
नक्सल मोर्चे पर सुरक्षाबलों को मिली यह एक बड़ी सफलता है, जो क्षेत्र में शांति बहाली की उम्मीद जगाती है।, मंगलवार को एक और बड़ी खबर सामने आई, जब कुख्यात नक्सल नेता सोनू उर्फ भूपति ने अपने 61 साथियों के साथ गढ़चिरौली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उसने अपने साथ 50 हथियार भी सरेंडर किए। भूपति एक बड़े कैडर का नक्सली था और छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में मोस्ट वांटेड था। उस पर लगभग 1 से डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।
सोनू उर्फ भूपति, जिसका असली नाम मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ विवेक उर्फ भूपति उर्फ सोनू उर्फ लक्षन्ना उर्फ रूसी है, लगभग 70 वर्ष का है। वह तेलंगाना के करीमनगर जिले का निवासी है और उसकी पत्नी का नाम डीवीसी ताराबाई है। भूपति वही नक्सली कमांडर है जिसने झीरम घाटी हमले को अंजाम दिया था, जिसमें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं, महेंद्र कर्मा और नंदकुमार पटेल सहित कई लोगों की हत्या हुई थी। सोनू के आत्मसमर्पण के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या झीरम कांड की सच्चाई सामने आ पाएगी।नक्सल मोर्चे पर सुरक्षाबलों को मिली यह एक बड़ी सफलता है
भूपति के समर्पण से पहले, संघर्ष विराम को लेकर उसके द्वारा जारी प्रेस नोट के बाद नक्सल संगठन में खलबली मच गई थी। संगठन ने PLGA को सोनू और उसके साथियों से हथियार छीनने के निर्देश दिए थे, जिससे उसकी जान को अपने ही साथियों से खतरा था। ऐसे में उसका आत्मसमर्पण एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जो नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नई दिशा दे सकता है।नक्सल मोर्चे पर सुरक्षाबलों को मिली यह एक बड़ी सफलता है









