करते समय ईयरप्लग या इयरमफ का इस्तेमाल करें।
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नियमों का पालन: रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर या DJ का इस्तेमाल न करें।
एक्सपर्ट्स की चेतावनी: शोर को न लें हल्के में
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डॉ. कृष्णकांत साहू (कार्डियक सर्जन): “DJ की तेज आवाज से हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट के मरीजों को गंभीर खतरा हो सकता है। इससे दूर रहने में ही भलाई है।”
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डॉ. सुनील रामनानी (सीनियर ईएनटी सर्जन): “तेज ध्वनि लोगों को बहरा बना रही है। DJ किसी भी उम्र के व्यक्ति, खासकर बच्चों के लिए बिल्कुल सुरक्षित नहीं है।”
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डॉ. अभिजीत कोहट (न्यूरोलॉजिस्ट): “तेज आवाज से ब्लड प्रेशर बिगड़ सकता है, जिससे ब्रेन हेमरेज का खतरा होता है। डीजे पर प्रतिबंध लगना चाहिए।”









