रायपुर

तोमर ब्रदर्स का आतंक: 37 गुंडों की फौज, करोड़ों की वसूली और पुलिस को चकमा; जानें पूरी कहानी

तोमर ब्रदर्स का आतंक: 37 गुंडों की फौज, करोड़ों की वसूली और पुलिस को चकमा; जानें पूरी कहानी

रायपुर: राजधानी रायपुर में सूदखोरी और अवैध वसूली का एक बड़ा नेटवर्क चलाने वाले वीरेंद्र और रोहित तोमर उर्फ तोमर ब्रदर्स पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए हैं। मारपीट, अवैध हथियार और सूदखोरी के संगीन मामलों में नामजद होने के बाद पुलिस की कई टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं, लेकिन दोनों भाई अब तक पकड़ से बाहर हैं।तोमर ब्रदर्स का आतंक:

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पुलिस जाँच में सामने आया है कि तोमर बंधुओं ने अपने काले साम्राज्य को चलाने और लोगों में दहशत फैलाने के लिए लगभग 37 गुंडे पाल रखे थे।तोमर ब्रदर्स का आतंक:

आतंक का नेटवर्क: वसूली के लिए पाल रखी थी 37 गुंडों की फौज

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तोमर बंधुओं का नेटवर्क केवल सूदखोरी तक ही सीमित नहीं था। उन्होंने कर्जदारों को धमकाने, जबरन वसूली करने और अपने विरोधियों को डराने के लिए 37 गुंडों की एक फौज तैयार कर रखी थी। जब से तोमर बंधुओं पर पुलिस का शिकंजा कसा है, इनमें से 25 से ज्यादा गुर्गे भी शहर से गायब हो चुके हैं। पुलिस अब इन फरार गुर्गों की कुंडली खंगाल रही है, जिन्होंने तोमर बंधुओं के अपराधों में उनका साथ दिया। इस मामले में उनके दो कर्मचारियों को भी सह-आरोपी बनाया गया है।तोमर ब्रदर्स का आतंक:

सूदखोरी से सट्टे तक: काले धन का बड़ा खेल

पुलिस को शक है कि तोमर बंधुओं ने सूदखोरी से कमाए करोड़ों रुपये सट्टे के अवैध कारोबार में निवेश किए हैं। दोनों भाइयों का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड रहा है, और पुलिस अब उनके और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों की गहन जाँच कर रही है। पुलिस का मुख्य लक्ष्य सूदखोरी के पैसे और सट्टेबाजी के नेटवर्क के बीच के लिंक को उजागर करना है। जाँच एजेंसियों को यह भी अंदेशा है कि दोनों भाई गिरफ्तारी से बचने के लिए नेपाल भाग सकते हैं।तोमर ब्रदर्स का आतंक:

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CCTV का किला और महिलाएँ बनीं ढाल: ऐसे हुए फरार

तोमर बंधुओं ने अपने घर को एक अभेद्य किले में तब्दील कर रखा था। घर के चारों ओर हाई-डेफिनिशन CCTV कैमरों का जाल बिछाया गया था, जिसकी निगरानी के लिए खास कर्मचारी तैनात थे। किसी भी संदिग्ध गतिविधि या पुलिस के आने की सूचना उन्हें तुरंत मिल जाती थी।तोमर ब्रदर्स का आतंक:

सूत्रों के मुताबिक, जब पुलिस की टीम उनके घर पहुँची, तो उन्होंने एक सोची-समझी साजिश के तहत घर की महिलाओं को आगे कर दिया। महिलाओं ने पुलिस से सर्च वारंट की मांग कर उन्हें बातों में उलझाए रखा। इस कीमती समय का फायदा उठाकर दोनों भाई पिछले दरवाजे से भाग निकलने में कामयाब हो गए।तोमर ब्रदर्स का आतंक:

गुर्गों के नाम पर प्रॉपर्टी और बेनामी खाते: वसूली का नायाब तरीका

जाँच में यह भी खुलासा हुआ है कि तोमर बंधुओं ने लोगों को डरा-धमकाकर उनकी करोड़ों की संपत्ति अपने नाम कराई थी। चालाकी दिखाते हुए उन्होंने ज्यादातर संपत्तियाँ अपने वफादार कर्मचारियों और गुर्गों के नाम पर रजिस्टर कराई थीं। सूदखोरी से मिली रकम भी इन्हीं कर्मचारियों के बैंक खातों में जमा की जाती थी। अब ये सभी कर्मचारी अपनी संपत्तियों और बैंक खातों के साथ गायब हैं, जिससे पुलिस के लिए मनी ट्रेल का पता लगाना एक बड़ी चुनौती बन गया है।तोमर ब्रदर्स का आतंक:

पुलिस ने अब तोमर बंधुओं की पत्नियों को भी आरोपी बनाया है, लेकिन अभी तक उनसे पूछताछ नहीं की गई है। पुलिस की कई टीमें फरार भाइयों और उनके गुर्गों के संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही हैं।तोमर ब्रदर्स का आतंक:

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