छत्तीसगढ़ में ‘जंगल राज’ घोटाला: आदिवासियों के 2 करोड़ ‘पचा’ गए नेता-अफसर, मिट्टी पर ही बना दिया 15 लाख का पुल!

छत्तीसगढ़ में ‘जंगल राज’ घोटाला: आदिवासियों के 2 करोड़ ‘पचा’ गए नेता-अफसर, मिट्टी पर ही बना दिया 15 लाख का पुल!
मोहला-मानपुर: आदिवासियों के 2 करोड़ ‘पचा’ गए नेता-अफसर, मिट्टी पर ही बना दिया 15 लाख का पुल, छत्तीसगढ़ के नवगठित आदिवासी बहुल जिले मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में भ्रष्टाचार का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां आदिवासियों के विकास के लिए आए 2 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को नेता, अफसर और ठेकेदार की तिकड़ी ने मिलकर हड़प लिया। आलम यह है कि 15 लाख का पुल बिना सरिया-सेंटरिंग के सीधे नाले की मिट्टी पर ही ढाल दिया गया, जो इस ‘जंगल राज’ घोटाले की जीती-जागती मिसाल है।
मिट्टी पर ही ढाल दिया 15 लाख का पुल, ऐसे खुली भ्रष्टाचार की पोल
इस महाघोटाले का पर्दाफाश मोहला के करमरी ग्राम पंचायत से हुआ। यहां जब ग्रामीणों ने देखा कि 15 लाख की लागत वाला पुल सीधे नाले की मिट्टी पर ही बनाया जा रहा है, तो हड़कंप मच गया। जब इस मामले की पड़ताल की गई तो एक के बाद एक 12 गांवों में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार की परतें खुलती चली गईं। जांच में पता चला कि डोंगरगांव निवासी एक भाजपा नेता और ठेकेदार सागर वर्मा को अधिकारियों की मिलीभगत से सारे काम दिए गए थे।आदिवासियों के 2 करोड़ ‘पचा’ गए नेता-अफसर, मिट्टी पर ही बना दिया 15 लाख का पुल
एक ठेकेदार, 12 गांव, बिना एग्रीमेंट के बांटे करोड़ों के ठेके
यह घोटाला “जंगल में मोर नाचा, किसने देखा” की तर्ज पर किया गया।
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सीधे मंत्रालय से स्वीकृति: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के एक अवर सचिव द्वारा 1 अक्टूबर 2024 को सीधे 12 ग्राम पंचायतों के लिए करोड़ों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति दे दी गई, जिसकी भनक स्थानीय प्रशासन को भी नहीं लगने दी गई।
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बिना एग्रीमेंट के ठेका: तत्कालीन जनपद CEOs ने सरपंच-सचिवों पर दबाव बनाकर सारे काम एक ही ठेकेदार सागर वर्मा को बिना किसी एग्रीमेंट के देने को कहा।
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घटिया निर्माण, पूरा भुगतान: ठेकेदार ने 12 गांवों में पुल, सीसी रोड और मुरमीकरण सड़क जैसे कामों में जमकर भ्रष्टाचार किया। घटिया निर्माण करके अधिकांश जगहों से पूरी राशि का आहरण भी कर लिया गया।
अब जांच के नाम पर लीपापोती? जिस पर जिम्मेदारी, उसी को बनाया जांच अधिकारी
मामला मीडिया में आने के बाद जिला पंचायत सीईओ ने 4 सदस्यीय जांच टीम बनाई है। लेकिन इस जांच पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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हितों का टकराव: जांच टीम का अध्यक्ष ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अनुविभागीय अधिकारी को बनाया गया है, जबकि इसी विभाग पर निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी थी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जो खुद गड़बड़ी में शामिल हो सकता है, वह निष्पक्ष जांच कैसे करेगा?
इन 12 गांवों में हुई करोड़ों की धांधली
घोटाले की आंच इन गांवों तक पहुंची है, जहां लाखों के काम कागजों पर या घटिया गुणवत्ता के साथ हुए:
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मानपुर ब्लॉक: हलोरा (15 लाख), कोसमी (18 लाख), सरोली (18 लाख), संबलपुर (18 लाख), कोड़े (15 लाख), कुम्हारी (15 लाख)।
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मोहला ब्लॉक: उमरपाल (18 लाख), माडियानवाडवी (16 लाख), पाटन खास (16 लाख), करमरी (15 लाख), उसमाल (18 लाख), घोवड़ेटोला (18 लाख)।
आदिवासियों में भारी आक्रोश, प्रशासन से उठा भरोसा
लगातार हो रहे भ्रष्टाचार से क्षेत्र के आदिवासी और स्थानीय निवासियों में भारी नाराजगी है। उनका भरोसा शासन और प्रशासन से उठता जा रहा है। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इन भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो वे एक बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।आदिवासियों के 2 करोड़ ‘पचा’ गए नेता-अफसर, मिट्टी पर ही बना दिया 15 लाख का पुल









