छत्तीसगढ़ में सर्पदंश: झाड़-फूंक के चक्कर में न गंवाएं जान, विशेषज्ञों ने बताया तुरंत क्या करें

छत्तीसगढ़ में सर्पदंश: झाड़-फूंक के चक्कर में न गंवाएं जान, विशेषज्ञों ने बताया तुरंत क्या करें
CG Health News: झाड़-फूंक के चक्कर में न गंवाएं जान, मानसून के आते ही छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और शहरी इलाकों में सर्पदंश (सांप का काटना) की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती होती है पीड़ित को सही समय पर सही इलाज दिलाना। अक्सर लोग जानकारी के अभाव में झाड़-फूंक और अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर कीमती समय गवां देते हैं, जिसका परिणाम जानलेवा हो सकता है। इसी गंभीर विषय पर राजनांदगांव में विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है।
राजनांदगांव में डॉक्टरों को दिया गया विशेष प्रशिक्षण
इस गंभीर समस्या को देखते हुए, राजनांदगांव के पेंड्री स्थित शासकीय मेडिकल कॉलेज ने एक सराहनीय पहल की है। ‘ई-पाठशाला’ कार्यक्रम के तहत कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एचओडी, डॉ. प्रकाश खूंटे ने 150 से अधिक डॉक्टरों, मेडिकल शिक्षकों और छात्रों को सर्पदंश के आपातकालीन प्रबंधन पर प्रशिक्षित किया। उन्होंने बताया कि सांप के जहर का प्रकार, उसके लक्षण और तत्काल इलाज का प्रोटोकॉल क्या होना चाहिए। झाड़-फूंक के चक्कर में न गंवाएं जान
सर्पदंश होने पर क्या करें? (First Aid for Snakebite)
विशेषज्ञों के अनुसार, सांप काटने पर घबराने की बजाय冷静 (शांत) रहना सबसे जरूरी है। तत्काल निम्नलिखित कदम उठाएं:
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पीड़ित को शांत रखें: घबराने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिससे जहर शरीर में तेजी से फैल सकता है। 
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अंग को स्थिर रखें: जिस अंग पर सांप ने काटा है, उसे ज्यादा हिलाएं-डुलाएं नहीं। पट्टी या कपड़े से उसे सहारा देकर स्थिर कर दें। 
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तुरंत अस्पताल ले जाएं: बिना समय बर्बाद किए पीड़ित को नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं, जहां एंटी-वेनम इंजेक्शन उपलब्ध हो। 
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पहचान याद रखें: यदि संभव हो, तो सांप कैसा दिखता था, यह याद रखने की कोशिश करें, ताकि डॉक्टर को इलाज में मदद मिल सके। 
क्या बिल्कुल न करें?
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झाड़-फूंक से बचें: किसी भी तांत्रिक या ओझा के पास जाकर समय बर्बाद न करें। यह जानलेवा साबित हो सकता है। 
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घाव को न काटें: घाव पर चीरा लगाने या उसे चूसकर जहर निकालने की कोशिश न करें। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है। 
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कसकर पट्टी न बांधें: जिस जगह सांप ने काटा है, उसके आसपास बहुत कसकर रस्सी या पट्टी न बांधें। इससे ब्लड सप्लाई रुक सकती है। 
अंधविश्वास है सबसे बड़ा दुश्मन
डॉक्टरों ने साफ तौर पर कहा कि सर्पदंश के मामलों में “गोल्डन ऑवर” (पहला एक घंटा) सबसे कीमती होता है। झाड़-फूंक में बिताया गया समय मरीज की जान का दुश्मन बन जाता है। सरकारी अस्पतालों में सर्पदंश का इलाज और एंटी-वेनम इंजेक्शन मुफ्त उपलब्ध हैं। इसलिए किसी भी अंधविश्वास पर यकीन करने के बजाय वैज्ञानिक और प्रामाणिक इलाज को प्राथमिकता दें। झाड़-फूंक के चक्कर में न गंवाएं जान
 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				









