भांठापारा-बलौदाबाजार

छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग का अजब-गजब खेल: ट्रांसफर के बाद भी पुराने स्कूल में पोस्टिंग, अब महीने भर से शिक्षक गायब!

छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग का अजब-गजब खेल: ट्रांसफर के बाद भी पुराने स्कूल में पोस्टिंग, अब महीने भर से शिक्षक गायब!, छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बलौदा बाजार जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां नियमों को ताक पर रखकर एक शिक्षक का ट्रांसफर रद्द कर उसे वापस पुराने स्कूल में ही पदस्थ कर दिया गया। हैरानी की बात यह है कि ज्वाइनिंग करने के बाद से यह शिक्षक पिछले एक महीने से स्कूल से लापता है, और विभाग सब कुछ जानते हुए भी मौन बैठा है।

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नियमों की धज्जियां उड़ाकर की गई पोस्टिंग

यह पूरा मामला बलौदा बाजार जिले के पीएम श्री स्कूल टुण्ड्रा का है। यहां पदस्थ शिक्षक वागेंद्र देवांगन को सरकार की युक्तियुक्तकरण (Rationalization) नीति के तहत अतिशेष (Surplus) मानते हुए सिमगा ब्लॉक के प्राथमिक शाला कंजिया पथरा में ट्रांसफर किया गया था। इस नीति का उद्देश्य उन स्कूलों में शिक्षक भेजना है, जहां उनकी कमी है।छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग का अजब-गजब खेल: ट्रांसफर के बाद भी पुराने स्कूल में पोस्टिंग

लेकिन शिक्षक वागेंद्र देवांगन ने नए स्कूल में ज्वाइन करने के बजाय उच्च अधिकारियों के पास एक अभ्यावेदन (Appeal) लगा दिया। आरोप है कि यहीं से अधिकारियों के साथ कथित सांठगांठ का खेल शुरू हुआ और नियमों के विरुद्ध जाकर उन्हें वापस पीएम श्री स्कूल टुण्ड्रा में ही पदस्थ कर दिया गया। यह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि जिस स्कूल से शिक्षक को छात्रों के अनुपात में अतिरिक्त मानकर हटाया गया था, उसी स्कूल में दोबारा पोस्टिंग कैसे दे दी गई?छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग का अजब-गजब खेल: ट्रांसफर के बाद भी पुराने स्कूल में पोस्टिंग

एक महीने से स्कूल से नदारद शिक्षक, विभाग मौन

सूत्रों के मुताबिक, शिक्षक वागेंद्र देवांगन ने कागजी तौर पर टुण्ड्रा स्कूल में ज्वाइनिंग तो कर ली, लेकिन तब से वे स्कूल नहीं आ रहे हैं। करीब एक महीना बीत चुका है, लेकिन न तो उनकी उपस्थिति दर्ज हो रही है और न ही वे बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इसके बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है, जो विभाग की मिलीभगत की ओर इशारा करता है।छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग का अजब-गजब खेल: ट्रांसफर के बाद भी पुराने स्कूल में पोस्टिंग

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विवादों से रहा है शिक्षक का पुराना नाता

यह कोई पहली बार नहीं है जब शिक्षक वागेंद्र देवांगन विवादों में आए हैं। इससे पहले भी ग्रामीणों की शिकायत के बाद उन्हें लगभग चार महीने के लिए कसडोल विकासखंड शिक्षा कार्यालय में अटैच किया गया था। इसके बावजूद विभाग ने उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करने के बजाय उन्हें हमेशा बचाया है।छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग का अजब-गजब खेल: ट्रांसफर के बाद भी पुराने स्कूल में पोस्टिंग

ग्रामीणों और अभिभावकों में भारी गुस्सा

शिक्षा विभाग की इस लापरवाही और शिक्षक की मनमानी से स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों में भारी रोष है। उनका कहना है कि इस पूरे खेल का सीधा असर उनके बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। जिस स्कूल में पहले से ही 46 छात्रों के लिए दो शिक्षक मौजूद हैं, वहां नियमों के खिलाफ एक और शिक्षक को रखना और फिर उसके गायब रहने पर भी कोई एक्शन न लेना, विभाग की घोर लापरवाही को दर्शाता है। ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की है और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग का अजब-गजब खेल: ट्रांसफर के बाद भी पुराने स्कूल में पोस्टिंग

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