शीर्ष नक्सली बसवराजू समेत 8 नक्सलियों का पुलिस ने किया अंतिम संस्कार, परिजनों का कड़ा विरोध

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छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए शीर्ष नक्सली नेता बसवराजू समेत आठ नक्सलियों का अंतिम संस्कार सोमवार शाम को पुलिस द्वारा स्थानीय मुक्तिधाम में कर दिया गया। पुलिस ने इस कार्रवाई के पीछे शवों के पिछले छह दिनों से खराब हो रहे होने का तर्क दिया है। इस घटना ने परिजनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के बीच भारी रोष उत्पन्न किया है।शीर्ष नक्सली बसवराजू समेत 8 नक्सलियों का पुलिस ने किया अंतिम संस्कार
अबूझमाड़ मुठभेड़ और नक्सलियों की पहचान
नारायणपुर के अबूझमाड़ इलाके में हुई भीषण मुठभेड़ में कई नक्सली मारे गए थे, जिनमें देश के शीर्ष नक्सलियों में से एक बसवराजू भी शामिल था। कुल आठ नक्सलियों के शवों का अंतिम संस्कार पुलिस ने सोमवार शाम को किया। इससे पहले, छत्तीसगढ़ के 19 अन्य मारे गए नक्सलियों के शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके थे।शीर्ष नक्सली बसवराजू समेत 8 नक्सलियों का पुलिस ने किया अंतिम संस्कार
पुलिस की कार्रवाई और तर्क
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शव पिछले छह दिनों से মর্र्चुरी में रखे हुए थे और उनकी स्थिति बिगड़ने लगी थी, जिस कारण उनका अंतिम संस्कार करना आवश्यक हो गया था। इसी आधार पर पुलिस ने इन आठ शवों का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया।शीर्ष नक्सली बसवराजू समेत 8 नक्सलियों का पुलिस ने किया अंतिम संस्कार
परिजनों का विरोध और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का साथ
जिन आठ नक्सलियों का अंतिम संस्कार किया गया, उनमें से पांच आंध्र प्रदेश के और तीन छत्तीसगढ़ के थे। विशेष रूप से बसवराजू के परिजन, जो आंध्र प्रदेश से थे, आंध्र हाईकोर्ट के एक सुझाव के साथ नारायणपुर पहुंचे थे। उन्होंने, अन्य परिजनों और देशभर से आए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर शवों की मांग करते हुए एसपी कार्यालय तक रैली भी निकाली।शीर्ष नक्सली बसवराजू समेत 8 नक्सलियों का पुलिस ने किया अंतिम संस्कार
परिजनों ने इस बात पर गहरा रोष व्यक्त किया कि जब छत्तीसगढ़ के नक्सलियों के शव उनके परिवारों को सौंपे जा सकते हैं, तो आंध्र प्रदेश के नक्सलियों के शव उन्हें क्यों नहीं दिए गए। उनका आरोप था कि यह भेदभावपूर्ण कार्रवाई है।शीर्ष नक्सली बसवराजू समेत 8 नक्सलियों का पुलिस ने किया अंतिम संस्कार
कानूनी दांव-पेंच और निराशा
बसवराजू के परिजनों ने शव प्राप्ति के लिए आंध्र हाईकोर्ट के सुझाव का भी हवाला दिया था, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो सकी। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, सोमवार देर शाम तक सभी परिजन और मानवाधिकार कार्यकर्ता निराश होकर नारायणपुर से लौट गए।शीर्ष नक्सली बसवराजू समेत 8 नक्सलियों का पुलिस ने किया अंतिम संस्कार
अनसुलझे सवाल
यह घटना नक्सलवाद की समस्या के साथ-साथ मानवाधिकारों और कानूनी प्रक्रियाओं से जुड़े कई अहम सवाल खड़े करती है। परिजनों द्वारा अपने प्रियजनों के अंतिम संस्कार का अधिकार एक संवेदनशील मुद्दा है, जिस पर पुलिस प्रशासन और मानवाधिकार संगठनों के बीच अक्सर मतभेद देखे जाते हैं।शीर्ष नक्सली बसवराजू समेत 8 नक्सलियों का पुलिस ने किया अंतिम संस्कार









