
रायगढ़ : “साँप मरा नहीं, पर उसका डंक निकल गया!” – रायगढ़ में ACB की ऐतिहासिक कार्रवाई,NTPC के उप महाप्रबंधक 4.50 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, भ्रष्टाचार के खिलाफ छत्तीसगढ़ में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए, एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की संयुक्त टीम ने आज, 16 सितंबर को रायगढ़ में एक बड़ा ऑपरेशन किया। इस ऑपरेशन में, एनटीपीसी तिलाईपाली रायकेरा के उप महाप्रबंधक (DGM) विजय दुबे को साढ़े चार लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई न केवल रायगढ़ जिले बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में दर्ज हो गई है, जहाँ इतनी बड़ी राशि के साथ किसी सरकारी अधिकारी को रिश्वत लेते पकड़ा गया है।
शिकायत और योजनाबद्ध ट्रैप:
मामले का खुलासा तब हुआ जब ग्राम तिलाईपाली निवासी सौदागर गुप्ता ने 13 सितंबर को ACB की बिलासपुर इकाई में शिकायत दर्ज कराई। गुप्ता ने बताया कि एनटीपीसी में भूमि अधिग्रहण के बाद उनके पुत्रों को मिलने वाले पुनर्वास मुआवजे (जो लगभग 16 लाख रुपये था) को जारी करने के एवज में उप महाप्रबंधक विजय दुबे उनसे 5 लाख रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह पहले ही 50 हजार रुपये दे चुके थे, और अब शेष 4.50 लाख रुपये की मांग की जा रही थी।NTPC के उप महाप्रबंधक 4.50 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
ACB की टीम ने शिकायत की गंभीरता को समझते हुए तत्काल सत्यापन किया। शिकायत सही पाए जाने के बाद, एक विस्तृत योजना बनाई गई। आज प्रार्थी सौदागर गुप्ता को ACB टीम की निगरानी में रिश्वत की रकम लेकर आरोपी अधिकारी के पास भेजा गया।NTPC के उप महाप्रबंधक 4.50 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
रंगे हाथों गिरफ्तारी:
योजना के अनुसार, विजय दुबे ने रिश्वत की रकम घरघोड़ा के पास गोमती पेट्रोल पंप पर अपनी कार में ली। जैसे ही रकम का आदान-प्रदान हुआ, घात लगाकर बैठी ACB टीम ने तत्काल धावा बोल दिया। टीम ने विजय दुबे को रंगे हाथों पकड़ लिया और उनसे पूरी 4.50 लाख रुपये की रिश्वत राशि जब्त कर ली। इस अचानक हुई कार्रवाई से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई।NTPC के उप महाप्रबंधक 4.50 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
ACB के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी विजय दुबे के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।NTPC के उप महाप्रबंधक 4.50 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
ऐतिहासिक कार्रवाई के मायने:
ACB सूत्रों के अनुसार, यह छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से अब तक का सबसे बड़ा रिश्वत ट्रैप है। इतनी बड़ी राशि के साथ किसी उच्च पदस्थ अधिकारी की गिरफ्तारी भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कार्रवाई उन अधिकारियों के लिए एक कड़ी चेतावनी है जो अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर आम जनता से अवैध वसूली करते हैं।NTPC के उप महाप्रबंधक 4.50 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
रायगढ़ जिले के लिए भी यह कार्रवाई विशेष महत्व रखती है। पिछले एक वर्ष के भीतर यह ACB की 8वीं कार्रवाई है, जो यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार के मामलों में रायगढ़ जिले में निरंतर निगरानी और सख्त कार्रवाई की जा रही है।NTPC के उप महाप्रबंधक 4.50 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
आगे की जांच और संदेश:
ACB अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि केवल रिश्वत लेते पकड़े गए अधिकारी तक ही जांच सीमित नहीं रहेगी। विजय दुबे की अन्य संपत्तियों और उनके वित्तीय लेन-देन की भी गहनता से जांच की जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि उन्होंने इस तरह से और कितनी अवैध संपत्ति अर्जित की है।NTPC के उप महाप्रबंधक 4.50 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
ACB के अधिकारियों ने दृढ़ता से कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका यह अभियान निरंतर जारी रहेगा और किसी भी भ्रष्ट अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो। यह कार्रवाई समाज में यह संदेश देती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले लोगों की सुरक्षा की जाएगी और उन्हें न्याय मिलेगा। यह घटना आम जनता को भी प्रेरित करेगी कि वे भ्रष्टाचार के किसी भी मामले को सामने लाने में हिचकिचाएं नहीं।NTPC के उप महाप्रबंधक 4.50 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
यह गिरफ्तारी सिर्फ एक अधिकारी को पकड़ने से कहीं बढ़कर है; यह भ्रष्टाचार रूपी “साँप” के “डंक” को निकालने जैसा है, जिससे जनता में एक बार फिर विश्वास बहाल हो सकता है कि कानून सबके लिए समान है और भ्रष्टाचारियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।NTPC के उप महाप्रबंधक 4.50 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार









