सूरजपुर में लकड़ी माफिया का आतंक: हरे पेड़ों की अवैध कटाई जारी, प्रशासन मौन
सूरजपुर। सूरजपुर जिले में लकड़ी माफिया बेखौफ होकर बिना नंबर प्लेट वाले ट्रैक्टरों से हरे पेड़ों की अवैध कटाई और परिवहन कर रहे हैं। बाहरी राज्यों उत्तर प्रदेश और बिहार से आए लकड़ी तस्करों का संगठित गिरोह सक्रिय है, जो यूकेलिप्टस की आड़ में नीम, आम, बबूल और सेमर जैसे कीमती वृक्षों की अंधाधुंध कटाई कर रहा है।हरे पेड़ों की अवैध कटाई
➡️ प्रशासन और राजस्व विभाग की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं, जिससे अधिकारियों और कर्मचारियों पर तस्करों से मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं।हरे पेड़ों की अवैध कटाई
पेड़ों की अवैध कटाई पर प्रशासन की निष्क्रियता
🌿 सरकार एक तरफ “एक पेड़ मां के नाम” अभियान चला रही है, लेकिन सूरजपुर में तस्कर हरियाली नष्ट करने में लगे हुए हैं।
🚜 बिना नंबर प्लेट वाले ओवरलोडेड ट्रैक्टर सड़कों पर दौड़ रहे हैं, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
📍 ग्राम पंचायत पर्री, पीढ़ा और पसला में बड़े पैमाने पर लकड़ी का भंडारण हो रहा है।
🚛 रात के अंधेरे में लकड़ी से भरे ट्रक अन्य राज्यों में भेजे जा रहे हैं।
➡️ नागरिकों का सवाल: इतने बड़े पैमाने पर हो रहे इस अवैध कारोबार की भनक प्रशासन को क्यों नहीं लग रही? क्या अधिकारियों की मिलीभगत से तस्करों को खुली छूट मिली हुई है?
तस्करों को राजनीतिक संरक्षण का आरोप
🔴 सूत्रों के मुताबिक, इस अवैध धंधे में कुछ छुटभैया नेता भी शामिल हैं।
📞 अगर कोई अधिकारी तस्करों को रोकता है, तो वे नेताओं से फोन करवा लेते हैं और जांच वहीं खत्म हो जाती है।
🚨 स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि तस्करों के अवैध डिपो पर छापेमारी कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
बिना दस्तावेज रह रहे बाहरी तस्कर, पुलिस पर सवाल
🏠 ग्राम पंचायत पर्री और तिलसिवा में यूपी और बिहार से आए तस्कर पिछले कई महीनों से रह रहे हैं।
📜 इनकी न तो थाने में मुसाफिरी दर्ज है, न ही मकान मालिकों ने कोई दस्तावेज संधारित किए हैं।
👮 पुलिस की ओर से कोई जांच-पड़ताल नहीं की जा रही, जिससे उनकी भूमिका भी संदिग्ध लग रही है।
➡️ नागरिकों ने प्रशासन से इन बाहरी लोगों की सख्त जांच करने और अवैध रूप से रह रहे तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
लकड़ी तस्करों के अवैध डिपो: प्रशासन की अनदेखी
📍 तस्करों ने किराए की जमीन लेकर कई जगहों पर अवैध डिपो बना रखे हैं।
🌲 पहले पेड़ों को काटकर ट्रैक्टरों से इन डिपो तक लाया जाता है और फिर बड़े ट्रकों में लोड कर बाहर भेज दिया जाता है।
🚜 24 घंटे भारी वाहनों की आवाजाही से हादसों का खतरा भी बढ़ गया है।
➡️ प्रश्न: क्या प्रशासन ने कभी इन डिपो को वैधता की जांच की? या उन्हें खुली छूट दे दी गई है?
वन विभाग ने दी कार्रवाई की चेतावनी
🌳 वनपरिक्षेत्र अधिकारी उमेश वस्त्रकार ने कहा कि अवैध कटाई और भंडारण पर कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
📜 अब पेड़ों की कटाई के लिए एसडीएम कार्यालय से अनुमति लेनी होगी।
🚔 अवैध डिपो पर छापेमारी होगी, और हाल ही में एक ट्रक व ट्रैक्टर जब्त किए गए हैं।
➡️ क्या यह कार्रवाई केवल दिखावे की है, या प्रशासन तस्करों पर सच में शिकंजा कसेगा?
नागरिकों की मांग: जल्द हो सख्त कार्रवाई!
📢 स्थानीय लोगों ने मांग की है कि:-
✔️ अवैध डिपो को तत्काल सील किया जाए।
✔️ बिना दस्तावेज रह रहे बाहरी तस्करों की जांच हो।
✔️ बिना नंबर प्लेट वाले ट्रैक्टरों की धरपकड़ हो।
✔️ प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता की जांच हो।