दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव: नामांकन प्रक्रिया पूर्ण, हाईकोर्ट की सख्ती के बीच 18 सितंबर को मतदान

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव: नामांकन प्रक्रिया पूर्ण, हाईकोर्ट की सख्ती के बीच 18 सितंबर को मतदान, देश की सबसे प्रतिष्ठित छात्र राजनीति की नर्सरी माने जाने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की गहमागहमी बुधवार को समाप्त हो गई। विभिन्न छात्र संगठनों से जुड़े उम्मीदवारों ने भारी उत्साह के साथ अपने नामांकन पत्र दाखिल किए। हालांकि, इस चुनावी प्रक्रिया पर दिल्ली उच्च न्यायालय की पैनी नज़र बनी हुई है, जिसने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है और नियमों के कड़े अनुपालन के निर्देश दिए हैं।
नामांकन पत्रों की छंटनी की प्रक्रिया जारी है, जिसके बाद 11 सितंबर को दोपहर 12 बजे तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकेंगे। इसके उपरांत, उसी दिन शाम 5 बजे उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी। दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने 18 सितंबर को मतदान की तारीख तय की है, जबकि इसके अगले दिन, 19 सितंबर की सुबह से मतगणना शुरू होगी और दोपहर तक चुनाव परिणाम सामने आने की उम्मीद है।नामांकन प्रक्रिया पूर्ण, हाईकोर्ट की सख्ती के बीच 18 सितंबर को मतदान
कैंपस में दिखा उत्साह, हाईकोर्ट की चिंता भी बढ़ी
नामांकन के अंतिम दिन दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस में छात्रों और विभिन्न छात्र संगठनों के समर्थकों का भारी जमावड़ा देखा गया। ढोल-नगाड़ों और नारों के बीच उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISA) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के संयुक्त पैनल ने अपने उम्मीदवारों के नामांकन पत्र मंगलवार को ही दाखिल कर दिए थे, जिससे कैंपस में चुनावी सरगर्मी और बढ़ गई थी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) जैसे प्रमुख छात्र संगठन भी अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं।नामांकन प्रक्रिया पूर्ण, हाईकोर्ट की सख्ती के बीच 18 सितंबर को मतदान
इस बार छात्रों को नामांकन भरने के लिए ₹1 लाख के बॉन्ड के स्थान पर ₹500 का डिमांड ड्राफ्ट जमा करना आवश्यक है। साथ ही, एक हलफनामा भी लिया जा रहा है, जिसमें उम्मीदवार चुनाव के दौरान किसी भी नियम का उल्लंघन न करने की शपथ ले रहे हैं। अच्छी बात यह है कि नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन तक किसी बड़े बवाल या अप्रिय घटना की खबर सामने नहीं आई है, जो चुनाव आयोग और विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए एक सकारात्मक संकेत है।नामांकन प्रक्रिया पूर्ण, हाईकोर्ट की सख्ती के बीच 18 सितंबर को मतदान
डीयू अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को दोपहर 3:15 बजे तक नामांकन फॉर्म की छंटनी की जाएगी और शाम 6 बजे तक उम्मीदवारों की प्रारंभिक सूची जारी कर दी जाएगी। अंतिम सूची नामांकन वापसी के बाद 11 सितंबर को शाम 5 बजे जारी होगी।नामांकन प्रक्रिया पूर्ण, हाईकोर्ट की सख्ती के बीच 18 सितंबर को मतदान
दिल्ली उच्च न्यायालय की पैनी नज़र और कड़े निर्देश
डूसू चुनाव में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने गंभीर रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने उन याचिकाओं पर निर्देश पारित किए हैं, जिनमें उम्मीदवारों द्वारा चुनाव नियमों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर चिंता व्यक्त की गई थी।नामांकन प्रक्रिया पूर्ण, हाईकोर्ट की सख्ती के बीच 18 सितंबर को मतदान
कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि याचिकाओं में कुछ ऐसे उदाहरण सामने आए हैं, जिनमें आदर्श आचार संहिता के नियमों का स्पष्ट रूप से पालन नहीं किया गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के वकील ने कोर्ट को बताया कि आज (बुधवार) नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख है और विश्वविद्यालय प्रशासन नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, जिसमें कारण बताओ नोटिस जारी करना भी शामिल है।नामांकन प्रक्रिया पूर्ण, हाईकोर्ट की सख्ती के बीच 18 सितंबर को मतदान
न्यायाधीशों ने टिप्पणी की कि आमतौर पर यह देखा गया है कि उम्मीदवार और उनके समर्थक, चुनाव प्रचार के उत्साह में, इन नियमों से भटक जाते हैं। कोर्ट ने कहा, “डीयू, पुलिस और ट्रैफिक विभाग के कर्तव्यों को कम किए बिना हम देखते हैं कि चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों को और दिखावा करना चाहिए।”नामांकन प्रक्रिया पूर्ण, हाईकोर्ट की सख्ती के बीच 18 सितंबर को मतदान
खंडपीठ ने जोर दिया कि उनके संज्ञान में लाई गई सामग्री इस कहानी को बयां करती है कि कैसे ये उम्मीदवार आचरण के सभी स्थापित मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं। कोर्ट ने इस बात पर बल दिया कि डूसू चुनाव के लिए नियमों और दिशा निर्देशों के संबंध में कड़े कदम उठाना आवश्यक है। कोर्ट ने पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील को आदेश की प्रति की प्रतीक्षा किए बिना पुलिस आयुक्त को तुरंत सूचित करने और उठाए जाने वाले कदमों का विवरण देते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को निर्धारित की गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि न्यायपालिका इस चुनाव पर लगातार अपनी निगरानी बनाए रखेगी।नामांकन प्रक्रिया पूर्ण, हाईकोर्ट की सख्ती के बीच 18 सितंबर को मतदान
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव न केवल कैंपस की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि अक्सर इसे राष्ट्रीय राजनीति का ‘प्रशिक्षण मैदान’ भी माना जाता है। यहां से कई बड़े नेता निकले हैं जिन्होंने देश की राजनीति में अपनी छाप छोड़ी है। ये चुनाव छात्रों को नेतृत्व, संगठन और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को समझने का अवसर प्रदान करते हैं।नामांकन प्रक्रिया पूर्ण, हाईकोर्ट की सख्ती के बीच 18 सितंबर को मतदान
इस वर्ष के चुनाव में प्रमुख छात्र संगठन शिक्षा नीतियों, रोजगार, फीस वृद्धि और कैंपस सुरक्षा जैसे मुद्दों पर छात्रों को लामबंद करने का प्रयास कर रहे हैं। उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के लिए ₹5000 तक खर्च करने की अनुमति है, और दीवारों पर पोस्टर चिपकाना या अनावश्यक शोर-शराबा करना प्रतिबंधित है, हालांकि अक्सर इन नियमों का उल्लंघन देखा जाता है। हाईकोर्ट की सख्ती यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकती है कि चुनाव निष्पक्ष और नियमों के तहत हों।नामांकन प्रक्रिया पूर्ण, हाईकोर्ट की सख्ती के बीच 18 सितंबर को मतदान
अब सभी की निगाहें 11 सितंबर पर टिकी हैं, जब उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी होगी और चुनावी जंग का असली चेहरा सामने आएगा। 18 सितंबर को होने वाला मतदान यह तय करेगा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों का अगला नेतृत्व किसके हाथों में होगा।नामांकन प्रक्रिया पूर्ण, हाईकोर्ट की सख्ती के बीच 18 सितंबर को मतदान









