शिक्षादुर्ग

छत्तीसगढ़ में शिक्षा का संकट: 17 B.Ed कॉलेजों की मान्यता अटकी, कैसे बनेगा शिक्षित समाज?

छत्तीसगढ़ में शिक्षा का संकट: 17 B.Ed कॉलेजों की मान्यता अटकी, कैसे बनेगा शिक्षित समाज?

दुर्ग: छत्तीसगढ़ में शिक्षा का संकट: 17 B.Ed कॉलेजों की मान्यता अटकी, छत्तीसगढ़ में शिक्षक बनने का सपना देख रहे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (NCTE) ने दुर्ग जिले के 17 B.Ed कॉलेजों की मान्यता पर रोक लगा दी है, जिससे शिक्षा जगत में हड़कंप मच गया है। फर्जी दस्तावेजों और अपर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर चल रहे इन कॉलेजों पर NCTE ने शिकंजा कस दिया है, जिससे अगस्त में शुरू होने वाली B.Ed काउंसलिंग पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

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क्यों अटकी 17 कॉलेजों की मान्यता?

छत्तीसगढ़ में शिक्षा का संकट: 17 B.Ed कॉलेजों की मान्यता अटकी, कैसे बनेगा शिक्षित समाज?

NCTE ने इन कॉलेजों को नोटिस भेजकर इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों की संख्या, स्टाफ और अन्य जरूरी बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। अधिकतर कॉलेजों ने डर से अपनी रिपोर्ट (PAR) ही नहीं भेजी, क्योंकि इससे उनके झूठ का पर्दाफाश हो जाता। जिन कुछ कॉलेजों ने रिपोर्ट भेजी भी, उसमें दी गई जानकारी मानकों पर खरी नहीं उतरी। इसी वजह से दुर्ग जिले के कुल 35 में से केवल 18 कॉलेजों को ही हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने काउंसलिंग के लिए संबद्धता दी है।छत्तीसगढ़ में शिक्षा का संकट: 17 B.Ed कॉलेजों की मान्यता अटकी

विश्वविद्यालय की भूमिका पर उठे सवाल

सबसे बड़ा सवाल यह है कि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय इन खामियों के बावजूद हर साल इन कॉलेजों को संबद्धता क्यों देता रहा? विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कॉलेज हर बार व्यवस्था में सुधार का वादा करते हैं, जिसके आधार पर उन्हें सशर्त संबद्धता दे दी जाती है। हालांकि, यह भी सच है कि विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद इन कॉलेजों का केवल एक बार ही औचक निरीक्षण हुआ, जिसमें बड़ी गड़बड़ियां सामने आई थीं। इसके बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जो एजुकेशन माफिया के दबाव की ओर इशारा करता है।छत्तीसगढ़ में शिक्षा का संकट: 17 B.Ed कॉलेजों की मान्यता अटकी

कल्याण कॉलेज में 200 सीटें घटीं

NCTE की सख्ती का असर सीटों पर भी पड़ा है। दुर्ग के प्रतिष्ठित कल्याण महाविद्यालय में पहले B.Ed की 6 यूनिट (300 सीटें) थीं, लेकिन अब शिक्षकों की कमी के चलते 4 यूनिट बंद कर दी गई हैं। अब यहां केवल 2 यूनिट (100 सीटें) पर ही प्रवेश होंगे। इससे इस साल दुर्ग जिले में B.Ed की 200 सीटें सीधे तौर पर कम हो गई हैं।छत्तीसगढ़ में शिक्षा का संकट: 17 B.Ed कॉलेजों की मान्यता अटकी

चार कमरों में चल रहे B.Ed कॉलेज

दुर्ग जिले में कई B.Ed कॉलेज ऐसे हैं, जो महज कुछ कमरों में संचालित हो रहे हैं। न तो उनके पास NCTE के नियमों के मुताबिक पर्याप्त जमीन है और न ही शिक्षक। नियमों के अनुसार, दो यूनिट के लिए कम से कम 16 शिक्षकों की आवश्यकता होती है, लेकिन कई कॉलेजों में 6 शिक्षक भी नहीं हैं। कुछ कॉलेज तो एक ही कैंपस में नर्सिंग, साइंस और B.Ed जैसे कई कोर्स एक साथ चला रहे हैं, जो सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन है।छत्तीसगढ़ में शिक्षा का संकट: 17 B.Ed कॉलेजों की मान्यता अटकी

विश्वविद्यालय अब एक टीम गठित कर सरप्राइज चेकिंग और कमियां मिलने पर कार्रवाई की बात कह रहा है, लेकिन सवाल जस का तस है कि क्या इस बार सच में कोई ठोस कदम उठाया जाएगा या फिर हर साल की तरह इस बार भी “सशर्त संबद्धता” का खेल जारी रहेगा?छत्तीसगढ़ में शिक्षा का संकट: 17 B.Ed कॉलेजों की मान्यता अटकी

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