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कोरबा वन मंडल में नरवा विकास योजना में करोड़ों का घोटाला? घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

कोरबा वन मंडल में नरवा विकास योजना में करोड़ों का घोटाला? घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

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छत्तीसगढ़ के कोरबा वन मंडल में राज्य कैम्पा मद द्वारा वित्तपोषित नरवा विकास योजना बड़े भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गई है। करोड़ों रुपये की लागत से हुए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, जिससे योजना के उद्देश्यों पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा उठाई गई आवाजों के बाद जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वे चौंकाने वाले हैं।कोरबा वन मंडल में नरवा विकास योजना में करोड़ों का घोटाला

मुख्य आरोप और शिकायतें

प्रारंभिक जांच और शिकायतों के अनुसार, नरवा विकास योजना के तहत कई निर्माण कार्य या तो अधूरे हैं, या केवल कागजों में पूरे दिखा दिए गए। जहां निर्माण हुआ भी है, वहां गुणवत्ता और मानकों को ताक पर रख दिया गया है। घटिया सामग्री का उपयोग और निर्माण प्रक्रिया में अनियमितताएं स्पष्ट रूप से उजागर हुई हैं।कोरबा वन मंडल में नरवा विकास योजना में करोड़ों का घोटाला

घोटाले के केंद्रबिंदु: प्रमुख स्थल और खामियां

जांच में तीन मुख्य स्थलों पर गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों की पड़ताल अभी जारी है:

  1. जीरापानी नाला (कक्ष क्रमांक OA 1224, 1225, P 922–927)

    • स्वीकृत राशि: ₹1.64 करोड़

    • स्वीकृति पत्र: सीईओ कैम्पा रायपुर, क्रमांक 109, दिनांक 25.11.2022

    • जमीनी हकीकत:

      • ब्रश वुड चेक डैम, लूज बोल्डर चेक डैम और कंटूर ट्रेंच जैसे महत्वपूर्ण कार्य या तो आधे-अधूरे हैं या मौके से नदारद हैं।

      • तालाब की खुदाई, जो नियमानुसार श्रमिकों द्वारा की जानी थी, जेसीबी मशीन से करवा दी गई।

      • निर्माण में जंगल की रेत, निम्न गुणवत्ता की गिट्टी और स्थानीय बोल्डर का उपयोग किया गया, जो तय मानकों का खुला उल्लंघन है।

      • स्टॉप डैम की स्वीकृत लंबाई, चौड़ाई और गहराई में भी भारी कमी पाई गई।

  2. बरदरहा नाला (कक्ष क्रमांक P 1153)

    • स्वीकृत राशि: ₹16.68 लाख

    • स्वीकृति पत्र: क्रमांक 94A, दिनांक 08.06.2021

    • गंभीर लापरवाही:

      • तालाब गहरीकरण का कार्य भी, नियमों के विपरीत, मशीन से कराया गया।

      • निर्धारित गहराई और चौड़ाई के मानकों का पालन नहीं किया गया।

      • कई महत्वपूर्ण जल संरचनाएं मौके पर मिली ही नहीं, जिससे यह आशंका है कि काम केवल कागजों पर हुआ।

  3. वीजाखर्रा नाला, हाथीमुड़ा गांव (कक्ष क्रमांक P 1068)

    • स्वीकृत राशि: ₹54.11 लाख

    • स्वीकृति पत्र: क्रमांक 94A, दिनांक 08.06.2021

    • मुख्य शिकायतें:

      • लगभग ₹50 लाख की लागत से बना स्टॉप डैम अत्यंत घटिया गुणवत्ता का है और मानकों पर खरा नहीं उतरता।

      • 21 लूज बोल्डर चेक डैम या तो अधूरे हैं या बनाए ही नहीं गए।

      • गेबियन संरचना निर्माण के कुछ समय बाद ही क्षतिग्रस्त हो गई, जो सीमेंट और अन्य सामग्री की खराब गुणवत्ता का प्रमाण है।

निर्माण की गुणवत्ता: साल भर में ही पोल खुली

आश्चर्यजनक रूप से, मार्च 2024 तक पूरे होने वाले इन निर्माण कार्यों में से अधिकांश एक साल के भीतर ही जर्जर हो चुके हैं। ग्रामीणों के अनुसार, कई जगहों पर डैम की ऊपरी परत उखड़ने लगी है, जो निर्माण में इस्तेमाल हुई सामग्री की निम्न गुणवत्ता को उजागर करता है।कोरबा वन मंडल में नरवा विकास योजना में करोड़ों का घोटाला

“कागजों पर विकास, जमीन पर धोखा” – ग्रामीणों का दर्द

स्थानीय निवासियों का स्पष्ट कहना है कि कई संरचनाएं सिर्फ सरकारी फाइलों में बनी हैं, धरातल पर उनका कोई अस्तित्व नहीं है। यह सीधे तौर पर सरकारी धन के दुरुपयोग और फर्जीवाड़े की ओर इशारा करता है।कोरबा वन मंडल में नरवा विकास योजना में करोड़ों का घोटाला

जनता की मांग: न्याय और पारदर्शिता

सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रभावित ग्रामीणों ने निम्नलिखित प्रमुख मांगें उठाई हैं:

  • सभी संबंधित परियोजनाओं की तत्काल उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच कराई जाए।

  • दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और ठेकेदारों के विरुद्ध कड़ी आपराधिक कार्रवाई सुनिश्चित हो।

  • अधूरे और घटिया निर्माण कार्यों में खर्च हुई सरकारी राशि की वसूली की जाए।

  • भविष्य में ऐसी सभी योजनाओं का नियमित रूप से सामाजिक अंकेक्षण (सोशल ऑडिट) अनिवार्य किया जाए।

विभागीय प्रतिक्रिया और संभावित कदम

इस पूरे मामले पर अब तक वन विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला राज्य कैम्पा मुख्यालय, रायपुर के संज्ञान में आ चुका है और जल्द ही जांच शुरू होने की संभावना है।कोरबा वन मंडल में नरवा विकास योजना में करोड़ों का घोटाला

यह प्रकरण सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की महत्ता को रेखांकित करता है। देखना होगा कि इस कथित घोटाले पर प्रशासन क्या रुख अपनाता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।कोरबा वन मंडल में नरवा विकास योजना में करोड़ों का घोटाला

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