आठ दिन जिंदगी की जंग हार गया मजदूर, परिजनों के हंगामे के बाद प्रबंधन ने 12 लाख मुआवजे और नौकरी का दिया आश्वासन

कोरबा : आठ दिन जिंदगी की जंग हार गया मजदूर, आठ दिन जिंदगी की जंग हार गया मजदूर, परिजनों के हंगामे के बाद प्रबंधन ने 12 लाख मुआवजे और नौकरी का दिया आश्वासन, कोरबा स्थित छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी (CSEB) के कोरबा पश्चिम प्लांट में एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां मेंटेनेंस कार्य के दौरान करंट की चपेट में आने से एक ठेका कर्मी की मौत हो गई, जबकि एक इंजीनियर गंभीर रूप से घायल है। इस घटना के बाद कंपनी प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे हैं। परिजनों के भारी विरोध और हंगामे के बाद प्रबंधन ने 12 लाख रुपये मुआवजे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, यह हादसा 7 अगस्त, 2025 को CSEB के कोरबा पश्चिम एचटीपीपी प्लांट में हुआ। प्लांट के संचालन और मेंटेनेंस का काम जीमैक्स (GMAX) नामक कंपनी देख रही थी, जिसे क्लीनिंग और टाइटनेस का ठेका दिया गया था। इसी कार्य के दौरान, ठेका कर्मी सुरेंद्र साहू और CSEB के इंजीनियर आकाश कुजूर एक लाइव ब्रेकर की चपेट में आ गए, जिससे वे बुरी तरह झुलस गए।आठ दिन जिंदगी की जंग हार गया मजदूर
दोनों को गंभीर हालत में रायपुर के कालड़ा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां करीब आठ दिनों तक चले इलाज के बाद 15 अगस्त की सुबह सुरेंद्र साहू ने जिंदगी की जंग हार दी। घायल इंजीनियर आकाश कुजूर का इलाज अभी भी जारी है।आठ दिन जिंदगी की जंग हार गया मजदूर
प्रबंधन की लापरवाही और परिजनों का आक्रोश
इस हादसे ने प्लांट में सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शुरुआती जांच और आरोपों के अनुसार, मेंटेनेंस कार्य में गंभीर लापरवाही बरती गई, जिसके कारण यह जानलेवा हादसा हुआ।आठ दिन जिंदगी की जंग हार गया मजदूर
सुरेंद्र साहू का शव पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही रायपुर से कोरबा लाया गया, परिजनों और स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कंपनी प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। आक्रोशित परिजनों ने मृतक के परिवार के लिए तत्काल मुआवजे और एक सदस्य को स्थायी नौकरी देने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे थाने का घेराव कर उग्र प्रदर्शन करेंगे।आठ दिन जिंदगी की जंग हार गया मजदूर
आश्वासन के बाद शांत हुआ मामला
बढ़ते तनाव और आक्रोश को देखते हुए CSEB प्रबंधन और ठेका कंपनी के अधिकारी हरकत में आए। उन्होंने मृतक के परिजनों से बातचीत की। लंबी चर्चा के बाद, प्रबंधन ने मृतक सुरेंद्र साहू के परिवार को 12 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने पर सहमति जताई। इस आश्वासन के बाद ही परिजन शांत हुए और मामले का पटाक्षेप हुआ।आठ दिन जिंदगी की जंग हार गया मजदूर
 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				









