दिवाली के बाद फिर गैस चैंबर बनी दिल्ली: ग्रीन पटाखों से नहीं मिली राहत, AQI 500 पार
धुंध की चादर में लिपटी राजधानी, सांस लेना हुआ मुश्किल; AAP ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

दिवाली के बाद फिर गैस चैंबर बनी दिल्ली: ग्रीन पटाखों से नहीं मिली राहत, AQI 500 पार, दिवाली के बाद राजधानी दिल्ली एक बार फिर जहरीली हवा की चपेट में आ गई है। मंगलवार सुबह शहर घने स्मॉग की चादर में लिपटा दिखा। हर ओर प्रदूषण की धुंध नजर आई और हवा में मौजूद जहरीले कणों ने सांस लेना मुश्किल कर दिया। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई इलाकों में 400 से ऊपर और कुछ स्थानों पर 500 पार पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
GRAP-2 लागू होने के बावजूद हवा और बिगड़ी
दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-2) पहले से लागू है। इसके तहत कोयला और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर रोक, डीजल जनरेटर बंद करने और औद्योगिक इकाइयों पर निगरानी जैसे कदम उठाए गए हैं। लेकिन इसके बावजूद प्रदूषण में कोई खास सुधार नहीं हुआ। हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है।दिवाली के बाद फिर गैस चैंबर बनी दिल्ली: ग्रीन पटाखों से नहीं मिली राहत
पिछली दिवालियों जैसा ही रहा हाल
वायु प्रदूषण दिवाली के बाद दिल्ली के लिए नया संकट नहीं है। SAFAR के आंकड़ों के अनुसार:
| वर्ष | दिवाली के बाद AQI | श्रेणी |
|---|---|---|
| 2024 | 359 | बहुत खराब |
| 2023 | 438 | गंभीर |
| 2022 | 315 | बहुत खराब |
| 2021 | 454 | गंभीर |
पिछले वर्षों की तरह इस बार भी दिवाली के बाद प्रदूषण में उछाल देखने को मिला है।
ग्रीन पटाखों का प्रभाव सीमित
सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष सीमित मात्रा में ‘ग्रीन पटाखों’ की अनुमति दी थी, जिनके बारे में दावा किया गया था कि वे कम प्रदूषण फैलाते हैं। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि इन पटाखों का प्रदूषण पर बहुत कम असर हुआ। आनंद विहार में AQI 360 दर्ज किया गया, जबकि वर्ष 2023 में यहीं AQI 396 था। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रीन पटाखों ने प्रदूषण के स्तर को रोकने में कोई अहम भूमिका नहीं निभाई।दिवाली के बाद फिर गैस चैंबर बनी दिल्ली: ग्रीन पटाखों से नहीं मिली राहत
पर्यावरणविदों ने जताई चिंता
प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता भवरीन कंधारी ने कहा,
“वायु प्रदूषण केवल पर्यावरण का मुद्दा नहीं, यह जनस्वास्थ्य आपदा है। ‘कम जहरीले पटाखे’ कहना भी गलत है। क्या हम अपने बच्चों को कम जहर देना चाहते हैं?”
उन्होंने कहा कि तीन दशक से स्वच्छ हवा के लिए प्रयास जारी हैं, लेकिन नीतियों में बदलाव की कमी सबसे बड़ी समस्या है।दिवाली के बाद फिर गैस चैंबर बनी दिल्ली: ग्रीन पटाखों से नहीं मिली राहत
आम आदमी पार्टी ने साधा केंद्र पर निशाना
राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। आप नेता और दिल्ली प्रभारी सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा,दिवाली के बाद फिर गैस चैंबर बनी दिल्ली: ग्रीन पटाखों से नहीं मिली राहत
“केंद्र सरकार ने दिवाली के बाद ‘कृत्रिम बारिश’ कराने का वादा किया था, लेकिन बारिश आज तक नहीं हुई। केवल बयानबाजी हो रही है, जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार प्रदूषण पर काबू पाने के बजाय लोगों को बीमारी की ओर धकेल रही है।
बढ़ती बीमारी और स्वास्थ्य खतरे
AIIMS दिल्ली के श्वसन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वर्तमान प्रदूषण स्तर अस्थमा, एलर्जी, फेफड़ों के संक्रमण और आंखों में जलन की समस्या बढ़ा सकता है। डॉक्टरों ने बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक बताई है और सभी से मास्क पहनने की अपील की है।दिवाली के बाद फिर गैस चैंबर बनी दिल्ली: ग्रीन पटाखों से नहीं मिली राहत
दिल्ली में वायु प्रदूषण अब हर साल का संकट बन चुका है। ‘ग्रीन पटाखे’, GRAP-2 और अन्य प्रतिबंधों के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो रहा। विशेषज्ञ समाधान के लिए दीर्घकालिक नीति, सख्त क्रियान्वयन और जनभागीदारी की मांग कर रहे हैं। फिलहाल दिल्ली की हवा दम घोंटू बनी हुई है और इस स्थिति से उबरना सरकार और समाज के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।दिवाली के बाद फिर गैस चैंबर बनी दिल्ली: ग्रीन पटाखों से नहीं मिली राहत









