न शेल्टर होम, न सड़कों से हटेंगे आवारा कुत्ते! सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, डॉग लवर्स और RWA के लिए नए नियम जारी

न शेल्टर होम, न सड़कों से हटेंगे आवारा कुत्ते! सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, डॉग लवर्स और RWA के लिए नए नियम जारी, आवारा कुत्तों को लेकर डॉग लवर्स और आम नागरिकों के बीच चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा और संतुलित फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने एक पुराने आदेश में संशोधन करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि आवारा कुत्तों को उनके इलाके से हटाया नहीं जाएगा। इस फैसले में नगर निगम, डॉग लवर्स, एनजीओ और आम लोगों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश?
पहले एक आदेश में यह कहा गया था कि दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर शेल्टर होम में रखा जाएगा। लेकिन अब तीन जजों की बेंच ने इस फैसले को बदलते हुए एक बीच का रास्ता निकाला है, जिसका उद्देश्य कुत्तों की देखभाल और इंसानों की सुरक्षा दोनों को सुनिश्चित करना है।न शेल्टर होम, न सड़कों से हटेंगे आवारा कुत्ते!
आवारा कुत्तों का अब क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट के नए निर्देशों के अनुसार, अब स्वस्थ आवारा कुत्तों को उनके इलाके से नहीं हटाया जाएगा।न शेल्टर होम, न सड़कों से हटेंगे आवारा कुत्ते!
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सड़कों पर ही रहेंगे कुत्ते: नगर निगम या किसी भी एजेंसी द्वारा पकड़े गए कुत्तों की नसबंदी (Sterilization) और टीकाकरण (Vaccination) के बाद उन्हें वापस उसी इलाके में छोड़ना अनिवार्य होगा।
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सिर्फ बीमार और आक्रामक कुत्ते जाएंगे शेल्टर होम: हालांकि, जो कुत्ते आक्रामक, हिंसक या किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें उठाकर शेल्टर होम में रखा जाएगा और उनका इलाज किया जाएगा। ऐसे कुत्तों को वापस सड़क पर नहीं छोड़ा जाएगा।
डॉग लवर्स के लिए ‘फीडिंग जोन’ अनिवार्य
कोर्ट ने कुत्तों को खाना खिलाने वालों (डॉग फीडर्स) के लिए भी नियम तय किए हैं, ताकि आम लोगों को परेशानी न हो।न शेल्टर होम, न सड़कों से हटेंगे आवारा कुत्ते!
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तय जगह पर ही खिलाएं खाना: नगर निगम को हर इलाके में कुत्तों की आबादी के हिसाब से ‘फीडिंग जोन’ यानी खाना खिलाने के लिए निश्चित जगह बनानी होगी।
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सड़क पर खाना खिलाना प्रतिबंधित: डॉग लवर्स केवल इन्हीं तय जगहों पर कुत्तों को खाना खिला सकेंगे। सड़कों, पार्कों या घरों के सामने कहीं भी खाना खिलाने की अनुमति नहीं होगी।
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नोटिस बोर्ड लगेंगे: नगर निगम इन फीडिंग जोन की जानकारी देने के लिए जगह-जगह नोटिस बोर्ड लगाएगा।
गोद लेने के लिए भी बने नियम
जो लोग आवारा कुत्तों को पालना चाहते हैं, उनके लिए कोर्ट ने एक कानूनी प्रक्रिया तय की है।न शेल्टर होम, न सड़कों से हटेंगे आवारा कुत्ते!
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अपना सकते हैं कुत्ते: कोई भी व्यक्ति नगर निगम में आवेदन करके आवारा कुत्ते को गोद ले सकता है।
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पूरी जिम्मेदारी मालिक की होगी: गोद लेने के बाद कुत्ते की पूरी जिम्मेदारी (देखभाल, टीकाकरण, सुरक्षा) मालिक की होगी। गोद लिए गए कुत्ते को वापस सड़क पर घूमने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता।
नियम तोड़ने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए कड़े प्रावधान किए हैं।न शेल्टर होम, न सड़कों से हटेंगे आवारा कुत्ते!
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शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर: सभी नगर निगमों को एक हेल्पलाइन नंबर जारी करना होगा, जहां लोग नियमों के उल्लंघन की शिकायत कर सकेंगे।
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सरकारी काम में बाधा डालने पर केस: यदि कोई व्यक्ति या संगठन इन नियमों को लागू करने में बाधा डालता है, तो उसके खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
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सुनवाई में शामिल होने के लिए जमा करनी होगी राशि: कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि इस मामले में पक्षकार बनने वाले हर डॉग लवर को 25,000 रुपये और एनजीओ को 2 लाख रुपये की राशि जमा करानी होगी। इस फंड का इस्तेमाल नगर निगम कुत्तों की भलाई के लिए करेगा।









