
मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का ‘करोड़ों का खेल’: CBI छापे के बावजूद एजेंट बोले- ‘5 लाख दो, सीट पक्की’, ऐसे चल रहा पूरा नेटवर्क
मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का ‘करोड़ों का खेल’, देशभर में मेडिकल शिक्षा (NEET-UG) में भ्रष्टाचार और धांधली के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक तरफ CBI निजी मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दिलाने में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर रही है, तो दूसरी तरफ एडमिशन एजेंट बेखौफ होकर अपना नेटवर्क चला रहे हैं। ये एजेंट NRI और मैनेजमेंट कोटे से सीटें दिलाने का वादा कर छात्रों और अभिभावकों से करोड़ों रुपये वसूल रहे हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिस कॉलेज में हाल ही में CBI ने छापा मारा था, वहां के लिए भी खुलेआम सीटें बुक की जा रही हैं।
‘एक करोड़ में सीट, 5 लाख एडवांस’: कैसे काम कर रहा है ये सिंडिकेट?
मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही यह पूरा सिंडिकेट सक्रिय हो गया है। एजेंटों का दावा है कि वे छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के निजी कॉलेजों में एक से सवा करोड़ रुपये के पैकेज में सीट दिला सकते हैं।मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का ‘करोड़ों का खेल’
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एडवांस बुकिंग: सीट पक्की करने के लिए 5 लाख रुपये का एडवांस मांगा जा रहा है।
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नेटवर्क का दावा: ये एजेंट दावा करते हैं कि उनका सिस्टम इतना मजबूत है कि वे काउंसलिंग और मेरिट लिस्ट को दरकिनार कर सीधे एडमिशन करा सकते हैं।
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CBI छापे का भी नहीं डर: रावतपुरा कॉलेज के लिए भी बुकिंग जारी!
कुछ ही हफ्ते पहले, रायपुर के रावतपुरा निजी मेडिकल कॉलेज में सीटें बढ़ाने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में CBI ने NMC (नेशनल मेडिकल कमीशन) और कॉलेज के अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इस कार्रवाई के बाद कॉलेज पर नए सत्र के लिए “जीरो ईयर” (उस सत्र में कोई एडमिशन नहीं) घोषित होने का खतरा मंडरा रहा है।मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का ‘करोड़ों का खेल’
इसके बावजूद, एडमिशन एजेंट इस कॉलेज के लिए भी एक करोड़ रुपये में सीट बुक कर रहे हैं। जब एजेंट से इस बारे में पूछा गया तो उसने बेखौफ होकर जवाब दिया, “इस तरह के छापे तो हर साल पड़ते रहते हैं, अंत में सेटलमेंट हो ही जाता है और कॉलेज को मान्यता मिल जाती है।”मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का ‘करोड़ों का खेल’
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कानूनी पेंच और विवादों में घिरा NRI कोटा
छत्तीसगढ़ में NRI कोटे का मामला पहले से ही विवादों में है। यहां “स्पांसर्ड NRI कोटे” के तहत एडमिशन दिए जाते हैं, जिसका मतलब है कि NRI अपने नजदीकी रिश्तेदारों (दो पीढ़ी तक) के एडमिशन को स्पांसर कर सकते हैं।मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का ‘करोड़ों का खेल’
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हाईकोर्ट में याचिका: इस नियम के खिलाफ बिलासपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर अभी फैसला आना बाकी है।
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विभाग ने मांगा मार्गदर्शन: खुद चिकित्सा शिक्षा विभाग (DME) ने शासन को पत्र लिखकर NRI कोटे के नियमों पर स्पष्ट मार्गदर्शन मांगा है।
इतनी अनिश्चितता और कानूनी पेंच के बावजूद, एजेंट धड़ल्ले से NRI सीटों की बुकिंग कर रहे हैं, जो इस पूरे सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े करता है।मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का ‘करोड़ों का खेल’
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पड़ताल: रिपोर्टर और एजेंट की बातचीत के चौंकाने वाले अंश
इस नेटवर्क की सच्चाई जानने के लिए जब एक रिपोर्टर ने एजेंट से बात की तो चौंकाने वाले जवाब मिले:
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रिपोर्टर: क्या NRI सीटों पर बुकिंग हो रही है?
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एजेंट: हां, बिल्कुल! छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कॉलेजों में ₹1 से ₹1.25 करोड़ के पैकेज में सीट मिल जाएगी। 5 लाख एडवांस दीजिए और सीट पक्की समझिए।
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रिपोर्टर: लेकिन सीटें तो काउंसलिंग और मेरिट से मिलती हैं, आप सीधे कैसे दिला देंगे?
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एजेंट: हर कोई एक करोड़ रुपये नहीं दे सकता। बिना बुकिंग के सीट कन्फर्म नहीं होती। हमने पिछले कई सालों में ऐसे एडमिशन कराए हैं।
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रिपोर्टर: रावतपुरा में तो CBI का छापा पड़ा है, वहां जीरो ईयर हो सकता है?
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एजेंट: ये सब हो जाता है। आप चिंता मत करिए। हर साल कहीं न कहीं छापे पड़ते हैं, लेकिन अंत में कॉलेज को मान्यता मिल ही जाती है।









