बलरामपुर में बड़ा फर्जीवाड़ा: 10 साल से नौकरी कर रहे 3 कर्मचारी निकले फर्जी, कलेक्टर ने किया बर्खास्त

बलरामपुर में बड़ा फर्जीवाड़ा: 10 साल से नौकरी कर रहे 3 कर्मचारी निकले फर्जी, कलेक्टर ने किया बर्खास्त
वाड्रफनगर (बलरामपुर): छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां जनपद पंचायत कार्यालय वाड्रफनगर में पिछले 10 सालों से नियम विरुद्ध तरीके से नियुक्त किए गए तीन कर्मचारी सरकारी वेतन का लाभ उठा रहे थे। एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा की गई शिकायत के बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, जिसके परिणामस्वरूप बलरामपुर कलेक्टर ने तीनों कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।बलरामपुर में बड़ा फर्जीवाड़ा
क्या है पूरा मामला?
यह मामला जनपद पंचायत कार्यालय वाड्रफनगर से जुड़ा है, जहां तीन कर्मचारियों की नियुक्ति में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में डाटा एंट्री ऑपरेटर इसहाक खान, मनोज गुप्ता और भृत्य अजय देवांगन शामिल हैं। आरोप है कि इन तीनों की भर्ती प्रक्रिया में नियमों की खुलेआम अनदेखी की गई थी और उन्हें अवैध तरीके से नियुक्ति दी गई थी।बलरामपुर में बड़ा फर्जीवाड़ा
आरटीआई कार्यकर्ता ने खोली पोल
इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा एक सतर्क आरटीआई कार्यकर्ता की पहल पर हुआ। कार्यकर्ता ने मामले की गंभीरता को समझते हुए संबंधित दस्तावेजों के साथ बलरामपुर कलेक्टर से शिकायत की थी। शिकायत में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि उक्त कर्मचारियों की नियुक्ति अवैध है और वे पिछले एक दशक से सरकारी खजाने से वेतन प्राप्त कर रहे हैं।बलरामपुर में बड़ा फर्जीवाड़ा
10 सालों से हो रहा था वेतन भुगतान
सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि ये तीनों कर्मचारी लगभग 10 वर्षों से अपनी फर्जी नियुक्ति के आधार पर नौकरी कर रहे थे और उन्हें नियमित रूप से वेतन का भुगतान भी किया जा रहा था। इस लंबे समय तक इस फर्जीवाड़े का पता न चलना व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।बलरामपुर में बड़ा फर्जीवाड़ा
कलेक्टर का सख्त एक्शन, तीनों बर्खास्त
आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए बलरामपुर कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए। जांच में प्रथम दृष्टया आरोपों की पुष्टि होने के बाद कलेक्टर ने त्वरित और सख्त कार्रवाई करते हुए तीनों कर्मचारियों – डाटा एंट्री ऑपरेटर इसहाक खान, मनोज गुप्ता और भृत्य अजय देवांगन – को पद से बर्खास्त कर दिया है। इस कार्रवाई से सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया है।बलरामपुर में बड़ा फर्जीवाड़ा
आगे की कार्रवाई और जांच
फिलहाल, इन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस फर्जी नियुक्ति में शामिल अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई होती है। साथ ही, इनसे वसूले गए वेतन की रिकवरी के संबंध में भी निर्णय लिया जा सकता है। यह मामला सरकारी नियुक्तियों में पारदर्शिता और नियमों के कड़ाई से पालन की आवश्यकता को रेखांकित करता है।बलरामपुर में बड़ा फर्जीवाड़ा









