खरोरा मशरूम कंपनी में मजदूरों का शोषण? तीन ठेकेदारों पर केस, संचालक पर कार्रवाई का इंतजार

खरोरा मशरूम कंपनी में मजदूरों का शोषण? तीन ठेकेदारों पर केस, संचालक पर कार्रवाई का इंतजार
खरोरा मशरूम कंपनी में मजदूरों का शोषण? तीन ठेकेदारों पर केस, छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले के खरोरा स्थित एक मशरूम यूनिट में मजदूरों के कथित शोषण और बंधक बनाकर काम कराने का गंभीर मामला सामने आया है। महिला एवं बाल विकास विभाग की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन ठेकेदारों—विकास तिवारी, विपिन तिवारी और नितेश तिवारी—के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। हालांकि कंपनी संचालक के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं हुई, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
मामला कैसे उजागर हुआ?
सूचना मिली थी कि मशरूम उत्पादन इकाई में दर्जनों श्रमिकों—जिनमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे भी शामिल—को कथित रूप से महीनों तक बंधक जैसा रखकर काम कराया जा रहा था। खबर पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन, पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग और बाल अधिकार से जुड़े एक स्वयंसेवी संगठन की टीम स्थल पर पहुंची। जांच के दौरान कई लोगों को वहां से मुक्त कराया गया।खरोरा मशरूम कंपनी में मजदूरों का शोषण? तीन ठेकेदारों पर केस
कितने लोग प्रभावित बताए गए?
स्थानीय इनपुट और प्रारंभिक जांच के अनुसार स्थल पर लगभग 50 से अधिक श्रमिक मौजूद थे। कुछ रिपोर्टों में संख्या 50-52 के बीच बताई जा रही है। इनमें से कई महिलाएं और कुछ नाबालिग बच्चे भी होने की आशंका जताई गई है। आधिकारिक पुष्टि विस्तृत जांच रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगी।खरोरा मशरूम कंपनी में मजदूरों का शोषण? तीन ठेकेदारों पर केस
तीन ठेकेदार बने आरोपी
पुलिस ने महिला एवं बाल विकास विभाग से मिली शिकायत के आधार पर ठेकेदार विकास, विपिन और नितेश तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि इनके माध्यम से मजदूरों से अनुचित तरीके से काम कराया गया। फिलहाल इन पर लगाए गए धाराओं और आगे की कानूनी कार्रवाई का विवरण पुलिस जांच में स्पष्ट होगा।खरोरा मशरूम कंपनी में मजदूरों का शोषण? तीन ठेकेदारों पर केस
संचालक पर अभी कार्रवाई क्यों नहीं?
बहस का बड़ा मुद्दा यह है कि मशरूम कंपनी के संचालक को अब तक आरोपी नहीं बनाया गया है। क्या संचालक की भूमिका की जांच जारी है? क्या जिम्मेदारी ठेकेदार स्तर पर सीमित मानी जा रही है? पुलिस ने कहा है कि भूमिकाओं की परत-दर-परत जांच की जा रही है और आवश्यक सबूत मिलने पर आगे कार्रवाई से इंकार नहीं किया जा सकता।खरोरा मशरूम कंपनी में मजदूरों का शोषण? तीन ठेकेदारों पर केस
स्थान पर मीडिया को रोके जाने का आरोप
घटना की सूचना पर मीडिया पहुँची तो कवरेज रोकने की कोशिश किए जाने के आरोप सामने आए। स्थानीय छायाकारों को प्रवेश से रोकना, फोटो डिलीट करने का दबाव और खबर प्रकाशित न करने की चेतावनी जैसी बातें सामने आईं। इससे आशंका मजबूत हुई कि मामले पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा था।खरोरा मशरूम कंपनी में मजदूरों का शोषण? तीन ठेकेदारों पर केस
बाल संरक्षण आयोग की चिंता
छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वर्णिका शर्मा ने निरीक्षण के बाद स्थिति को “चिंताजनक” बताया। उनका कहना है कि यदि बच्चों से श्रम कराया गया या उन्हें बंधक रखा गया, तो यह गंभीर कानूनी उल्लंघन है। आयोग ने मामले की विस्तृत जांच और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।खरोरा मशरूम कंपनी में मजदूरों का शोषण? तीन ठेकेदारों पर केस
अगले चरण की कार्रवाई
आने वाले दिनों में निम्न बिंदुओं पर अपडेट महत्वपूर्ण होंगे:
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प्रभावित व्यक्तियों की आधिकारिक संख्या की पुष्टि।
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क्या बाल श्रम, मानव तस्करी या बंधन श्रम संबंधित धाराएँ जोड़ी जाएँगी?
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संचालक या प्रबंधन की भूमिका पर पुलिस रिपोर्ट।
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रेस्क्यू किए गए मजदूरों के पुनर्वास और मुआवज़ा उपाय।
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श्रम कानूनों और फैक्ट्री निरीक्षण व्यवस्था पर राज्य-स्तरीय समीक्षा।









