छत्तीसगढ़ की तरक्की का डबल इंजन: जंगल और खनिज ने बदली प्रदेश की तस्वीर, 25 सालों में 30 गुना बढ़ी कमाई

मुख्य बिंदु:
राज्य गठन के बाद खनिज राजस्व में 30 गुना की रिकॉर्ड बढ़ोतरी।
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विकास के साथ-साथ प्रदेश के वन क्षेत्र में भी लगातार हो रहा है इजाफा।
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खनन से 2 लाख प्रत्यक्ष और 20 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा हुए।
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बढ़े हुए राजस्व से ‘महतारी वंदन’ जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं को मिल रहा बल।
रायपुर: छत्तीसगढ़ की तरक्की का डबल इंजन: जंगल और खनिज ने बदली प्रदेश की तस्वीर, 25 सालों में 30 गुना बढ़ी कमाई, छत्तीसगढ़, जो अपनी समृद्ध आदिवासी संस्कृति और घने जंगलों के लिए जाना जाता है, पिछले 25 वर्षों में अपने प्राकृतिक संसाधनों के दम पर विकास की एक नई गाथा लिख रहा है। प्रदेश के वन और खनिज संपदा “डबल इंजन” की तरह काम कर रहे हैं, जिससे न केवल राज्य का खजाना भरा है, बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं।
जैसा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “हमारा छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से भरपूर है। यहां का 44% भू-भाग वनों से आच्छादित है… जो राज्य की तरक्की में सहयोगी हैं।” ये संसाधन आज प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।जंगल और खनिज ने बदली प्रदेश की तस्वीर, 25 सालों में 30 गुना बढ़ी कमाई
विकास के साथ बढ़ रही हरियाली: आंकड़ों की गवाही
यह एक आम धारणा है कि विकास और औद्योगीकरण से हरियाली कम होती है, लेकिन छत्तीसगढ़ के आंकड़े इस धारणा को चुनौती देते हैं। भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में वन क्षेत्र लगातार बढ़ा है:
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2021 की रिपोर्ट: वन क्षेत्र में 106 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की गई।
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2023 की रिपोर्ट: वन क्षेत्र में 94.75 वर्ग किलोमीटर की और वृद्धि हुई।
‘हरियर छत्तीसगढ़’ जैसी योजनाओं और प्रभावी वन प्रबंधन से यह संभव हो पाया है।
खनिज संपदा: रोजगार और राजस्व का पावरहाउस
छत्तीसगढ़ में कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट और लिथियम सहित 28 से अधिक प्रकार के खनिजों का विशाल भंडार है। राज्य के गठन के बाद इन संसाधनों के सही उपयोग से प्रदेश की आर्थिक तस्वीर ही बदल गई है:
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राजस्व में उछाल: राज्य बनने के बाद खनिज राजस्व में 30 गुना की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
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रोजगार के अवसर: खनन क्षेत्र लगभग 2 लाख लोगों को सीधा रोजगार और इससे जुड़े उद्योगों के माध्यम से 20 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार दे रहा है।
जनकल्याणकारी योजनाओं को मिल रहा संबल
खनिज से बढ़ी हुई कमाई का सीधा फायदा आम जनता को मिल रहा है। राज्य सरकार इस राजस्व का उपयोग कई महत्वाकांक्षी जनकल्याणकारी योजनाओं को चलाने के लिए कर रही है, जैसे:
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महतारी वंदन योजना
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कृषक उन्नति योजना
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प्रधानमंत्री आवास योजना
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तेंदूपत्ता संग्राहकों को लाभ
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दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना
संतुलित विकास: पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर
विकास की इस दौड़ में पर्यावरण संतुलन का भी ध्यान रखा जा रहा है। खनन के लिए पेड़ों की कटाई चरणबद्ध तरीके से की जाती है। साथ ही, कैम्पा (CAMPA) कोष के तहत प्रतिपूरक वनीकरण और वन्यजीव प्रबंधन के लिए बड़ी धनराशि आवंटित की जाती है। खनन क्षेत्र में वन्यजीव प्रबंधन योजना और मृदा नमी संरक्षण जैसे कार्यों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।जंगल और खनिज ने बदली प्रदेश की तस्वीर, 25 सालों में 30 गुना बढ़ी कमाई
हाल ही में, छत्तीसगढ़ ने कोरबा में भारत के पहले लिथियम ब्लॉक की सफल नीलामी कर एक और कीर्तिमान स्थापित किया है। यह दर्शाता है कि प्रदेश अपने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर एक आत्मनिर्भर और समृद्ध भविष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है।जंगल और खनिज ने बदली प्रदेश की तस्वीर, 25 सालों में 30 गुना बढ़ी कमाई









